मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी कोर्ट में वादी विष्णु गुप्ता हिंदू सेना के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. 12:00 बजे बाद वादी प्रतिवादी अधिवक्ता ने कोर्ट में अपनी दलील पेश की. वादी अधिवक्ता का दावा है कि कोर्ट ने सर्वे आख्या रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले में 17 अप्रैल की सुनवाई की तारीख तय की है. हालांकि प्रतिवादी पक्ष इस दावे से इनकार कर रहा है.
हिंदू सेना संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका वाद संख्या 683 पर आज सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में सुनवाई हुई थी. दोनों पक्षों से दलीलें पेश की गई. 2 घंटे बहस होने के बाद कोर्ट ने प्रकरण की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित किया.
दरअसल बता दें कि हिंदू सेना संगठन अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने पिछले वर्ष न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की थी कि विवादित स्थान जोकि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़ कर अवैध शाही मस्जिद का निर्माण किया था. उस स्थान का सर्वे सरकारी अमीन के द्वारा कराना चाहिए और रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाए वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने न्यायालय सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में अहम तथ्य को रखा था तभी 8 दिसंबर 2022 को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से आख्या मांगने के आदेश किए थे. प्रतिवादी अधिवक्ताओं ने अभी तक कोर्ट में कोई आपत्ति दाखिल नहीं की थी. उसी का फायदा उठाते हुए वादी अधिवक्ता ने आज एफटीसी कोर्ट में पिछले आदेश को पुनः कार्य में लाने का अनुरोध किया है.
अधिवक्ता के मुताबिक विवादित ईदगाह श्री कृष्ण जन्म स्थान का भाग है. ईदगाह वाली जो संपत्ति है कुल संपत्ति का खेवट नंबर 255, खसरा संख्या 825 जिसमे ईदगाह शामिल है. उसका रकबा 13.37 एकड़ राजस्व अभिलेख श्रीकृष्ण जन्म स्थान संपत्ति मलकियत के रूप में दर्ज है. प्रॉपर्टी हाल मैं मंदिर और ईदगाह नगर पालिका,अब नगर निगम की सीमा के अंदर है. नगर निगम के रिकॉर्ड में संपत्ति श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की अंकित चली आ रही है. ईदगाह के पास मिल्कियत से सम्बंधित कोई दस्तावेज नही है और न नही कोर्ट मे कोई दस्तावेज जमा नही कराए है.
ये है मौजूदा स्थिति
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. सन् 1968 मे श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर आज सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी कोर्ट में सुनवाई हुई थी. हम लोगों के द्वारा न्यायालय में पिछले आदेश को संज्ञान में लेते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया और न्यायालय से अनुरोध किया है. विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन के द्वारा होना चाहिए और मौके की भौगोलिक स्थिति आंख्या रिपोर्ट न्यायालय में पेश करें. इस पर कोर्ट ने सर्वे आख्या रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने अगली सुनवाई 17 अप्रैल को की है. आदेश रिजर्व में रखा है.
प्रतिवादी अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि वादी द्वारा न्यायालय के आदेश को गुमराह करते हुए बयानबाजी की जा रही है कि विवादित स्थान का सर्वे के आदेश हो गए हैं लेकिन न्यायालय की ओर से अभी तक कोई भी आदेश की कॉपी रिसीव नहीं हुई है हम चाहते हैं कि पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई होनी चाहिए आज भी बहस हुई थी अगली सुनवाई 17 अप्रैल को मुकर्रर की गई है.
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