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'क्या हवाई यात्रा महंगी होगी', केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सिंधिया ने दिया ये जवाब - atf price

क्या आने वाले समय में हवाई टिकट महंगा होगा, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, थोड़ा इंतजार कीजिए. उन्होंने कहा कि एयरलाइन की 39 प्रतिशत लागत एटीएफ की होती है और एटीएफ की कीमत में दो गुने से अधिक की वृद्ध हो चुकी है. इसलिए उचित समय आने पर इस पर फैसला किया जाएगा. (Scindia on increasing air fare)

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केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सिंधिया
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Published : Aug 9, 2022, 5:34 PM IST

नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सरकार विमान ईंधन के दाम के मामले में स्थिति बेहतर होने पर निश्चित रूप से घरेलू एयरलाइन के लिये किराये की सीमा का फिर से आकलन करेगी. कोरोना वायरस महामारी से देश के विमानन क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा और यह क्षेत्र अब खासकर यात्रियों की संख्या के लिहाज से पुनरुद्धार के रास्ते पर है. मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए स्थानीय एयरलाइन कंपनियों के किराये को लेकर सीमा लगायी है. (Scindia on increasing air fare).

सिंधिया ने कहा कि आज की स्थिति के अनुसार, एयरलाइन के किराये की सीमा निचले हिस्से के काफी करीब नहीं है और यह उच्च सीमा से काफी दूर है. मंत्री ने कहा, 'मैंने चीजें स्थिर होती देखी हैं और उपयुक्त समय पर हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे. मैं विमान ईंधन यानी एटीएफ के दाम पर गौर कर रहा हूं और जैसे ही चीजें बेहतर होती हैं, हम निश्चित रूप से इसका फिर आकलन करेंगे.' सिंधिया ने मई में कहा था कि किराया सीमा ने न केवल हवाई यात्रियों के लिये बल्कि विमानन कंपनियों के लिये भी संरक्षक का काम किया है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हाल के महीनों में विमान ईंधन (एटीएफ) के दाम में तेजी रही है. हालांकि, हाल में देश में ईंधन के दाम में कुछ कमी आई है, लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से ऊपर बनी हुई है. सिंधिया ने माना कि विमानन कंपनियां कई संरचनात्मक मुद्दों का सामना कर रही हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एटीएफ कीमत में तेजी आई है और यह 2019-20 में 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर पिछले सप्ताह लगभग 1,41,000 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है. उन्होंने कहा कि कीमत में करीब 16 प्रतिशत यानी करीब 21,000 रुपये प्रति किलोलीटर की कमी आई है लेकिन यह अभी भी लगभग दोगुना है.

मंत्री ने कहा, 'एक एयरलाइन की 39 प्रतिशत लागत एटीएफ की होती है. ऐसे में एटीएफ का 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर 1,20,000 रुपये प्रति किलोलीटर होने से उसके असर को समझा जा सकता है. इसीलिए, संरचनात्मक नजरिये से उनके समक्ष चुनौतियां हैं.' सिंधिया ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विमान ईंधन पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी लाने का भी आग्रह किया. कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैट 20 से 30 प्रतिशत है और उनमें से कइयों ने इसमें कमी की है.

उन्होंने कहा, 'मेरे आग्रह और इसमें कमी के कारण होने वाले आर्थिक फायदे... के बारे में बताने के बाद 26 राज्यों में से 16 राज्यों (और केंद्र शासित प्रदेश) ने वैट 20 से 30 प्रतिशत से कम कर एक से चार प्रतिशत कर दिया है.' सिंधिया ने कहा कि वह अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वे भी एटीएफ पर वैट कम कर सके. हवाई यातायात के बारे में मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी.

ये भी पढे़ं : विमान यात्रा : सुरक्षा को लेकर क्यों उठ रहे हैं सवाल ?

नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सरकार विमान ईंधन के दाम के मामले में स्थिति बेहतर होने पर निश्चित रूप से घरेलू एयरलाइन के लिये किराये की सीमा का फिर से आकलन करेगी. कोरोना वायरस महामारी से देश के विमानन क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा और यह क्षेत्र अब खासकर यात्रियों की संख्या के लिहाज से पुनरुद्धार के रास्ते पर है. मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए स्थानीय एयरलाइन कंपनियों के किराये को लेकर सीमा लगायी है. (Scindia on increasing air fare).

सिंधिया ने कहा कि आज की स्थिति के अनुसार, एयरलाइन के किराये की सीमा निचले हिस्से के काफी करीब नहीं है और यह उच्च सीमा से काफी दूर है. मंत्री ने कहा, 'मैंने चीजें स्थिर होती देखी हैं और उपयुक्त समय पर हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे. मैं विमान ईंधन यानी एटीएफ के दाम पर गौर कर रहा हूं और जैसे ही चीजें बेहतर होती हैं, हम निश्चित रूप से इसका फिर आकलन करेंगे.' सिंधिया ने मई में कहा था कि किराया सीमा ने न केवल हवाई यात्रियों के लिये बल्कि विमानन कंपनियों के लिये भी संरक्षक का काम किया है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हाल के महीनों में विमान ईंधन (एटीएफ) के दाम में तेजी रही है. हालांकि, हाल में देश में ईंधन के दाम में कुछ कमी आई है, लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से ऊपर बनी हुई है. सिंधिया ने माना कि विमानन कंपनियां कई संरचनात्मक मुद्दों का सामना कर रही हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एटीएफ कीमत में तेजी आई है और यह 2019-20 में 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर पिछले सप्ताह लगभग 1,41,000 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है. उन्होंने कहा कि कीमत में करीब 16 प्रतिशत यानी करीब 21,000 रुपये प्रति किलोलीटर की कमी आई है लेकिन यह अभी भी लगभग दोगुना है.

मंत्री ने कहा, 'एक एयरलाइन की 39 प्रतिशत लागत एटीएफ की होती है. ऐसे में एटीएफ का 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर 1,20,000 रुपये प्रति किलोलीटर होने से उसके असर को समझा जा सकता है. इसीलिए, संरचनात्मक नजरिये से उनके समक्ष चुनौतियां हैं.' सिंधिया ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विमान ईंधन पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी लाने का भी आग्रह किया. कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैट 20 से 30 प्रतिशत है और उनमें से कइयों ने इसमें कमी की है.

उन्होंने कहा, 'मेरे आग्रह और इसमें कमी के कारण होने वाले आर्थिक फायदे... के बारे में बताने के बाद 26 राज्यों में से 16 राज्यों (और केंद्र शासित प्रदेश) ने वैट 20 से 30 प्रतिशत से कम कर एक से चार प्रतिशत कर दिया है.' सिंधिया ने कहा कि वह अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वे भी एटीएफ पर वैट कम कर सके. हवाई यातायात के बारे में मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी.

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