वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) जब से यूपी के सीएम बने हैं तभी से उन्होंने कई मिथ तोड़े और कई नए रिकॉर्ड भी बनाए हैं. बीजेपी के ऐसे पहले मुख्यमंत्री चेहरा रहे हैं, जो पांच साल तक लगातार सीएम के पद पर काबिज रहे. अब सीएम के वाराणसी में दौरा करने का रिकॉर्ड बन गया है.
वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का संसदीय क्षेत्र है, वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ का पसंदीदा शहर भी है. यहां सीएम योगी के कई ड्रीम प्रोजेक्ट भी हैं. शहर के विकास को परखने के साथ बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर काशी की जनता का हाल जानने के लिए सीएम लगातार वाराणसी आते रहते हैं. सीएम का वाराणसी दौरा अब एक रिकॉर्ड में परिवर्तित होने जा रहा है. योगी आदित्यनाथ यूपी के पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, जिन्होंने वाराणसी (CM Yogi Adityanath vist Varanasi) में बीते 5 सालों में 99 बार दौरा किया है. मंगलवार को सीएम ने अपने दौरे का शतक पूरा कर लिया है.
CM योगी ने 89 बार बाबा विश्वनाथ धाम में लगाई हाजिरी: सीएम योगी ने करीब 89 बार बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं और बाबा का आशीर्वाद लिया है. बता दें कि सीएम साल 2017 में 6 बार, 2018 में 22 बार, 2019 में 23 बार, 2020 में 13 बार, 2021 में 23 बार और 2022 में 11 अक्टूबर तक 13 बार काशी का दौरा करेंगे. इसके साथ ही 26 मई 2017 से लेकर 11 अक्टूबर 2022 तक उन्होंने 89 बार बाबा विश्वनाथ की पूजा-अर्चना की. मंगलवार 11 अक्टूबर को उनका यह 100वां दौरा था.
यूपी के पहले CM जो 99 बार काशी आए: योगी आदित्यनाथ ने (CM Yogi Adityanath IN Varanasi) वाराणसी के दौरे करते हुए एक और रिकॉर्ड बना लिया है. सीएम योगी यूपी के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अपने साढ़े पांच साल के कार्यकाल में 100वीं बार वाराणसी का दौरा किया. मंगलवार को सीएम काशी के दौरे का शतक पूरा हो गया. इसके साथ ही 89 बार बाबा विश्वनाथ के दरबार में जाकर उनका दर्शन पूजन किया. बतौर सीएम कोई भी इतनी बार काशी नहीं आया है.
PM मोदी 2014 से 2021 तक 30 बार आए काशी: काशी में बाबा विश्वनाथ की नगरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. वाराणसी से सांसद बनने के बाद मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने तो 2014 से 2021 तक करीब 30 बार वाराणसी आ चुके हैं. 2014 से 2021 तक सात सालों में करीब 310 योजनाएं लोकार्पित हुई है. जो करीब 1 खरब, 58 अरब, 95 करोड़, 28 लाख रुपए की हैं. वहीं, 23 दिसंबर 2021 तक 162 योजनाएं का शिलान्यास किया जा चुका है, जिसकी लागत करीब 41 अरब 74 करोड़ 13 लाख आई है.
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