नई दिल्ली : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सूत्रों ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस देश में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए अपने शीर्ष नेताओं की एक बंद कमरे में बैठक की. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पी चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, विवेक तन्खा, केटीएस तुलसी, लोकसभा सांसद मनीष तिवारी, एल हनुमंतैया और अभिषेक मनु सिंघवी समेत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
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#WATCH | Congress National President Mallikarjun Kharge and Congress General Secretary KC Venugopal chair a meeting with the Congress leaders of the North Eastern states at AICC HQ in Delhi. pic.twitter.com/btc9pMBuIY
— ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 15, 2023
कांग्रेस ने प्रस्तावित कानून पर तब तक अपना रुख स्पष्ट करने से परहेज किया है जब तक कि केंद्र सरकार इसका मसौदा पेश नहीं कर देती. भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में एक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने का प्रयास करेगा.
यूसीसी विवाह, विरासत, गोद लेने और अन्य मामलों से निपटने वाले कानूनों का एक सामान्य सेट प्रस्तावित करता है. हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यूसीसी के कार्यान्वयन के पक्ष में कुछ मजबूत संकेत दिये थे. जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने प्रस्तावित कानून पर चर्चा शुरू करने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया था.
17 जून 2016 को कानून और न्याय मंत्रालय की ओर भेजे गए एक संदर्भ के संबंध में, भारत के 22वें विधि आयोग ने प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की विषय वस्तु की जांच की है. भारत के 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में बड़े पैमाने पर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार जानने का फैसला किया है. साथ ही इच्छुक पक्षों को 14 जुलाई तक अपनी राय पेश करने को कहा था.
जाने-माने वकील आशीष दीक्षित के मुताबिक, विधि आयोग केवल रिपोर्ट के रूप में सुझाव दे सकता है, जो सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है. उन्होंने कहा, अगर सरकार का मानना है कि यूसीसी को लागू करने का सही समय है, तो इसके लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी.
(एएनआई)