श्रीनगर: सीजेआई ने यहां एक समारोह में कहा कि मैं विशेष तौर पर जिला न्यायपालिका से इसे हमेशा ध्यान में रखने का आग्रह करता हूं. आप जमीनी स्तर पर हैं और न्यायिक व्यवस्था से न्याय की चाहत रखने वालों के लिए पहला सम्पर्क बिंदु हैं. आपका लोगों के साथ सीधा संबंध है. आपको एडीआर विकल्प के चयन के लिए पक्षकारों को राजी करना होगा.
सीजेआई ने यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए वकीलों और न्यायाधीशों से वादियों के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह किया. जो अक्सर बहुत अधिक मनोवैज्ञानिक दबाव में होते हैं. उन्होंने अफसोस जताया कि भारत में न्याय प्रदान करने का तंत्र बहुत जटिल और महंगा है और देश अदालतों को समावेशी और सुलभ बनाने में बहुत पीछे है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के कामकाज के लिए, यह जरूरी है कि लोग महसूस करें कि उनके अधिकार और सम्मान सुरक्षित और मान्यता प्राप्त हैं. विवादों का शीघ्र निपटारा एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है.
उन्होंने कहा कि न्याय से इनकार अंततः अराजकता की ओर ले जाएगा. जल्द ही न्यायपालिका अस्थिर हो जाएगी क्योंकि लोग अतिरिक्त न्यायिक तंत्र की तलाश करेंगे. सीजेआई जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के लिए नए परिसर की आधारशिला रखने यहां आए थे. उन्होंने कहा कि शांति तभी कायम होगी, जब लोगों की गरिमा और अधिकारों को मान्यता दी जाएगी और उन्हें संरक्षित किया जाएगा.
न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि इससे न केवल वादी पक्षों को मदद मिलेगी, बल्कि लंबित मामलों को कम करने में भी सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण इस (एडीआर) क्षेत्र में सक्रिय हैं. आपको जरूरतमंदों तक पहुंचने के लिए इसका सबसे अच्छा उपयोग करना चाहिए. सीजेआई ने कहा कि वादी निरक्षर हो सकते हैं, कानून से अनजान हो सकते हैं और उनके पास विभिन्न वित्तीय समस्याएं हो सकती हैं. आपको उन्हें सहज महसूस कराने का प्रयास करना चाहिए.
प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों को संबोधित करते हुए कहा कि एक सतर्क बार न्यायपालिका के लिए एक बड़ी संपत्ति है. उन्होंने कहा कि अपने प्रयासों में सफल होने के लिए वकीलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पेशेवर मानकों को बनाए रखा जाए और कानूनी नैतिकता तार-तार न हो. न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि अधिवक्ता की सहायता के बिना कोई अच्छा निर्णय नहीं हो सकता है. बेंच और बार के बीच संबंध न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मुझे विश्वास है कि आप इस महान भूमि के भविष्य को आकार देने के लिए इस नई संरचना का उपयोग करने में सक्षम होंगे.
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उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ 310 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाला और लगभग 1.7 लाख वर्ग मीटर में फैला नया अदालत परिसर और सुविधाएं भविष्य के न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए नये मानदंड होंगे.
(एजेंसी)