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चारधाम यात्रा 19 सितम्बर से होगी शुरू, एसओपी जारी - Uttarakhand Chardham Devasthanam Board

उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हर साल अप्रैल-मई में दर्शनों के लिए खुलते हैं लेकिन इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो पाई. उच्च न्यायालय के श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखे जाने के निर्देशों के मद्देनजर एसओपी में बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी गयी है.

चारधाम यात्रा
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Published : Sep 17, 2021, 10:35 PM IST

देहरादून : कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा 19 सितम्बर से शुरू हो रही है. उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) द्वारा चारधाम यात्रा पर रोक हटाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को राज्य सरकार ने कोविड-19 संबंधी नियमों के सख्त अनुपालन के साथ विस्तृत मानक प्रचालन विधि (एसओपी) जारी कर दी.

उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हर साल अप्रैल-मई में दर्शनों के लिए खुलते हैं लेकिन इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो पाई. उच्च न्यायालय के श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखे जाने के निर्देशों के मद्देनजर एसओपी में बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी गयी है.

पढ़ें : चार धाम देवस्थानम बोर्ड का धरना 30 अक्टूबर तक स्थगित

यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर कोरोना मुक्त रिपोर्ट या कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगे होने का प्रमाणपत्र पेश करना जरूरी होगा. इसके अलावा, कोरोना की दृष्टि से संवेदनशील राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना मुक्त जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा. इसके लिए राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Uttarakhand Chardham Devasthanam Board) की वेबसाइट पर पंजीकरण के समय कोविड मुक्त रिपोर्ट या टीकाकरण का प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा.

बच्चों एवं बीमार एवं अति वृद्धों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. मंदिर में दर्शन हेतु एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश‌ करेंगे. मंदिर में मूर्तियों या घंटियों को छूने पर मनाही होगी. देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि तीर्थ यात्री सामाजिक दूरी के साथ पूजा में शामिल हो सकेंगे लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भगृहों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

केदारनाथ के कपाट 17 मई, बदरीनाथ के कपाट 18 मई, यमुनोत्री के 14 मई तथा गंगोत्री के 15 मई को कपाट खुले थे, लेकिन श्रद्धालुओं को उनके दर्शन की अनुमति नहीं थी. अक्टूबर-नवंबर में चारधाम यात्रा के समापन से पहले अभी भी चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ से दो महीने का समय शेष है. इस बीच, मुख्य सचिव एसएस संधु ने शुक्रवार को केदारनाथ का दौरा किया और हिमालयी धाम की सुरक्षित तीर्थयात्रा के लिए अधिकारियों को पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए.

संधु ने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की और उन्हें गुणवत्ता के साथ तेजी से करने के निर्देश दिए.

(पीटीआई-भाषा)

देहरादून : कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा 19 सितम्बर से शुरू हो रही है. उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) द्वारा चारधाम यात्रा पर रोक हटाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को राज्य सरकार ने कोविड-19 संबंधी नियमों के सख्त अनुपालन के साथ विस्तृत मानक प्रचालन विधि (एसओपी) जारी कर दी.

उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हर साल अप्रैल-मई में दर्शनों के लिए खुलते हैं लेकिन इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो पाई. उच्च न्यायालय के श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखे जाने के निर्देशों के मद्देनजर एसओपी में बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी गयी है.

पढ़ें : चार धाम देवस्थानम बोर्ड का धरना 30 अक्टूबर तक स्थगित

यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर कोरोना मुक्त रिपोर्ट या कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगे होने का प्रमाणपत्र पेश करना जरूरी होगा. इसके अलावा, कोरोना की दृष्टि से संवेदनशील राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना मुक्त जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा. इसके लिए राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Uttarakhand Chardham Devasthanam Board) की वेबसाइट पर पंजीकरण के समय कोविड मुक्त रिपोर्ट या टीकाकरण का प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा.

बच्चों एवं बीमार एवं अति वृद्धों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. मंदिर में दर्शन हेतु एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश‌ करेंगे. मंदिर में मूर्तियों या घंटियों को छूने पर मनाही होगी. देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि तीर्थ यात्री सामाजिक दूरी के साथ पूजा में शामिल हो सकेंगे लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भगृहों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

केदारनाथ के कपाट 17 मई, बदरीनाथ के कपाट 18 मई, यमुनोत्री के 14 मई तथा गंगोत्री के 15 मई को कपाट खुले थे, लेकिन श्रद्धालुओं को उनके दर्शन की अनुमति नहीं थी. अक्टूबर-नवंबर में चारधाम यात्रा के समापन से पहले अभी भी चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ से दो महीने का समय शेष है. इस बीच, मुख्य सचिव एसएस संधु ने शुक्रवार को केदारनाथ का दौरा किया और हिमालयी धाम की सुरक्षित तीर्थयात्रा के लिए अधिकारियों को पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए.

संधु ने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की और उन्हें गुणवत्ता के साथ तेजी से करने के निर्देश दिए.

(पीटीआई-भाषा)

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