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दो साल बाद नवरात्रि पर होंगे गरबा और डांडिया के कार्यक्रम, बढ़ी प्राइवेट जासूसों की मांग

नवरात्रि (navratri festival) के दौरान महाराष्ट्र और गुजरात में अभिभावक अपने बच्चों की और पति-पत्नी एक दूसरे पर नजर रखने के लिए प्राइवेट डिटेक्टिव का सहारा लेते हैं. कुछ माता-पिता सुरक्षा के लिहाज से भी बच्चों पर नजर रखने को कहते हैं वहीं, कुछ परिवार अपनी होने वाली बहू या दामाद की भी जासूसी करवाते हैं.

महाराष्ट्र और गुजरात में बढ़ी निजी जासूसों की मांग
महाराष्ट्र और गुजरात में बढ़ी निजी जासूसों की मांग
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Published : Sep 13, 2022, 1:48 PM IST

मुंबई : नवरात्रि (navratri festival) के शुरू होते ही पूरा महाराष्ट्र और गुजरात मस्ती और उमंग भरे माहौल में डूब जाता है. ऐसे में युवक-युवतियां अपने घर से शाम को निकलते हैं. देर रात तक या कई बार सुबह ही घर लौटते हैं. इसके पीछे प्रत्यक्ष कारण तो मध्‍यरात्रि तक चलने वाले गरबा और डांडिया के कार्यक्रम होते हैं. लेकिन कई बार इस माहौल का फायदा युवक-युवती अपने अभिभावकों और पति-पत्नी एक दूसरे को चीट करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. इसलिए एतिहासिक तौर से यह देखा गया है कि नवरात्र के दौरान महाराष्ट्र और गुजरात में अभिभावक अपने बच्चों की और पति-पत्नी एक दूसरे पर नजर रखने के लिए प्राइवेट डिटेक्टिव (private detectives) का सहारा लेते हैं.

मुंबई में रहने वाली भारत की पहली महिला जासूस रजनी पंडित ने ईटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण गरबा और डांडिया के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे थे तो हमारे पास काम भी नहीं आ रहा था. लेकिन इस बार पहले की तरह सामान्य कार्यक्रम हो रहे हैं. हमें काम भी मिल रहा है. पिछले दो-तीन दिनों में दस काम आए हैं. हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में कई और काम आने की संभावना है.

पढ़ें: गरबा पर जीएसटी की मार, पढ़ें खबर

रजनी पंडित ने बताया कि नवरात्रि पर आयोजित होने वाले आयोजनों के दौरान युवक-युवतियां डांडिया-गरबा के नाम पर घरों से बाहर रहते हैं. कई पति-पत्नी भी, जिनके रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे होते हैं, अलग-अलग आयोजनों में जाते हैं. रजनी ने बताया कि जब माता-पिता या पति-पत्नी को संदेह होता है, तो वे हमारे पास आते हैं. हमें उस व्यक्ति पर नजर रखने के लिए कहते हैं. हमारे जासूस उनपर नजर रखते हैं. संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी क्लाइंट के साथ शेयर करते हैं.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में मेरे पास मुंबई के साथ-साथ सूरत, अहमदाबाद में भी कई काम मिले हैं. अगर मुंबई में काम होता है तो हम 50 से 60 हजार तक चार्ज करते हैं. मुंबई से बाहर के काम का खर्च कई अन्य बातों पर निर्भर करता है. हम दो से लेकर नौ दिन तक की पूरी जानकारी और फॉलोअप का काम लेते हैं. रजनी पंडित ने बताया कि कुछ माता-पिता सुरक्षा के लिहाज से भी बच्चों पर नजर रखने को कहते हैं वहीं कुछ परिवार अपनी होने वाली बहू या दामाद की भी जासूसी करवाते हैं. इस दौरान ऐसे भी केस आते हैं जिसमें कोई जोड़ पहले से ही तलाक के लिए कोर्ट जा चुका है लिए उन्हें और सबूतों की आवश्यकता है.

मुंबई : नवरात्रि (navratri festival) के शुरू होते ही पूरा महाराष्ट्र और गुजरात मस्ती और उमंग भरे माहौल में डूब जाता है. ऐसे में युवक-युवतियां अपने घर से शाम को निकलते हैं. देर रात तक या कई बार सुबह ही घर लौटते हैं. इसके पीछे प्रत्यक्ष कारण तो मध्‍यरात्रि तक चलने वाले गरबा और डांडिया के कार्यक्रम होते हैं. लेकिन कई बार इस माहौल का फायदा युवक-युवती अपने अभिभावकों और पति-पत्नी एक दूसरे को चीट करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. इसलिए एतिहासिक तौर से यह देखा गया है कि नवरात्र के दौरान महाराष्ट्र और गुजरात में अभिभावक अपने बच्चों की और पति-पत्नी एक दूसरे पर नजर रखने के लिए प्राइवेट डिटेक्टिव (private detectives) का सहारा लेते हैं.

मुंबई में रहने वाली भारत की पहली महिला जासूस रजनी पंडित ने ईटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण गरबा और डांडिया के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे थे तो हमारे पास काम भी नहीं आ रहा था. लेकिन इस बार पहले की तरह सामान्य कार्यक्रम हो रहे हैं. हमें काम भी मिल रहा है. पिछले दो-तीन दिनों में दस काम आए हैं. हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में कई और काम आने की संभावना है.

पढ़ें: गरबा पर जीएसटी की मार, पढ़ें खबर

रजनी पंडित ने बताया कि नवरात्रि पर आयोजित होने वाले आयोजनों के दौरान युवक-युवतियां डांडिया-गरबा के नाम पर घरों से बाहर रहते हैं. कई पति-पत्नी भी, जिनके रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे होते हैं, अलग-अलग आयोजनों में जाते हैं. रजनी ने बताया कि जब माता-पिता या पति-पत्नी को संदेह होता है, तो वे हमारे पास आते हैं. हमें उस व्यक्ति पर नजर रखने के लिए कहते हैं. हमारे जासूस उनपर नजर रखते हैं. संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी क्लाइंट के साथ शेयर करते हैं.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में मेरे पास मुंबई के साथ-साथ सूरत, अहमदाबाद में भी कई काम मिले हैं. अगर मुंबई में काम होता है तो हम 50 से 60 हजार तक चार्ज करते हैं. मुंबई से बाहर के काम का खर्च कई अन्य बातों पर निर्भर करता है. हम दो से लेकर नौ दिन तक की पूरी जानकारी और फॉलोअप का काम लेते हैं. रजनी पंडित ने बताया कि कुछ माता-पिता सुरक्षा के लिहाज से भी बच्चों पर नजर रखने को कहते हैं वहीं कुछ परिवार अपनी होने वाली बहू या दामाद की भी जासूसी करवाते हैं. इस दौरान ऐसे भी केस आते हैं जिसमें कोई जोड़ पहले से ही तलाक के लिए कोर्ट जा चुका है लिए उन्हें और सबूतों की आवश्यकता है.

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