नई दिल्ली : कांग्रेस के महासचिवों एवं प्रदेश प्रभारियों की शनिवार को बैठक हुई, जिसमें फैसला किया गया कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और कई खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार को घेरने के लिए पार्टी अगले सप्ताह से तीन चरणों में 'महंगाई मुक्त भारत' अभियान चलाएगी. इस बैठक में पार्टी के सदस्यता अभियान, विभिन्न मुद्दों पर आंदोलनों की रूपरेखा और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि 31 मार्च को महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा. इसके लिए थाली बजाओ, महंगाई भगाओ नारा दिया गया. इसके साथ ही 2-4 अप्रैल को ब्लॉक व जिला स्तर पर प्रदर्शन होगा. साथ ही 7 अप्रैल को प्रदेश की राजधानी में प्रदर्शन होगा.
पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता की. इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मुकुल वासनिक, तारिक अनवर, रणदीप सुरजेवाला, पवन कुमार बंसल और कई अन्य नेता शामिल हुए. बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'अच्छे दिन की लूट ने भारतीय नागरिकों का बजट बिगाड़ दिया है. पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी और पीएनजी के दाम रोजाना बढ़ा रहे हैं. पिछले पांच दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 3.20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.'
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उन्होंने कहा, 'महासचिव एवं प्रभारियों की बैठक में यह निर्णय किया गया कि कांग्रेस 'महंगाई मुक्त भारत' अभियान तीन चरणों में चलाएगी. पहले चरण में 31 मार्च को सुबह 11 बजे पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक घर के बाहर या सार्वजनिक स्थानों पर गैस सिलेंडर पर माला चढ़ाकर घंटी या ढोल बजाएंगे ताकि बहरी सरकार के कान खोले जा सकें और उसे नींद से जगाया जा सके.' उन्होंने बताया कि दो से चार अप्रैल के बीच दूसरे चरण में कांग्रेस जिला स्तर पर 'महंगाई मुक्त भारत धरना और मार्च' का आयोजन करेगी, जिसमें सामाजिक संगठनों और आम लोगों को साथ लिया जाएगा.
सुरजेवाला के अनुसार, इस अभियान के तीसरे चरण में सात अप्रैल को कांग्रेस और उसके विभिन्न संगठनों के नेता एवं कार्यकर्ता राज्य मुख्यालयों पर धरना देंगे और मार्च निकालेंगे. उन्होंने कहा, 'हम महंगाई के मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं. हमारी मांग है कि ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों को तत्काल वापस लिया जाए.' कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस महंगाई विरोधी अभियान में कांग्रेस के शीर्ष नेता भी शामिल होंगे. सदस्यता अभियान के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'इसको लेकर बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया दिखी है. सदस्यता अभियान चल रहा है, इसलिए अभी संख्या बता पाना मुश्किल है.'
उन्होंने कहा कि पिछले पांच दिनों में चौथी बार पेट्रोल-डीजल के दाम प्रतिदिन बढ़ाए हैं. मई 2014 में भाजपा ने जब सत्ता संभाली तब पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9 रुपए 20 पैसे प्रति लीटर थी वहीं डीजल पर ये 3 रुपए 46 पैसे. पिछले 8 सालों में डीजल पर 531 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है और पेट्रोल पर 203 प्रतिशत. सुरजेवाला के मुताबिक मनमोहन सिंह के समय जब कच्चा तेल, 108 से 140 रुपए गया तो पेट्रोल 71 रुपए 41 पैसे और डीजल 55 रुपए 49 पैसे प्रति लीटर था. अब जब कच्चा तेल 108 रुपए हुआ है तो पेट्रोल 98.61 प्रति लीटर और डीजल 89.87 प्रति लीटर है. पिछले दो सालों में ही 29 रुपए पेट्रोल पर तो डीजल पर 27.58 पैसे डीजल पर बढ़ाए गए हैं.
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सुरजेवाला ने कहा कि 2011-12 में कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल पर एक लाख ग्यारह हजार करोड़ की सब्सिडी दी, जो 2012-13 में बढ़कर 1 लाख 64 हजार 364 करोड़ हो गया. यानी औसतन डेढ़ लाख करोड़ रुपया मनमोहन सरकार पेट्रोलियम कंपनियां को देती थी, ताकि आमजनों को तेल के दामों पर बोझ न पड़े. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने सब्सिडी कम कर दी. एक लाख 50 हजार करोड़ जो कांग्रेस सरकार सब्सिडी के तौर पर देती थी आज वो ग्याहर हजार करोड़ की हो गई है. कांग्रेस के शासन में गैस सिलेंडर 410 वहीं आज देश में 1100 से 1200 रुपए था. 2014 के मुकाबले अंतराराष्ट्रीय बाजार में कम हुए फिर भी देश में बढ़ गए.