तरनतारन: पाकिस्तान से सटी सीमा पर ड्रोन के जरिये हथियार और नशीले पदार्थ की तस्करी के खतरे का अंत छह महीने में हो जाएगा. भारत में एक ऐसी स्वदेशी ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी विकसित की जा रही है, जिससे राष्ट्र विरोधी तत्वों के इस तरह के दुस्साहस पर रोक लगाई जा सकेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये जानकारी दी.
सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी की तीन डिजाइन पर काम कर रही हैं और अंतिम परिणाम तीन या इन तीनों का संयोजन हो सकता है. अधिकारी ने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल से सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी का खतरा अगले छह महीनों में खत्म हो जाएगा. तब तक ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी की व्यवस्था हो जाएगी. उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी की टेस्टिंग चल रही है. और ये अंतिम चरण में है.
पंजाब और जम्मू कश्मीर में ड्रोन या मानवरहित विमान (यूएवी) का उपयोग करके पाकिस्तान से भेजे गये हथियारों, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों को गिराया जाना कई सालों से सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी समस्या रही है. सरकार ने अगस्त में बताया था कि पिछले तीन सालों में पंजाब में सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किये जाने के 53 मामलों का पता चला है.