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143 वस्तुओं पर GST बढ़ाने की तैयारी में केंद्र, विरोध में उतरी कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने 143 वस्तुओं पर जीएसटी में वृद्धि के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की आलोचना की है.

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Published : Apr 24, 2022, 3:28 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी जैसा अप्रत्यक्ष कर मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इसमें प्रस्तावित बढ़ोतरी से आम लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि महंगाई पहले से ही बढ़ी हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी राज्य सरकारों से भी प्रस्तावित वृद्धि को विरोध करने की अपील करेगी.

यह सामान होंगे मंहगे: कांग्रेस ने कहा कि सूची में शामिल 143 वस्तुओं पर जीएसटी को 18% से बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव है. जिसमें 92 फीसदी सामान आम लोगों के दैनिक उपयोग की हैं. इनमें गुड़, पापड़, कस्टर्ड पावर, चॉकलेट, सूटकेस, पावर बैंक, घड़ियां, 32 इंच से कम के रंगीन टीवी आदि शामिल हैं. यह कोई लग्जरी आइटम नहीं बल्कि आम लोगों की जरूरत की वस्तुएं हैं.

अब तक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी: सरकार ने दिसंबर 2018 की सूची में इनमें से कई वस्तुओं पर जीएसटी कम की थी लेकिन अब वे बढ़ाने के लिए तैयार हैं. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के लिए शासी निकाय, जीएसटी परिषद ने राज्य सरकारों को प्रस्ताव भेजा है और इस मामले पर उनके विचार मांगे हैं. 28% जीएसटी अप्रत्यक्ष करों के दायरे में अब तक का सबसे ऊंचा स्लैब होगा.

2017 में गुवाहाटी में हुई जीएसटी परिषद की बैठक का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उस बैठक के बाद तय किया गया था कि 75% वस्तुओं को 28% के उच्चतम स्लैब से बाहर रखा जाएगा और केवल 50 वस्तुओं को ही उस स्लैब में रखा जाएगा. जीएसटी में यह प्रस्तावित बढ़ोतरी ऐसे समय में होने जा रही है जब थोक मूल्य सूचकांक 14 से 15% के बीच है और खुदरा महंगाई दर 7.5% है. ये परस्पर जुड़े हैं और इन्हें अलग से नहीं देखा जाना चाहिए. इसका लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है.

सिंघवी ने कहा कि सितंबर 2021 में लखनऊ में हुई जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्व तटस्थ दर के बारे में बात की थी. जो अब 11.5% है जो पहले 15.5% थी. अब सरकार 143 वस्तुओं की सूची में से 92% वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाकर 28% करने की योजना बना रही है. ऐसे समय में जब राजस्व तटस्थ दर 11.5% है. इस साल मार्च में प्रकाशित जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 1.42 लाख करोड़ था. यह औसत मासिक आंकड़े से 30 प्रतिशत अधिक है.

यह भी पढ़ें- जानें क्यों विमोचन से पहले ही विवादों में घिरी भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी की किताब...

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित बजट लक्ष्य जीएसटी से 5.7 लाख करोड़ रुपये था जिसे हासिल किया गया लेकिन उसके बाद 92% वस्तुओं पर जीएसटी में यह वृद्धि अजीब है. कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि वह प्रस्तावित बढ़ोतरी का विरोध करेगी और सभी राज्य सरकारों से प्रस्ताव के खिलाफ खड़े होने की अपील करेगी.

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी जैसा अप्रत्यक्ष कर मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इसमें प्रस्तावित बढ़ोतरी से आम लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि महंगाई पहले से ही बढ़ी हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी राज्य सरकारों से भी प्रस्तावित वृद्धि को विरोध करने की अपील करेगी.

यह सामान होंगे मंहगे: कांग्रेस ने कहा कि सूची में शामिल 143 वस्तुओं पर जीएसटी को 18% से बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव है. जिसमें 92 फीसदी सामान आम लोगों के दैनिक उपयोग की हैं. इनमें गुड़, पापड़, कस्टर्ड पावर, चॉकलेट, सूटकेस, पावर बैंक, घड़ियां, 32 इंच से कम के रंगीन टीवी आदि शामिल हैं. यह कोई लग्जरी आइटम नहीं बल्कि आम लोगों की जरूरत की वस्तुएं हैं.

अब तक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी: सरकार ने दिसंबर 2018 की सूची में इनमें से कई वस्तुओं पर जीएसटी कम की थी लेकिन अब वे बढ़ाने के लिए तैयार हैं. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के लिए शासी निकाय, जीएसटी परिषद ने राज्य सरकारों को प्रस्ताव भेजा है और इस मामले पर उनके विचार मांगे हैं. 28% जीएसटी अप्रत्यक्ष करों के दायरे में अब तक का सबसे ऊंचा स्लैब होगा.

2017 में गुवाहाटी में हुई जीएसटी परिषद की बैठक का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उस बैठक के बाद तय किया गया था कि 75% वस्तुओं को 28% के उच्चतम स्लैब से बाहर रखा जाएगा और केवल 50 वस्तुओं को ही उस स्लैब में रखा जाएगा. जीएसटी में यह प्रस्तावित बढ़ोतरी ऐसे समय में होने जा रही है जब थोक मूल्य सूचकांक 14 से 15% के बीच है और खुदरा महंगाई दर 7.5% है. ये परस्पर जुड़े हैं और इन्हें अलग से नहीं देखा जाना चाहिए. इसका लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है.

सिंघवी ने कहा कि सितंबर 2021 में लखनऊ में हुई जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्व तटस्थ दर के बारे में बात की थी. जो अब 11.5% है जो पहले 15.5% थी. अब सरकार 143 वस्तुओं की सूची में से 92% वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाकर 28% करने की योजना बना रही है. ऐसे समय में जब राजस्व तटस्थ दर 11.5% है. इस साल मार्च में प्रकाशित जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 1.42 लाख करोड़ था. यह औसत मासिक आंकड़े से 30 प्रतिशत अधिक है.

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित बजट लक्ष्य जीएसटी से 5.7 लाख करोड़ रुपये था जिसे हासिल किया गया लेकिन उसके बाद 92% वस्तुओं पर जीएसटी में यह वृद्धि अजीब है. कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि वह प्रस्तावित बढ़ोतरी का विरोध करेगी और सभी राज्य सरकारों से प्रस्ताव के खिलाफ खड़े होने की अपील करेगी.

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