तिरुवनंतपुरम: केरल में तिरूवनंतपुरम नगर निगम की महापौर आर्य राजेंद्रन के एक कथित विवादित पत्र की वजह से न केवल तिरूवनंतपुरम निगम कार्यालय में तनाव फैल गया है बल्कि सत्तारूढ़ सीपीएम और विपक्षी भाजपा के पार्षद भी आमने सामने आ गए हैं. सोमवार को निगम कार्यालय में भाजपा और सीपीएम पार्षदों के बीच झड़प हो गई. बताया जाता है कि पत्र पार्टी कैडरों की स्थानीय निकाय में अस्थायी नियुक्तियां करने से संबंधित है. यह पत्र सीपीएम के जिला सचिव अनावूर नागप्पन को संबोधित कर लिया गया है.
नागप्पन ने संवाददाताओं से कहा कि पत्र में जो कुछ लिखा गया है या इसकी जो सामग्री लीक हुई है वह पुलिस की जांच में सामने आएगा. उन्होंने कहा कि अगर पत्र फर्जी है या जालसाजी से तैयार किया गया है या यह असली है तो यह भी जांच में सामने आएगा. नागप्पन के अनुसार, पार्टी जांच करेगी कि वास्तव में हुआ क्या है और इसके बाद ही कदम उठाया जाएगा.
एक नवंबर को लिखे पत्र में राजेंद्रन ने कथित तौर सूचित किया है कि सीपीएम शासित निगम ने इसकी स्वास्थ्य शाखा से संबद्ध विभिन्न पदों पर दैनिक मानदेय आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने का फैसला किया है. बहरहाल रविवार को उन्होंने ऐसा कोई पत्र लिखने, हस्ताक्षर करने या ऐसा कोई पत्र भेजे जाने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले की जांच करने का अनुरोध किया है.
कथित पत्र को लेकर विपक्षी कांग्रेस और भाजपा नेताओं, पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने राजेंद्रन के इस्तीफे की मांग करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है और अपने अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया. तिरूवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने सोमवार को राजेंद्रन के आचरण को शर्मनाक बताया और उनके इस्तीफे की मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, 'यह शर्मनाक है कि तिरुवनंतपुरम की भाकपा (एम) की महापौर आर्य राजेंद्रन ने अपनी पार्टी के सचिव से शहर की सरकार में रिक्त पदों को भरने के लिए नाम मांगे हैं. उनका पर्दाफाश हो गया है. ऐसे समय में जब भारत के (और केरल के) युवा बेरोजगारी के रिकॉर्ड स्तर का सामना कर रहे हैं, यह एक विश्वासघात है. उन्हें इस्तीफा देना चाहिए!'
महापौर राजेंद्रन (23) ने एक दिन पहले दावा किया था कि पत्र संपादित प्रतीत होता है और उन्हें संदेह है कि यह उन लोगों द्वारा, राजनीति से प्रेरित हो कर किया गया है जो कुछ समय से उनके और पार्टी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने विपक्षी कांग्रेस और भाजपा द्वारा की जा रही अपने इस्तीफे की मांग को 'मजाक' करार देते हुए खारिज कर दिया था.
यह भी पढ़ें- केरल सीएम और राज्यपाल के बीच वाकयुद्ध तेज, खान ने कहा, सीएम पर नहीं लगाया कोई आरोप
विवादित पत्र में रिक्त पदों का ब्यौरा भी है. महापौर ने पार्टी के जिलासचिव से कथित तौर पर अनुरोध किया कि वे नियुक्त किए जाने वाले पार्टी कैडरों की प्राथमिकता सूची आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 नवंबर तक मुहैया करा दें. कांग्रेस और भाजपा ने आरोप लगाया है कि यह सरकारी संस्थानों में पार्टी कैडरों को घुसाने की माकपा(एम) नीत एलडीएफ की एक और कोशिश का उदाहरण है. (इनपुट- भाषा)