नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने छह राज्यों के विधानसभा चुनाव (assembly polls of six states) में इस्तेमाल की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के मामले में शीघ्र सुनवाई करने का उच्चतम न्यायालय से बुधवार को अनुरोध किया. इन मशीनों का अभी इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, क्योंकि एक आदेश के तहत कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान चुनाव याचिका सहित याचिकायें दायर होने के कारण इन्हें संरक्षित रखने की समय सीमा बढ़ा दी गयी थी.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice N V Ramana), न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह (senior advocate Vikas Singh) ने कहा कि बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machines) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (Voter Verified Paper Audit Trail machines) का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है जबकि आगामी चुनावों के लिये आयोग को इनकी जरूरत है.
पीठ ने सिंह का कथन सुनने के बाद कहा कि इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जायेगी. उन्होंने असम, केरल, दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से संबंधित चुनाव याचिकाएं दाखिल करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने का पीठ से अनुरोध किया.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, 'हमें इन ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों को ठीक करना होगा और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा पंजाब जैसे राज्यों में चुनाव के मद्देनजर इस याचिका पर सुनवाई आवश्यक है.'
पीठ ने कहा, 'ठीके है, हम इस पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे.' कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 27 अप्रैल 2021 को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव याचिकाओं सहित अन्य याचिका दायर करने के लिए वैधानिक अवधि में ढील दी थी.
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इसके परिणामस्वरूप, कोई भी व्यक्ति अभी भी निर्वाचित प्रत्याशी के चुनाव को चुनौती दी सकता है और प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन आयोग को साक्ष्य के रूप में इन ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को न्यायिक कार्यवाही के मद्देनजर संरक्षित रखना होगा.
आयोग ने अपनी याचिका में कहा है कि इस वजह से हाल ही में सम्पन्न विधान सभा चुनावों में प्रयुक्त सारी ईवीएम और वीवीपैट अवरुद्ध हो गयी हैं और आगामी चुनावों में इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.