चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदारों पर ईडी की छापेमारी चुनावी हमले का मुद्दा बनता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर है. अब इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी चौंकाने वाली टिप्पणी कर दी है. उनका कहना है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के कुछ विधायकों के अवैध खनन में शामिल होने की सूचना दी थी. कैप्टन ने सीएम चन्नी की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.
कैप्टन ने दावा किया है कि उनकी शिकायत पर सोनिया गांधी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सीएम के रिश्तेदारों पर छापे डाले जा रहे हैं, तो इसका श्रेय उन्हें ही दिया जाना चाहिए, क्योंकि मामला उनकी सरकार ने ही दर्ज कराए थे. कैप्टन ने यह भी माना कि वह स्वयं अवैध रेत खनन मामले में कार्रवाई नहीं कर सके. अमरिंदर ने सिंह ने कहा कि उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी की कई मौकों पर मदद की थी. एक बार तो 'मीटू' वाले मामले में भी मदद की थी. कैप्टन ने दावा किया कि चन्नी खुद ही उनके पास मदद के लिए आए थे.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा वाले मुद्दे पर कैप्टन ने कहा कि चन्नी ने जो कुछ भी किया, वह सब पहले से स्क्रिप्टेड था. उन्होंने कहा कि जानबूझकर पीएम के काफिले के बीच किसानों को भेजा गया. पुलिस को कार्रवाई से रोका गया.
घटना को एक बड़ी सुरक्षा चूक बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टकराव वाला रुख अपनाने के बजाय, चन्नी को स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए थी. सिंह ने कहा कि हम संवेदनशील सीमावर्ती राज्य हैं और पाकिस्तान की आईएसआई हमेशा यहां गड़बड़ी फैलाने के अवसर देखती रहती है. उन्होंने कहा कि आप कोई जोखिम नहीं ले सकते.
अमरिंदर सिंह ने चन्नी के खिलाफ मीटू शिकायत को हल करने में मदद करने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि तत्कालीन मंत्री उनके पैरों पर गिर गए थे और जीवन भर उनके प्रति वफादारी का वादा किया था. उन्होंने कहा कि अब, उसने रंग बदल लिया है और दावा कर रहा है कि वह पिछले दो सालों से मुझसे छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा था.
चन्नी को अविश्वसनीय और कुटिल व्यक्ति बताते हुए, अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि चन्नी ने पिछले तीन महीनों में पंजाब में तबादलों और पोस्टिंग को एक उद्योग बनाया है. उन्होंने कहा कि तीन डीजीपी बदले गए हैं, उनके गृह मंत्री पर उनके सहयोगी द्वारा कैबिनेट बैठक में खुले तौर पर आरोप लगाया गया है कि एसएसपी की पोस्टिंग के लिए पैसे लिए जा रहे थे, एजी के पद पर रस्साकशी थी... यह लोकां दी सरकार (जनता की सरकार) नहीं है, बल्कि ट्रांसफर-पोस्टिंग दी सरकार है, जो अब 'सूटकेस दी सरकार' भी हो गई है.
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