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महामारी ने विकासशील देशों में गरीब-वंचित तबकों को अधिक प्रभावित किया : आरबीआई गवर्नर - आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने विकासशील देशों में गरीब और वंचित तबकों को ज्यादा प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि देश में इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ने के साथ ई-वाणिज्य एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में उभरा है.

आरबीआई गवर्नर
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Published : Sep 22, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 10:34 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महामारी के बाद सतत आर्थिक वृद्धि के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश तथा श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है.

एआईएमए राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने सतत वृद्धि और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये स्वास्थ्य शिक्षा, डिजिटल क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं में निवेश बढ़ाने की वकालत की.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने उभरते और विकासशील देशों में सबसे ज्यादा गरीब और वंचित तबकों को प्रभावित किया है.

दास ने कहा कि हमारा प्रयास महामारी के बाद रहने योग्य और टिकाऊ वृद्धि सुनिश्चित करने का होना चाहिए. आने वाले समय में निजी खपत को टिकाऊ रूप से पटरी पर लाना महत्वपूर्ण होगा. यह ऐतिहासिक रूप से समग्र मांग का मुख्य आधार रहा है.

यह भी पढ़ें- RBI को 9.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान हासिल होने की उम्मीद: दास

आरबीआई गवर्नर के अनुसार इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सतत वृद्धि मध्यम अवधि के निवेश, मजबूत वित्तीय प्रणाली और संरचनात्मक सुधारों के साथ आगे बढ़नी चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, नवोन्मेष, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश को गति देने की जरूरत है. हमें प्रतिस्पर्धा और गतिशीलता को प्रोत्साहित करने और महामारी से उत्पन्न अवसरों से लाभ उठाने के लिए श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को जारी रखा चाहिए.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महामारी के बाद सतत आर्थिक वृद्धि के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश तथा श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है.

एआईएमए राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने सतत वृद्धि और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये स्वास्थ्य शिक्षा, डिजिटल क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं में निवेश बढ़ाने की वकालत की.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने उभरते और विकासशील देशों में सबसे ज्यादा गरीब और वंचित तबकों को प्रभावित किया है.

दास ने कहा कि हमारा प्रयास महामारी के बाद रहने योग्य और टिकाऊ वृद्धि सुनिश्चित करने का होना चाहिए. आने वाले समय में निजी खपत को टिकाऊ रूप से पटरी पर लाना महत्वपूर्ण होगा. यह ऐतिहासिक रूप से समग्र मांग का मुख्य आधार रहा है.

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आरबीआई गवर्नर के अनुसार इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सतत वृद्धि मध्यम अवधि के निवेश, मजबूत वित्तीय प्रणाली और संरचनात्मक सुधारों के साथ आगे बढ़नी चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, नवोन्मेष, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश को गति देने की जरूरत है. हमें प्रतिस्पर्धा और गतिशीलता को प्रोत्साहित करने और महामारी से उत्पन्न अवसरों से लाभ उठाने के लिए श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को जारी रखा चाहिए.

(पीटीआई)

Last Updated : Sep 22, 2021, 10:34 PM IST
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