नगरोटा (जम्मू और कश्मीर) : दिग्विजय सिंह द्वारा 2019 के सर्जिकल स्ट्राइक की प्रामाणिकता पर सवाल उठाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच, उत्तेजित जयराम रमेश ने मीडिया को खूब कोसा. उन्होंने कहा कि अब प्रश्नों को प्रधान मंत्री पर निर्देशित किया जाना चाहिए.
जयराम रमेश ने जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक हंगामे से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है. उनकी पार्टी द्वारा उत्तर दिया गया है और मीडिया को अपने प्रश्नों को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर लक्षित करने की आवश्यकता है. दिग्विजय सिंह ने विवाद को थामने की कोशिश करते हुए कहा कि मेरे मन में सेना के लिए सबसे अधिक सम्मान है. कांग्रेस महासचिव रमेश इससे जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने से बचते रहे और कहा कि हमने सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं.
राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के सीतनी बाईपास नगरोटा से शुरू हुई. जयराम रमेश ने कहा कि हमने सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं. आप जाकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो चाहती थी, कह चुकी है. मैंने उसके संबंध में कल ट्वीट किया था. मैं इसके अलावा कुछ नहीं कहना चाहता. ट्विटर पर रमेश ने दावा किया कि यूपीए सरकार ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी. वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं और कांग्रेस से इसका कोई संबंध नहीं है.
यूपीए सरकार द्वारा 2014 से पहले सर्जिकल स्ट्राइक किए गए थे. कांग्रेस ने राष्ट्रीय हित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का समर्थन किया है और समर्थन करना जारी रखेगी. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सोमवार को सवाल उठाया और सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपनी नफरत में अंधी हो गई है और उसने सशस्त्र बलों का अपमान किया है.
उनके बयान से एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा होने के बाद कांग्रेस ने इससे दूरी बना ली और कहा कि यह उनका अपना विचार है तथा पार्टी के रुख को प्रदर्शित नहीं करता. जम्मू कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों को श्रीनगर से दिल्ली हवाई मार्ग से लाने के उसके (सीआरपीएफ के) अनुरोध पर सहमत नहीं हुई थी और पुलवामा में 2019 के एक आतंकी हमले में 40 सैनिकों को अपना बलिदान देना पड़ा.
अपनी टिप्पणियों से अकसर विवाद पैदा करने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, वे सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं. वे कई लोगों को मारने की बात करते हैं लेकिन कोई सबूत नहीं दिया. वे झूठ के पुलिंदों के सहारे शासन कर रहे हैं. वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से यह प्रदर्शित होता है कि देश में की जा रही राहुल गांधी नीत पदयात्रा सिर्फ नाम की भारत जोड़ो यात्रा है, जबकि वह और उनकी पार्टी के सहकर्मी देश तोड़ने के लिए कार्य कर रहे हैं.
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया, यह असल में भारत तोड़ो यात्रा है. उन्होंने कहा,यदि वे सशस्त्र बलों के खिलाफ बोलेंगे, तो भारत बर्दाश्त नहीं करेगा. राहुल गांधी और कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करती है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे नफरत में इस कदर अंधे हो गये हैं कि देश के प्रति उनका समर्पण घट गया है. उन्होंने कहा कि वायुसेना ने जब कहा था कि उसने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर हमला किया है, इसके शीघ्र बाद कांग्रेस नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाये थे. भाटिया ने दावा किया, राहुल और कांग्रेस को हमारे बहादुर सशस्त्र बलों पर विश्वास नहीं है. उन्होंने बार-बार सवाल उठाये हैं और भारत के नागरिकों तथा हमारे सशस्त्र बलों का अपमान किया है.
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जम्मू कश्मीर में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों को श्रीनगर से दिल्ली हवाई मार्ग से लाने के उसके (सीआरपीएफ के) अनुरोध पर सहमत नहीं हुई थी और पुलवामा में 2019 के एक आतंकी हमले में 40 सैनिकों को अपना बलिदान देना पड़ा.