लखनऊ : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस दिन हमारे देश के नेता न कहना और ब्यूरोक्रेट्स हां कहना सीख जाएंगे, उसी दिन देश का कल्याण होगा और देश सुधर जाएगा. उन्होंने कहा कि आमतौर पर जनता में यह धारणा है कि ब्यूरोक्रेट्स (नौकरशाह) उस तरह से जनता के साथ पेश नहीं आते हैं, जिस तरह से उन्हें पेश आना चाहिए. किसी के भी अंदर अहंकार का भाव नहीं आना चाहिए, अहंकार से वह अपने कद को और भी छोटा कर देता है. जनता से सही तरीके से बातचीत कर उनकी समस्याओं का निस्तारण करना चाहिए. इसी से वह बड़ा बनता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ध्येय फाउंडेशन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के सभी नेताओं को यह समझना चाहिए कि हर बात के लिए हां नहीं कहना है. नेता उन चीजों के लिए भी हां कर देते हैं जिनके लिए वह कुछ नहीं कर सकते. इसी से जनता का नेताओं से विश्वास उठ रहा है. भारत की राजनीति में विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो चुका है.
अहंकार से होता है पतन : रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने आज तक अपने राजनीतिक जीवन में कभी अहंकार नहीं किया. कहा कि व्यक्ति के अंदर जिस दिन अहंकार आ जाता है उसी दिन से उसका पतन शुरू हो जाता है, इसलिए कभी भी मन में अहंकार नहीं पालना चाहिए. कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने अपने छात्र जीवन के बारे में भी बताया. कहा कि छात्र जीवन से ही राजनीति का कीड़ा उन्हें कुरेदता रहता था. इमरजेंसी का दौर था, 23 साल की उम्र में वह जेल भी गए थे. कहा कि ब्यूरोक्रेट्स को पद पर रहते हुए जनप्रतिनिधि द्वारा सुझाए गए किसी भी अच्छी बात को ध्यान से सुनना चाहिए, उचित होने पर उसकी समस्या का निस्तारण करना चाहिए. जनता से संबंधित मुद्दों को जनप्रतिनिधि को उठाना ही चाहिए और यही उसका दायित्व है. जनता के प्रति इसलिए ब्यूरोक्रेट को अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर काम करना होगा, तभी चीजें व्यवस्थित होंगी.
सही ढंग से करें चुनौतियों का सामना : कार्यक्रम में सिविल सर्विसेज में चयनित अभ्यर्थियों को सम्मानित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कई प्रकार की चुनौतियां सामने आती हैं, चाहे कितने भी मुश्किल आए, चुनौती आए, उसका सामना ठीक ढंग से करना चाहिए. अपने अंदर के बच्चे को भी कभी खत्म मत करिएगा. कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आ ही जाते हैं, जहां आपको समझ ही नहीं आता है कि आखिर करें तो क्या करें. ऐसी स्थिति में अपने विवेक को अपने साथ रखें और विवेक का साथ बिल्कुल न छोड़ें. विवेक से फैसला करेंगे तो सभी समस्याओं का समाधान निकलेगा. यह सारी बातें मैं अपने अनुभव के आधार पर कह रहा हूं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि आप सभी मेरे बच्चे की तरह हो. उन्होंने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि यह कार्यक्रम इतना अच्छा और भव्य होगा. उन्होंने कहा कि हम साथ मिलकर ही आगे बढ़ सकते हैं. भारत का उज्जवल भविष्य बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई काम के लिए आए तो थोड़ा प्यार से मुस्कुराकर उसकी समस्याएं सुन लें. इसी से उसको राहत मिल जाएगी. कहा कि मैंने कई ऐसे भी जिलाधिकारियों को देखा है जो ठीक से बात तक नहीं करते. जो वर्दी आप पहनेंगे, जिस कुर्सी पर आप बैठोगे, मानकर चलिए कि वह किराए की है. आपके जाने के बाद यह किसी और को मिल ही जाएगी, तो जाने से पहले कुछ ऐसा काम करिए कि यह वर्दी और कुर्सी भी सोचे कि कितना ईमानदार व्यक्ति इस पर बैठा हुआ है. आप सबको जनता में ब्यूरोक्रेसी के प्रति भरोसा बढ़ाना ही होगा. उन्होंने कहा कि लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार को ही देख लीजिए, वह हमेशा सबसे खुशी और विनम्रता से मिलते हैं. यही इनकी आज पहचान बन चुकी है. कार्यक्रम में महापौर सुषमा खर्कवाल, ध्येय फाउंडेशन के फाउंडर विनय सिंह, बीजेपी महानगर अध्यक्ष एमएलसी मुकेश शर्मा आदि उपस्थित रहे.
राजधानी के विकास कार्यों की रक्षा मंत्री ने की समीक्षा : ध्येय फाउंडेशन के कार्यक्रम के बाद रक्षा मंत्री ने राजधानी के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ली. इसमें अफसरों को दिसम्बर तक अधूरे काम पूरे करने के निर्देश दिए. विभिन्न विभागों की विकास परियोजनाओं की उच्च स्तरीय इस समीक्षा बैठक में सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. रक्षा मंत्री ने पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों से रेलवे टर्मिनस निर्माण की जानकारी ली. अफसरों ने बताया कि रेलवे प्लेटफार्म, स्टेशन बिल्डिंग और विभूतिखण्ड की ओर से प्रवेश का कार्य काफी हद तक पूरा हो चुका है. रेल स्टेशन वाशिंग लाइन और दो अतिरिक्त प्लेटफार्म का निर्माण पूरा हो चुका है. स्टेशन में प्रवेश के लिए बिल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरा हो चुका है. टिकट और आरक्षण सम्बन्धी जानकारियों के लिए अति आधुनिक प्रणाली लगाई जा रही है. नए स्टेशन बिल्डिंग के संचालन आदि का कार्य दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा. रक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि सभी दिशाओं को जाने वाली गाड़ियों का सवारियां लेने और उतारने की व्यवस्था इस टर्मिनस से प्रारम्भ हो जाए.
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