नई दिल्ली: देश में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) कुछ कमजोर पड़ती नजर आ रही है इसी के चलते केंद्र सरकार देशभर के स्कूलों को फिर से खोलने की कवायद में जुट गई है. बता दें, करीब दो साल से देश के स्कूल बंद पड़े हैं. ऐसी संभावना है कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सभी स्कूलों को फिर से खोला जाए ताकि कक्षाओं में छात्रों की पढ़ाई फिर से शुरू हो सके. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी. बता दें कि महाराष्ट्र में स्कूल खुल चुके हैं, जबकि कई राज्यों में स्कूल खोलने की कवायद चल रही है.
धीमी पड़ी देश में कोरोना की तीसरी लहर
सूत्रों ने यह भी बताया कि वयस्कों का टीकाकरण बेहतर होने से देश में कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार धीमा पड़ गई है. दूसरे, देश में करीब-करीब सभी क्षेत्रों की गतिविधियां अब कोरोना के साथ-साथ चलने लगी हैं. स्कूल ही सिर्फ ऐसे हैं, जो कोरोना के कारण पिछले दो साल में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. 15 साल से अधिक आयु के बच्चों को भी टीकाकरण शुरू किए जाने से कोरोना के खिलाफ लड़ाई मजबूत हुई है. साथ ही आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से 12 साल के ऊपर के बच्चों को भी टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सकता है.
बच्चों में कम प्रभावी
सरकारी सूत्रों ने कहा कि कोरोना की तीनों लहरों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है तथा यह पाया गया है कि बच्चों में इसका घातक प्रभाव नगण्य रहा है. जबकि स्कूलों के लगातार बंद रहने से बच्चों की सीखने की क्षमता प्रभावित होने तथा बच्चों में मानसिक अवसाद बढ़ने के संकेत लगातार आ रहे हैं.
चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोलने के प्रयास
ऐसे में अब स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय इस मुद्दे पर कई दौर की बैठकें कर चुका है, जिसमें विशेषज्ञों की राय भी स्कूल-कॉलेजों को खोलने के पक्ष में है. इस मुद्दे पर मंत्रालय की विशेषज्ञों से सलाह हालांकि अभी जारी है. सूत्रों ने कहा कि यह तय है कि भविष्य में भी स्कूल पहले की भांति पूरी क्षमता से नहीं खुल सकेंगे, लेकिन कम क्षमता के साथ तथा वैकल्पिक दिनों के साथ इन्हें शुरू किया जा सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय जारी कर सकता है एडवाइजरी
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यह संभव है कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य मंत्रालय इस बारे में राज्यों को एडवाइजरी जारी करे. हालांकि उसे लागू करने या नहीं करने का अंतिम फैसला राज्यों को ही लेना होगा. बता दें कि हाल में महराष्ट्र ने अपने स्कूल खोलने का फैसला किया है, जबकि दिल्ली सरकार भी बार-बार स्कूल खोलने पर जोर दे रही है.
इन पर डालें एक नजर
महाराष्ट्र में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों को बीते सोमवार से खोले जा चुके हैं. स्कूल खोलने पर अन्य राज्य भी जल्द ही फैसला ले सकते हैं. आइए देखते हैं किस राज्य में स्कूल खोलने को लेकर क्या है स्थिति.
महाराष्ट्र में 1 से 12वीं कक्षा के स्कूल खुले
महाराष्ट्र में 24 जनवरी से कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए हैं. जिन जिलों में संक्रमण की दर अधिक है, वहां स्कूल खोलने का फैसला स्थानीय प्रशासन पर छोड़ा गया है. स्कूलों में कोरोना नियमों का पूरा पालन करवाया जा रहा है.
हरियाणा में 1 फरवरी से खुलेंगे स्कूल
हरियाणा सरकार ने 1 फरवरी से सभी सरकारी और निजी स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है. 1 फरवरी से स्कूलों में दसवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. छठी से नौवीं तक की कक्षाएं शुरू करने के लिए बाद में फैसला लिया जाएगा.
झारखंड में 31 जनवरी के बाद खुलेंगे स्कूल
झारखंड सरकार 31 जनवरी के बाद स्कूलों को खोलने की तैयारी कर रही है. सरकार का मानना है कि स्कूलों के बंद होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है.
दिल्ली में स्कूल खोलने की तैयारी में सरकार
दिल्ली सरकार भी प्रदेश में स्कूलों को खोलने के पक्ष में है. हालांकि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने अभी स्कूलों को नहीं खोलने का फैसला किया है. वैसे सरकार तैयारी में है कि स्कूल खोले जाएं.
यूपी में 15 फरवरी तक स्कूल-कॉलेज बंद
यूपी सरकार ने 15 फरवरी तक स्कूल-कालेज को बंद करने का आदेश दिया है. हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी. बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने 30 जनवरी तक शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया था.
उत्तराखंड में 12वीं तक के स्कूल 31 जनवरी तक बंद
उत्तराखंड में 31 जनवरी तक आंगनबाड़ी से लेकर 12वीं तक के सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. इनमें ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी.
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मध्य प्रदेश में 31 जनवरी बाद होगा फैसला
मध्य प्रदेश में स्कूलों को खोलने को लेकर 31 जनवरी के बाद फैसला लिया जाएगा. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 31 जनवरी को मुख्यमंत्री इसको लेकर समीक्षा करेंगे, उसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा.