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CBSE का बड़ा फैसला: सभी भारतीय भाषाओं में हो 12वीं तक की पढ़ाई - भारतीय भाषाओं का उपयोग

सीबीएसई ने बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये अपने स्कूलों में वैकल्पिक माध्यम के तौर पर भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल करने पर विचार करने को कहा.

Etv BharatConsider using Indian languages as optional mediums of instruction for all classes CBSE to schools
Etv Bharatशिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करें स्कूल: सीबीएसई
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Published : Jul 22, 2023, 12:24 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों से बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करने को कहा है. यह देखते हुए कि शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कई भाषाओं में शिक्षा शुरू करने के लिए उपाय किए हैं. बोर्ड ने अपने स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने और बहुभाषी शिक्षा से सर्वोत्तम बनाने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए कहा है.

सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में कहा, 'भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की सुविधा के लिए की गई पहल के मद्देनजर, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अन्य मौजूदा विकल्पों के अलावा एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, 'स्कूल उपलब्ध संसाधनों का पता लगा सकते हैं, क्षेत्र के विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं और सीबीएसई स्कूलों में बहुभाषी शिक्षा को वास्तविक बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए अन्य स्कूलों के साथ सहयोग कर सकते हैं.' सीबीएसई ने कहा, 'एनसीईआरटी ने इस गंभीर कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है ताकि 22 अनुसूचित भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें अगले सत्र से सभी छात्रों को उपलब्ध कराई जा सकें.' स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राधिकरण ने भी कई भाषाओं में शिक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया है और विभिन्न भाषाओं में परीक्षा आयोजित कर रहा है. तकनीकी, चिकित्सा, व्यावसायिक, कौशल, कानून शिक्षा आदि में पाठ्यपुस्तकें अब भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो रही हैं.

सीबीएसई ने आगे कहा कि यह पहल स्कूलों के लिए बहुभाषी शिक्षा की नींव बनना महत्वपूर्ण बनाती है. इमैनुएल ने कहा, 'चूंकि उच्च शिक्षा ने इस आवश्यकता पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है, इसलिए स्कूली शिक्षा को इसकी नींव बनना होगा. शिक्षा के माध्यम के प्रति दृष्टिकोण स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा तक निरंतरता होना चाहिए. इसलिए, सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों को भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा प्रदान करके इस महान प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है.'

ये भी पढ़ें-CBSE Supplementary Exam: 10वीं-12वीं के छात्र आज से करें आवेदन, इतना लगेगा शुल्क

उन्होंने कहा, 'अब उठाए गए प्रमुख कदमों में से एक शिक्षा मंत्रालय द्वारा एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं के माध्यम से नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का निर्देश देना है. एनसीईआरटी ने इस गंभीर कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है ताकि 22 अनुसूचित भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें अगले सत्र से सभी छात्रों को उपलब्ध कराई जा सकें.

(पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों से बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करने को कहा है. यह देखते हुए कि शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कई भाषाओं में शिक्षा शुरू करने के लिए उपाय किए हैं. बोर्ड ने अपने स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने और बहुभाषी शिक्षा से सर्वोत्तम बनाने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए कहा है.

सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में कहा, 'भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की सुविधा के लिए की गई पहल के मद्देनजर, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अन्य मौजूदा विकल्पों के अलावा एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, 'स्कूल उपलब्ध संसाधनों का पता लगा सकते हैं, क्षेत्र के विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं और सीबीएसई स्कूलों में बहुभाषी शिक्षा को वास्तविक बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए अन्य स्कूलों के साथ सहयोग कर सकते हैं.' सीबीएसई ने कहा, 'एनसीईआरटी ने इस गंभीर कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है ताकि 22 अनुसूचित भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें अगले सत्र से सभी छात्रों को उपलब्ध कराई जा सकें.' स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राधिकरण ने भी कई भाषाओं में शिक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया है और विभिन्न भाषाओं में परीक्षा आयोजित कर रहा है. तकनीकी, चिकित्सा, व्यावसायिक, कौशल, कानून शिक्षा आदि में पाठ्यपुस्तकें अब भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो रही हैं.

सीबीएसई ने आगे कहा कि यह पहल स्कूलों के लिए बहुभाषी शिक्षा की नींव बनना महत्वपूर्ण बनाती है. इमैनुएल ने कहा, 'चूंकि उच्च शिक्षा ने इस आवश्यकता पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है, इसलिए स्कूली शिक्षा को इसकी नींव बनना होगा. शिक्षा के माध्यम के प्रति दृष्टिकोण स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा तक निरंतरता होना चाहिए. इसलिए, सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों को भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा प्रदान करके इस महान प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है.'

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उन्होंने कहा, 'अब उठाए गए प्रमुख कदमों में से एक शिक्षा मंत्रालय द्वारा एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं के माध्यम से नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का निर्देश देना है. एनसीईआरटी ने इस गंभीर कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है ताकि 22 अनुसूचित भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें अगले सत्र से सभी छात्रों को उपलब्ध कराई जा सकें.

(पीटीआई)

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