महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में तीन दिन लगातार बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई है. साल भर किसानों की मेहनत पर दैवीय आपदा ने पानी फेर दिया. चना, मटर, सरसों और गेहूं की फसल बर्बाद हुई है. इसके चलते किसान अपने परिवार के भरण-पोषण को लेकर चिंतित हैं. महोबा सदर तहसील के गांव बिलबई में एक किसान ने फसल की बर्बादी देख आत्महत्या कर ली. किसान के आत्महत्या करने से उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है. वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आगे की कार्रवाई शुरू की है.
बिलबई गांव में रहने वाले 45 वर्षीय किसान महेश की 70 बीघा खेती थी. किसान के दो बेटे और दो बेटियां थीं. बड़ी बेटी की शादी के बाद छोटी की शादी की चिंता को लेकर किसान परेशान था. उसे उम्मीद थी कि इस बार हुई फसल बैंक से लिए गए कर्ज के साथ-साथ बेटी के हाथ पीले करने में मददगार साबित होगी, लेकिन अचानक बदले मौसम ने किसान का सब कुछ बर्बाद कर दिया. पूरे 70 बीघा में लगी फसल नष्ट हो गई.
परिजन धर्मेंद्र और पुत्र शिवम बताते हैं कि बारिश होने के बाद से किसान महेश घर में आए दिन फसल के बर्बाद हो जाने की चर्चा कर रहे थे. बैंक से ग्रीन कार्ड पर लिए गए एक लाख 80 हजार का कर्ज चुकाने को लेकर भी चिंतित थे. बेटे ने बताया कि बैंक से लोन अदा करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा था. इसके चलते पिता हताश रह रहे थे. फसल की कटाई को लेकर किसान सुबह घर से खेत गए लेकिन, लौट कर नहीं आए.
जब बेटा खाना देने के लिए खेत पहुंचा तो पेड़ से लटका हुआ पिता का शव देख हैरत में पड़ गया. परिजनों का कहना है कि साल भर की मेहनत को बर्बाद देख महेश ने फांसी लगा ली. किसान महेश की मौत होने से उसके परिवार में कोहराम मचा है तो वहीं मदद के लिए सरकार से आस लगाए बैठे हैं. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है और आगे की कार्रवाई में जुटी है.