नई दिल्लीः दिल्ली की आबकारी नीति के मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) के दिल्ली स्थित आवास पर सीबीआई की साढ़े 9 घंटे से छापेमारी (CBI RAID) जारी है. उनके आवास के साथ-साथ शुक्रवार सुबह से ही गोवा, दमन दीव, हरियाणा, दिल्ली और यूपी सहित 7 राज्यों के 20 अन्य जगहों पर कई ब्यूरोक्रेट व कारोबारियों के यहां भी सीबीआई के छापे चल रहे हैं. खबर है कि टीम ने सिसोदिया के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज किए गए हैं. कुछ हार्ड डिस्क को भी खंगाला है.
बता दें, 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की थी. इसकी पुष्टि शुक्रवार को हुई है. सुबह छापेमारी की सूचना मनीष सिसोदिया ने खुद ट्वीट कर दी थी. उन्होंने ट्वीट किया- सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं. लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया.
उन्होंने ट्वीट किया- हम सीबीआई का स्वागत करते हैं. जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके. अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला. इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा. देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता. उन्होंने कहा- ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं. इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें. हम दोनों के ऊपर झूठे आरोप हैं. कोर्ट में सच सामने आ जाएगा.
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले पर ट्वीट किया- जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार NYT के फ्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी. CBI का स्वागत है. पूरा सहयोग करेंगे. पहले भी कई जांच/रेड हुईं. कुछ नहीं निकला. अब भी कुछ नहीं निकलेगा.
वहीं आप सांसद संजय सिंह ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल से डरी हुई है, इसलिए आम आदमी पार्टी के नेताओं पर झूठे केस करके डराना चाहती है. मनीष सिसोदिया ईमानदार नेता हैं और उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि तानाशाही और बदले की राजनीति की उम्र लम्बी नहीं होती. मनीष जी देश के सबसे अच्छे शिक्षा मंत्री है, जिन्होंने अपने बेहतरीन काम से विदेशों में देश का नाम रोशन किया है, इसलिए भाजपा वाले CBI का इस्तेमाल करके उन्हें फंसाना चाहती है, मगर हम डरने वाले नहीं हैं. वो पूरी तरह बेदाग होकर निकलेंगे.
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया- सिसोदिया पर सीबीआई का छापा. सीबीआई, ईडी- सरकार के ये हथियार हैं. यह अब केजरीवाल की तरफ बढ़ रहे हैं. पहले सत्येंद्र जैन को निशाना बनाया गया और अब सिसोदिया को.
बता दें, दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
ये लोग बनाए गए आरोपी
- मनीष सिसोदिया
- अर्व गोपी कृष्ण, आयुक्त (आबकारी)
- आनंद तिवारी, उपायुक्त (आबकारी)
- पंकज भटनागर, सहायक आयुक्त (आबकारी)
- विजय नईर, पूर्व सीईओ, मेसर्स ओनली मच लाउडर
- मनोज राय, पूर्व कर्मचारी
- अमनदीप ढल, निदेशक, मैसर्स ब्रिंडको सेल्स प्रा. लिमिटेड
- समीर महेंद्रू, प्रबंध निदेशक, इंडोस्पिरिट ग्रुप
- अमित अरोड़ा, निदेशक, मैसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
- बुद्धि रिटेल प्रा. लि.
- दिनेश अरोड़ा
- महादेव लिकर
- सनी मारवाह
- अरुण रामचंद्र पिल्लई
- अर्जुन पांडेय
जानें क्या है पूरा मामला
दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही चुनिंदा जगहों पर खुली हुई दुकानों में ही शराब बेची जाती थी. यह वर्षों पुरानी बनाई गई नीति के तहत शराब की बिक्री होती थी. केजरीवाल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया. इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों और दुकानदारों को दे दिया गया. सरकार का कहना था कि इससे कंपटीशन होगा और कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा दुकान पर देसी विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिलेगी. लेकिन नई आबकारी नीति के तहत नवंबर से दिल्ली में बिक रही शराब की दुकानों को अचानक बंद करने का सरकार ने फैसला लिया. जिससे शराब की बिक्री को लेकर अफरा-तफरी मच गई.
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-2022 के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया. 9 जोन ने पहले ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. इसके तहत 849 दुकानें खुलीं. 31 जोन में 27 दुकानें मिली. एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं. 639 दुकानें 9 मई को और 464 दुकानें 2 जून को खोली गईं. जबकि इस 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी. 475 दुकानें सरकार चला रही थी, जबकि 389 दुकानें प्राइवेट थीं. दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने के पीछे दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा तर्क शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का था. साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई. इसके साथ ही ड्राइ डे भी घट गए. इस नीति के लागू होने से दिल्ली पहली सरकार बनी जिसने शराब व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया. पब्लिक प्लेस में स्टोर के आगे कोई शराब पीता है तो पुलिस नहीं बल्कि स्टोर वाला जिम्मेदार होगा. लोगों को स्टैंडर्ड लेवल की शराब पीने को मिलेगी.
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में टकराव
दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी जारी है. आबकारी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि चुनिंदा दुकानदारों को फायदा पहुंचाने के इरादे से तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नीति लागू होने से ठीक पहले नीति में बदलाव किया इससे सरकार को रेवेन्यू का तगड़ा नुकसान हुआ. इसीलिए इस मामले की जांच सीबीआई करें. वहीं अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस पॉलिसी को लागू करने में हुई चूक और कथित अनियमितताओं के मामले में अब कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समेत 11 लोगों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए.
नई एक्साइज पॉलिसी बनाने में बरती गई अनियमितता को लेकर इसी महीने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी विभाग के पूर्व कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समिति ने 11 अधिकारियों को सस्पेंड किया था. यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल को सौंपी गई 37 पेज की रिपोर्ट के बाद की गई है. रिपोर्ट में सतर्कता विभाग की जांच को आधार बनाया गया है. विजिलेंस विभाग द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में कई तरह की कथित गड़बड़ियों को बताया गया है. इसमें एयरपोर्ट पर शराब की दुकान खोलने के लिए जरूरी एयरपोर्ट ऑपरेटर से एनओसी लाने में कामयाब ना होने वाले कंपनी को 30 करोड़ रुपये वापस किए जाना बताया गया है. इसे नियमों के खिलाफ बताया गया है.
इसी तरह कोरोना काल में लाइसेंस धारकों को 144 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देना, मैन्युफैक्चरर्स और ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को रिटेल में शराब बेचने का टेंडर मिलने, शराब कारोबारियों के एक साथ बिजनेस करने को आधार बनाया गया है. रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ए गोपीकृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी को सस्पेंड करने संबंधी फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई है जबकि 3 असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर, नरेंद्र सिंह, नीरज गुप्ता सेक्शन ऑफिसर कुलदीप सिंह, सुभाष रंजन, सुमन डीलिंग हैंड सत्यव्रत भटनागर, सचिन सोलंकी और गौरव मान को निलंबित कर दिया गया है. इनमें से पूर्व कमिश्नर की जगह अब कृष्ण मोहन आ गए हैं.