कोच्चि : धर्मांतरण और विवाह विवाद के केंद्र में रहने वाले हादिया के पिता ने केरल उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी लापता है. हदिया ने पहले दावा किया था कि उसने अपने साथी को तलाक दे दिया है. कथित तौर पर हादिया ने यह शादी धर्म परिवर्तन के बाद की थी.
अब हादिया ने कोर्ट को बताया है कि उसने दूसरी बार शादी की है. उच्च न्यायालय ने उनके पिता केएम अशोकन की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका स्वीकार कर ली है. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी. न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ याचिका पर सुनवाई करेगी.
यह याचिका कोल्लम से अपने पहले पति शेफिन से तलाक का दावा करने वाली हादिया की याचिका के बाद दायर की गई है. हादिया के पिता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मलाप्पुरम में एक स्वास्थ्य क्लिनिक चलाने वाली हादिया पिछले एक महीने से लापता है. उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि पुलिस को उनकी बेटी को ढूंढने और वापस लाने का निर्देश दिया जाये.
अशोकन ने आगे दावा किया कि वह मलप्पुरम में उसके क्लिनिक पर भी गया लेकिन वह बंद था. यहां तक कि उसके पड़ोसियों ने भी कहा कि उन्हें उसके ठिकाने के बारे में कोई सुराग नहीं था. 2017 में, हदिया के पिता ने पेरिन्थलमन्ना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि हादिया, जो उस समय सलेम में डीएचएमएस पाठ्यक्रम कर रही थी, जिस संस्थान में वह पढ़ रही थी, उसके एक सहकर्मी ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया था.
हालांकि, हदिया ने अपने पिता के दावे का खंडन करते हुए कहा कि उसने शेफिन जहां के साथ विवाह की शपथ लेने के बाद अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया था. HC ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की रिपोर्ट के आलोक में मई 2017 में हदिया की शादी को रद्द कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि वह 'मनोवैज्ञानिक अपहरण' की शिकार थी. 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने एचसी के आदेश को रद्द कर दिया और शेफिन की ओर से दायर याचिका पर शादी को रद्द करने के खिलाफ फैसला सुनाया. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जोड़े को अकेला छोड़ दिया जाए.
हादिया ने शीर्ष अदालत के फैसले के आलोक में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आखिरकार आजादी पाकर मैं खुश हूं. मैंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था क्योंकि मैं अपने साथी के साथ एक मुस्लिम के रूप में रहना चाहती थी. हालांकि, उसने हाल ही में सार्वजनिक रूप से बताया कि उसने अपने सात साल पुराने पति को तलाक दे दिया है क्योंकि उसकी उसके साथ नहीं बनती थी. हादिया ने कहा कि वह तलाक के बाद से मलप्पुरम में एक क्लिनिक चला रही है.