लखनऊ : भाजपा संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक खत्म होने से कुछ देर पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसमें पहुंचे. सुबह से शुरू हुई बैठक में शाम को मुख्यमंत्री के साथ ढाई घंटे की चर्चा के बाद तय हुआ की राम मंदिर के उद्घाटन समारोह को लेकर विश्व हिंदू परिषद के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अगले 3 महीने तक बहुत बड़ा अभियान चलाएंगे. विश्व हिंदू परिषद की शौर्य यात्रा में पूरा समर्थन किया जाएगा. इसके अलावा लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर महिला आरक्षण बिल के संबंध में भी संघ और भाजपा मिलकर माहौल तैयार करेंगे, जिससे महिलाओं के बीच में सरकार के लिए सकारात्मक संदेश जाए. इंडिया की जगह देश का नाम भारत को अधिक प्रचारित करने के संबंध में उत्तर प्रदेश को भी शामिल किया जाएगा, जिसमें सरकार और संगठन के स्तर से व्यापक सहयोग किया जाएगा. इस बैठक में संघ के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद रहे, जबकि सह कार्यवाह अरुण कुमार भी शामिल रहे.
महिला आरक्षण बिल के संबंध में संघ के पदाधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी को निर्देशित किया कि भारत के चिंतन में परिवार सबसे छोटी इकाई होती है. परिवार में महिलाओं की भूमिका सबसे प्रमुख होती है. इसलिए समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. महिलाओं की समाज में सक्रियता बढ़ रही है जो सराहनीय है, इसी संदर्भ में संघ की शताब्दी योजना के अंतर्गत महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने पर बैठक में चर्चा की गई. महिलाओं में आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए प्रदेश भर में सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे. अब तक 12 प्रांतों में इस तरह के 73 सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं, जिन्हें अच्छा प्रतिसाद मिला है, जिनमें 1 लाख 23 हजार से अधिक महिलाओं का सहभाग रहा.
संघ का विस्तार : देशभर में संघ की शाखाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोरोना से पूर्व जो संख्या थी, उससे अधिक संख्या हो चुकी है. सन् 2020 में देश में 38 हजार 913 स्थानों पर शाखाएं थीं. 2023 में यह संख्या बढ़कर 42 हजार 613 हो गई है यानी इनमें 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. संघ की दैनिक शाखाओं की संख्या 62 हजार 491 से बढ़कर 68 हजार 651 हो गई है. संघ की देश में कुल 68 हजार 651 दैनिक शाखाएं हैं और इनमें से 60 प्रतिशत विद्यार्थी शाखाएं हैं. चालीस वर्ष की आयु तक के स्वयंसेवकों की शाखाएं 30 प्रतिशत हैं, जबकि चालीस वर्ष से ऊपर के आयु के स्वयंसेवकों की शाखाएं 10 प्रतिशत हैं. संघ की आधिकारिक वेबसाइट पर ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से प्रति वर्ष 1 से सवा लाख नए लोग जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं. उनमें से अधिकतर 20 से 35 वर्ष तक की आयु के हैं.