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न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा : डॉ कफील खान

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में BRD Medical College में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई कई बच्चों की मौत केस में आरोपी डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया है. UPPSC ने डॉ. कफील को बर्खास्त किए जाने पर मुहर लगा दी थी. इससे पहले उन्होंने ईटीवी भारत के साथ इस पूरे मामले पर बातचीत करते हुए कहा था, 'हम न्याय के लिए आखिरी तक लड़ेंगे.'

डॉ कफील खान
डॉ कफील खान
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Published : Aug 11, 2021, 7:21 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 1:23 PM IST

लखनऊ : 10 अगस्त 2017 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 63 बच्चों की मौत हो गई थी. इस त्रासदी को चार साल बीत चुके हैं. इस मामले में मुख्य आरोपी डॉ. कफील खान ने उक्त मामले से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी थी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा था, इस दौरान मेरे खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज किए गए. हालांकि कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया.

डॉ कफील खान से बातचीत

उन्होंने कहा था कि हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की दोबारा जांच वापस ले ली है. यह हमारे लिए आधी जीत है. उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपनी लापरवाही और भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं करती.

उन्होंने अपने निलंबन का जिक्र करते हुए कहा था कि इस मामले से जुडे़ कई लोगों ठीक हो गए हैं. लेकिन मैं ठीक क्यों नहीं हो रहा हूं? मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं.

उन्होंने कहा था कि, किसी भी सरकारी कर्मचारी का निलंबन दो साल से अधिक के लिए नहीं हो सकता. मुझे सस्पेंड हुए चार साल हो गए हैं, जो कानून के खिलाफ है. हमने इस मुद्दे को कोर्ट में चुनौती भी दी है.

पढ़ें :- यूपी सरकार ने डॉ. कफील खान को किया बर्खास्त

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा था, मैं जेल से रिहा होने के बाद मेरी मदद करने के लिए उनका आभारी हूं. उन्होंने कहा, मैं एक डॉक्टर हूं और मैं डॉक्टर ही बना रहना चाहता हूं. राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है.

उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि एनएसए की कार्रवाई निराधार है और उनका भाषण देश को एकजुट करने वाला था और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था.

लखनऊ : 10 अगस्त 2017 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 63 बच्चों की मौत हो गई थी. इस त्रासदी को चार साल बीत चुके हैं. इस मामले में मुख्य आरोपी डॉ. कफील खान ने उक्त मामले से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी थी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा था, इस दौरान मेरे खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज किए गए. हालांकि कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया.

डॉ कफील खान से बातचीत

उन्होंने कहा था कि हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की दोबारा जांच वापस ले ली है. यह हमारे लिए आधी जीत है. उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपनी लापरवाही और भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं करती.

उन्होंने अपने निलंबन का जिक्र करते हुए कहा था कि इस मामले से जुडे़ कई लोगों ठीक हो गए हैं. लेकिन मैं ठीक क्यों नहीं हो रहा हूं? मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं.

उन्होंने कहा था कि, किसी भी सरकारी कर्मचारी का निलंबन दो साल से अधिक के लिए नहीं हो सकता. मुझे सस्पेंड हुए चार साल हो गए हैं, जो कानून के खिलाफ है. हमने इस मुद्दे को कोर्ट में चुनौती भी दी है.

पढ़ें :- यूपी सरकार ने डॉ. कफील खान को किया बर्खास्त

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा था, मैं जेल से रिहा होने के बाद मेरी मदद करने के लिए उनका आभारी हूं. उन्होंने कहा, मैं एक डॉक्टर हूं और मैं डॉक्टर ही बना रहना चाहता हूं. राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है.

उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि एनएसए की कार्रवाई निराधार है और उनका भाषण देश को एकजुट करने वाला था और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था.

Last Updated : Nov 11, 2021, 1:23 PM IST
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