ग्वालियर: मध्य प्रदेश के एक गांव में सहभोज में शामिल लोगों को इस बात की भनक तक नहीं थी, कि वे जिस स्वादिष्ट रायते का आनंद ले रहे हैं, वह एक ऐसी भैंस के दूध से बना है, जिसे पागल कुत्ते ने काटा है. कार्यक्रम के एक दिन बाद जब भैंस मर गई तो लोगों को यह जानकारी हुई कि उन्होंने जो रायता चखा है, वह जानलेवा भी हो सकता है. फिर क्या था ग्वालियर के जिला अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने वालों की लाइन लग गई.
यह है मामला: ग्वालियर जिले में डबरा के चांदपुर गांव में एक भैंस को कुछ दिनों पहले ही एक पागल कुत्ते ने काट लिया था, कुत्ते के काटने के तीन दिन बाद ही भैंस की मौत (buffalo dies due to the bite of a mad dog) हो गई. गांव में रहने वाले रामसेवक ने बताया कि, भैंस की मौत से ठीक एक दिन पहले उसके दूध का छांछ बनाया गया था. कुत्ते काटने के दूसरे दिन गांव में एक मृत्यु भोज का कार्यक्रम था, जिसमें उसी भैंस के दूध का छाछ भेजा गया था. छाछ से बने रायते को मृत्यु भोज में बड़ी संख्या में परोसा गया. बताया जा रहा है कि, भैंस मालिक ने किसी को नहीं बताया था कि भैंस को पागल कुत्ते ने काटा है.
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अस्पताल में लगा तांता: बाद में भैंस की मौत का पता चलने के बाद लोगों को जानकारी मिली कि जो रायता उन लोगों ने खाया है वो उसी भैंस के दूध से बना है. जिसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया और वे सभी आनन-फानन में एन्टी रेबीज इंजेक्शन लगवाने सिविल अस्पताल पहुंच गए. अस्पताल पहुंचकर दर्जनभर लोगों ने एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाया. मामले में यह जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर अशोक मिश्रा ने बताया कि, पागल कुत्ते के काटने के बाद अगर कोई व्यक्ति या जानवर मर जाता है और उसके संपर्क में अगर कोई व्यक्ति आता है तो उसको रेबीज इंजेक्शन जरूर लगवाने चाहिए, क्योंकि जहर फैलने का खतरा इसमें सबसे ज्यादा होता है.