कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में, उपचुनाव की घोषणा के बाद पहली बार, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कोवैक्सीन मुद्दे को लेकर तीखा हमला किया.
ममता बैनर्जी ने कहा, कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अभी मान्यता नहीं दी गई है. परिणामस्वरूप उद्योगपतियों और छात्रों सहित कई भारतीय विदेश नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री, जिन्हें कोवैक्सीन की खुराक मिली है, को संयुक्त राज्य अमेरिका में यात्रा करने की अनुमति है. यह बात प्रधान मंत्री को देश के लोगों को स्पष्ट करना चाहिए.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ देश कोविशील्ड डोज लेने वाले भारतीयों को प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे हैं. नई दिल्ली ऐसे मुद्दों पर चुप क्यों है? मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि उन्हें रोम में आयोजित विश्व शांति सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था.
उन्होंने कहा, लेकिन बाद में मुझे इतालवी सरकार द्वारा सूचित किया गया कि भारतीयों, बांग्लादेशियों और श्रीलंकाई लोगों को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं है क्योंकि वहां की सरकार कोविशील्ड को मान्यता नहीं देती है, जिसे यूएसए और यूके द्वारा मान्यता प्राप्त है. यहां तक कि भारतीयों को भी सिंगापुर में जाने की अनुमति नहीं है. कई छात्र विदेश में पढ़ने के अवसर खो रहे हैं. मुझे प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन साथ ही सरकार को सभी के लिए समान अनुमति सुनिश्चित करनी चाहिए.
उन्होंने एक बार फिर मांग उठाई कि भारत सरकार को पहल करनी चाहिए ताकि डब्ल्यूएचओ कोवैक्सीन को मान्यता दे.
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उन्होंने कहा कि जिस तरह से कई विदेशी देश भारतीयों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, वह पूरे देश के लिए शर्म की बात है. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियां तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिषेक बंदोपाध्याय को बेवजह परेशान कर रहे हैं.
अभिषेक को बेवजह परेशान किया जा रहा है. ईडी अधिकारियों ने हाल ही में उनसे नौ घंटे तक पूछताछ की थी. अब ईडी ने उन्हें फिर तलब किया है. जब भी कोई बीजेपी या केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उस विरोध की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि 2021 के पश्चिम बंगाल चुनावों में नंदीग्राम से उनकी हार बड़े पैमाने पर चुनावी कदाचार के कारण थी. उन्होंने कहा, चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगी लेकिन मेरे पास कदाचार के सबूत हैं.