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सोने से जड़े होंगे राम मंदिर के 14 दरवाजे, 100 मीटर पैदल चलकर रामलला के दर्शन करेंगे पीएम मोदी

अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) को भव्यता देने का काम जारी है. इसी कड़ी में राम मंदिर के दरवाजों को स्वर्ण जड़ित करने की तैयारी है. साथ ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए भी तैयारी चल रही है. 22 जनवरी को प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भाग लेंगे. वह 100 मीटर पैदल चलकर रामलला (Ramlala) के दर्शन को पहुंचेंगे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2023, 11:09 AM IST

अयोध्याः अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को भव्यता देने के लिए मंदिर के दरवाजे, गुंबद और शिखर को स्वर्ण जड़ित करने की योजना पर कार्य शुरू हो गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की माने तो कारसेवकपुरम कार्यशाला परिसर में राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर लगने वाले 14 दरवाजों पर पहले तांबे का कवर और उसके बाद उसके ऊपर सोने की परत लगाने का काम शुरू किया जा चुका है. इसके लिए दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कारीगर अयोध्या पहुंच चुके हैं. वहीं, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए भी मंथन शुरू हो गया है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पीएम मोदी करीब 100 मीटर पैदल चलकर मंदिर के गर्भग्रह में पहुंचेंगे.

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भगवान गणेश समेत कई देवी देवताओं को दरवाजों पर उकेरा जा रहा.
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कुछ इस तरह सोने से जड़े होंगे राम मंदिर के दरवाजे.



हीरा व्यापारी ने भगवान राम के मुकुट में हीरे जड़वाने का किया आग्रह
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली से अयोध्या पहुंचे दर्जन भर कुशल कारीगर सागौन के दरवाजों पर पहले तांबे की चद्दर लगाएंगे. इसके बाद 5 लेयर में सोने का वर्क लगाया जाएगा. सूत्रों का दावा है कि अहमदाबाद के एक हीरा व्यापारी ने भगवान के मुकुट में हीरे जड़वाने का भी प्रस्ताव दिया है. हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय आना बाकी है. भगवान राम के प्रति अपनी आस्था रखने वाले देश के करोड़ों राम भक्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार राम मंदिर निर्माण में नगद धनराशि और आभूषण, हीरे, मोती, चांदी दान कर रहे हैं. राम लला ट्रस्ट की योजना के अनुसार रामलला स्वर्ण जनित मुकुट धारण करेंगे. उनके हाथों में धनुष बाण भी रहेगा.

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मंदिर के दरवाजों पर की जा रही सुंदर नक्काशी.

अतिथियों को एक किलोमीटर पैदल चलना होगा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को प्रस्तावित भगवान के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर आम श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वह 26 जनवरी के बाद मंदिर दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचें. वहीं, जिन अतिथियों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है उन्हें भी लगभग 1 किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल तय करनी होगी. पूर्व की बैठक के बाद मीडिया कर्मियों के सवाल के जवाब में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी स्पष्ट किया था कि जो भी अतिथि चलने में अशक्त हैं या दूर तक नहीं चल सकते और काफी देर तक एक स्थान पर नहीं बैठ सकते वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से परहेज करें.

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मंदिर के भीतर का भव्य गुंबद.
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राम मंदिर का निर्माण तेजी से जारी.
न
मंदिर में हर ओर नजर आएगी सुंदर नक्काशी.
2 घंटे अगर एक स्थान पर नहीं बैठ सकते तो कार्यक्रम से बचेंबताते चलें की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान लगभग ढाई घंटे तक यह आयोजन चलेगा, इस दरमियान आयोजन स्थल पर लगाई गई कुर्सियों पर बैठने वाले अतिथियों को बाहर आने जाने पर प्रतिबंध होगा. ऐसे में उनके लिए असुविधा हो सकती है जिन्हें एक स्थान पर काफी देर तक एक अवस्था में बैठने में समस्या है.ऐसे अतिथियों को आमंत्रण के बाद भी इन सभी बातों की जानकारी दे दी गई है.
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फर्श पर सुंदर आकृतियां उकेर रहे कारीगर.

100 मीटर पैदल चलकर रामलला के दर्शन करेंगे पीएम मोदी
ट्रस्ट की योजना के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को जब अयोध्या पहुंचेंगे संभवत साकेत महाविद्यालय के ग्राउंड में हेलीपैड बनाया जाएगा. यहां से वह सड़क मार्ग के जरिए राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे. यहां पर परकोटे के बाहर उनके काफिले को रोका जा सकता है. इसके बाद पैदल ही वह रामलला के दरबार में दर्शन के लिए और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बतौर यजमान शामिल होने के लिए पहुंचेंगे. सूत्रों की माने तो पीएम मोदी लगभग 100 मी पैदल चलकर प्राण प्रतिष्ठा स्थल तक पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ेंः संस्कृति संसद में जुटे 1200 संत, राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए किया महारुद्राभिषेक

ये भी पढ़ेंः अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा के लिए मास्टर प्लान तैयार, कंट्रोल रूम के लिए भूमि पूजन

ये भी पढ़ेंः दीपोत्सव पर निकलने वाली शोभायात्रा में दिखेगी पूरी रामकथा, रोशनी से नहाएगा रामपथ

अयोध्याः अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को भव्यता देने के लिए मंदिर के दरवाजे, गुंबद और शिखर को स्वर्ण जड़ित करने की योजना पर कार्य शुरू हो गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की माने तो कारसेवकपुरम कार्यशाला परिसर में राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर लगने वाले 14 दरवाजों पर पहले तांबे का कवर और उसके बाद उसके ऊपर सोने की परत लगाने का काम शुरू किया जा चुका है. इसके लिए दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कारीगर अयोध्या पहुंच चुके हैं. वहीं, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए भी मंथन शुरू हो गया है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पीएम मोदी करीब 100 मीटर पैदल चलकर मंदिर के गर्भग्रह में पहुंचेंगे.

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भगवान गणेश समेत कई देवी देवताओं को दरवाजों पर उकेरा जा रहा.
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कुछ इस तरह सोने से जड़े होंगे राम मंदिर के दरवाजे.



हीरा व्यापारी ने भगवान राम के मुकुट में हीरे जड़वाने का किया आग्रह
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली से अयोध्या पहुंचे दर्जन भर कुशल कारीगर सागौन के दरवाजों पर पहले तांबे की चद्दर लगाएंगे. इसके बाद 5 लेयर में सोने का वर्क लगाया जाएगा. सूत्रों का दावा है कि अहमदाबाद के एक हीरा व्यापारी ने भगवान के मुकुट में हीरे जड़वाने का भी प्रस्ताव दिया है. हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय आना बाकी है. भगवान राम के प्रति अपनी आस्था रखने वाले देश के करोड़ों राम भक्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार राम मंदिर निर्माण में नगद धनराशि और आभूषण, हीरे, मोती, चांदी दान कर रहे हैं. राम लला ट्रस्ट की योजना के अनुसार रामलला स्वर्ण जनित मुकुट धारण करेंगे. उनके हाथों में धनुष बाण भी रहेगा.

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मंदिर के दरवाजों पर की जा रही सुंदर नक्काशी.

अतिथियों को एक किलोमीटर पैदल चलना होगा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को प्रस्तावित भगवान के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर आम श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वह 26 जनवरी के बाद मंदिर दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचें. वहीं, जिन अतिथियों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है उन्हें भी लगभग 1 किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल तय करनी होगी. पूर्व की बैठक के बाद मीडिया कर्मियों के सवाल के जवाब में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी स्पष्ट किया था कि जो भी अतिथि चलने में अशक्त हैं या दूर तक नहीं चल सकते और काफी देर तक एक स्थान पर नहीं बैठ सकते वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से परहेज करें.

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मंदिर के भीतर का भव्य गुंबद.
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राम मंदिर का निर्माण तेजी से जारी.
न
मंदिर में हर ओर नजर आएगी सुंदर नक्काशी.
2 घंटे अगर एक स्थान पर नहीं बैठ सकते तो कार्यक्रम से बचेंबताते चलें की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान लगभग ढाई घंटे तक यह आयोजन चलेगा, इस दरमियान आयोजन स्थल पर लगाई गई कुर्सियों पर बैठने वाले अतिथियों को बाहर आने जाने पर प्रतिबंध होगा. ऐसे में उनके लिए असुविधा हो सकती है जिन्हें एक स्थान पर काफी देर तक एक अवस्था में बैठने में समस्या है.ऐसे अतिथियों को आमंत्रण के बाद भी इन सभी बातों की जानकारी दे दी गई है.
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फर्श पर सुंदर आकृतियां उकेर रहे कारीगर.

100 मीटर पैदल चलकर रामलला के दर्शन करेंगे पीएम मोदी
ट्रस्ट की योजना के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को जब अयोध्या पहुंचेंगे संभवत साकेत महाविद्यालय के ग्राउंड में हेलीपैड बनाया जाएगा. यहां से वह सड़क मार्ग के जरिए राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे. यहां पर परकोटे के बाहर उनके काफिले को रोका जा सकता है. इसके बाद पैदल ही वह रामलला के दरबार में दर्शन के लिए और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बतौर यजमान शामिल होने के लिए पहुंचेंगे. सूत्रों की माने तो पीएम मोदी लगभग 100 मी पैदल चलकर प्राण प्रतिष्ठा स्थल तक पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ेंः संस्कृति संसद में जुटे 1200 संत, राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए किया महारुद्राभिषेक

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