नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आलाकमान को जल्द से CWC की बैठक बुलानी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोग कांग्रेस पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. सिब्बल ने कहा कि हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं. सुष्मिता (देव) जी चली गईं और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री (लुईजिन्हो) फालेरयो भी चले गए. जितिन प्रसाद चले गए, (ज्योतिरादित्य) सिंधिया चले गए, ललितेश त्रिपाठी चले गए, अभिजीत मुखर्जी भी चले गए. कई अन्य नेता चले गए. सवाल उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? हमें यह खुद सोचना होगा कि शायद हमारी भी कोई गलती रही होगी.
सिब्बल ने कांग्रेस नेतृत्व का आह्वान किया कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक तत्काल बुलाई जाए ताकि इस पर चर्चा की जा सके कि पार्टी में क्या हो रहा है. उन्होंने गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में तंज कसते हुए कहा कि जो लोग इनके खासमखास थे वो तो इन्हें छोड़कर चले गए. जिन्हें ये खासमखास नहीं समझते हैं वे इनके साथ खड़े हैं. यह एक विडंबना है.
सिब्बल के संबोधन की मुख्य बातें
- 1) 'हम जी -23 हैं, निश्चित रूप से जी हुजूर -23 नहीं. हम मुद्दे उठाते रहेंगे.'
- 2) 'लोग क्यों जा रहे हैं? शायद हमें यह देखना चाहिए कि क्या यह हमारी गलती है? हमें तुरंत सीडब्ल्यूसी को बुलाना होगा, कम से कम बातचीत हो सके. हम पार्टी की विचारधारा को छोड़कर कहीं और नहीं जाएंगे. कांग्रेस की विडम्बना यह है कि जो उनके (नेतृत्व) करीब हैं, वे चले गए हैं और जो उन्हें लगता है कि उनके करीब नहीं हैं, वे अब भी वहीं हैं'
- 3) 'मैं वास्तव में बहुत, बहुत परेशान हूं कि मुझे आपके पास आना है. लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.'
- 4) 'कांग्रेस में, अब कोई निर्वाचित अध्यक्ष नहीं है. हम नहीं जानते कि कौन निर्णय ले रहा है.'
- 5) 'मैं अपनी व्यक्तिगत क्षमता और समान विचारधारा वाले लोगों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल पत्र लिखा था. मैं यहां भारी मन से खड़ा हूं. मैं उस पार्टी का हिस्सा हूं जिसका गौरवशाली अतीत है, मैं नहीं कर सकता इस समय जो स्थिति है, उसे देखिए.'
- 6) मैं उन नेताओं से आग्रह करूंगा जो वापस आने के लिए चले गए क्योंकि कांग्रेस पार्टी अकेली है जो देश को बचा सकती है.
- 7) पंजाब में क्या हो रहा है, जो पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 300 किलोमीटर दूर है, और हम उस स्थिति से अवगत हैं जो राज्य में विद्रोह और आईएसआई के संबंध में हुई है.'
सिब्बल ने कहा कि मैं आपसे (मीडिया) उन कांग्रेसियों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जो कांग्रेस के लोग हमें छोड़कर चले गए हैं, वो वापस आ जाए, क्योंकि कांग्रेस ही ऐसी विचारधारा है जो इस देश की बुनियाद है, जिसके आधार पर हमारी रिपब्लिक बनी थी उसको बरकरार कर सकती है.
सिब्बल ने कहा कि हम जी हजूर 23 नहीं है. हम अपनी मांगे रखते जाएंगे. सिब्बल ने कहा कि संसद जब चलती है तो कई मुद्दों पर चर्चा होती है, मुद्दें तभी उठेंगे जब विपक्ष मज़बूत होगा और विपक्ष तभी मज़बूत होगा जब कांग्रेस मज़बूत होगी, अगर ये सब नहीं होगा तो सवाल कैसे पूछा जाएगा. कांग्रेस का नुकसान होना मतलब देश का नुकसान होना है.
उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी का वर्कर किसी के खिलाफ नहीं हो सकता, अगर वो कांग्रेस मैन है. हम तो कांग्रेस के पक्ष में है. यह तो साफ जाहिर है कि कांग्रेस का अभी कोई अध्यक्ष नहीं है, लेकिन निर्णय तो कोई ले ही रहा है.
उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर खुलकर चर्चा हो, एक दूसरे के विचार को सुने जाएं. संगठन का ढांचा होना चाहिए. सीडब्ल्यूसी का चुनाव हो, सिब्बल उन 23 प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने पिछले वर्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में संगठन चुनाव करवाने की मांग की थी, इन नेताओं में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद भी शामिल थे.
उनके मुताबिक कि देश बड़े संकट का सामना कर रहा है. चीन घुसपैठ कर रहा है. तालिबान के अफगानिस्तान में आने से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हुआ है. करोड़ों लोग गरीबी से घिरे हैं. ऐसे हालात में में कांग्रेस इस स्थिति में है, यह दुखद है. यह ऐसा समय है कि हमें इस सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैं भारी मन से आप लोगों से बात कर रहा हूं. मैं एक ऐसी पार्टी से जुड़ा हूं जिसकी ऐतिहासिक विरासत है और जिसने देश को आजादी दिलाई. मैं अपनी पार्टी को उस स्थिति में नहीं देख सकता जिस स्थिति में पार्टी आज है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कापिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि मैं निजी तौर पर बात कर रहा रहा हूं और उन साथियों की तरफ बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था. हम अपने नेतत्व की ओर से अध्यक्ष का चुनाव, सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति के चुनाव कराने से जुड़े कदम उठाए जाने का इंतजार कर रहे हैं.
उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं. सिब्बल ने कहा, मेरी ऐसी कोई हैसियत नहीं है कि मैं किसी को सुझाव दूं. मुझसे पूछा गया तो, सवाल उठता है कि वो क्यों जा रहे हैं, उनकी निंदा भी कर सकते हैं कि वो क्यों पार्टी छोड़कर जा रहे है. आज की स्थिति में हमें ये तय करना होगा.
दरअसल पिछली बार जिन 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, उनमें पांच पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के कई सदस्य, मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल थे. फिलहाल फिर एक बार फिर पत्र लिखा गया है, सिब्बल इसी खत का जि़क्र कर रहे हैं.
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कपिल सिब्बल ने कहा कि एक सीमावर्ती राज्य (पंजाब) जहां कांग्रेस पार्टी के साथ ऐसा हो रहा है, इसका क्या मतलब है? इससे ISI और पाकिस्तान को फायदा है. कांग्रेस को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एकजुट रहें. अगर किसी को दिक्कत है तो वो पार्टी के वरिष्ठ नेता से चर्चा करें.