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सांसद बृजभूषण बने भाजपा की मजबूरी, जानें क्यों सरकार नहीं ले रही एक्शन

बीजेपी आखिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (MP Brij Bhushan Singh) के खिलाफ कोई कड़े कदम क्यों नहीं उठा रही. क्या है पार्टी की मजबूरी,क्या उसके पीछे 2024के चुनाव की सियासत है,क्या पार्टी इस मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती या पार्टी को ये डर सता रहा है कि कहीं पहले की तरह जनाधार वाले छह बार के सांसद रहे बृजभूषण समाजवादी पार्टी का दामन न थाम लें.आइए जानते हैं ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में...

MP Brij Bhushan Singh
सांसद बृजभूषण शरण सिंह
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Published : Jun 1, 2023, 8:36 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह (MP Brij Bhushan Singh) पार्टी के ऐसे नेता हैं जिन्हें गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और कैसरगंज सभी जगह से चुनाव जीत चुके हैं. उनका जनाधार इन इलाकों में काफी मजबूत है और सूत्रों की माने तो चुनावों में कठिनाइयों का सामना करके भी बृजभूषण ने लगातार जीत हासिल की है. शायद यही वजह है की पार्टी जनाधार के खिलाफ कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती है,क्योंकि 2024 का चुनाव काफी नजदीक है. अब ये मामला जाति और उत्तर प्रदेश के बीच भी होता दिख रहा है, जहां यूपी से पार्टी को ज्यादा उम्मीद है.

बृजभूषण शरण सिंह के प्रभाव को समझते हुए पार्टी ने उन्हें चुनावी चुनौतियों में हमेशा जिम्मेदारी का काम सौंपा है. छह बार के सांसद रहे बृजभूषणशरण सिंह के समर्थकों की संख्या भी काफी ज्यादा है. वहीं जातीय समीकरण में भी वो हमेशा पार्टी के लिए लाभदायक रहे हैं और पार्टी चुनाव से पहले इसे नष्ट नहीं करना चाहती है. यही वजह है की इस नेता की लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी इतने दिन तक कोई कदम नहीं उठा रही है.

खिलाड़ियों के आरोप पर पॉक्सो एक्ट के तहत जांच की जा रही है - महिला पहलवानों के द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने और इस मामले में पॉस्को एक्ट के तहत जांच की जा रही है. इस बारे में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार खिलाड़ियों के साथ है और उनकी मांग के अनुसार जांच कमेटी गठित की गई है. इसके साथ ही इस मामले में पहलवानों ने पुलिस में शिकायत भी की है.

जानिए क्या कहा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने

बावजूद इसके बीजेपी जल्दबाजी में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, क्योंकि वे चाहते हैं कि इस मुद्दे को जड़ से खत्म किया जाए और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उठे किसी भी प्रकार के आरोपों का मौका विरोधियों को दोबारा न दिया जाए. पार्टी को ऐसा लगता है की बृजभूषण शरण सिंह इन चार इलाकों में काफी दबदबा रखते है और 2024 के चुनाव से पहले यदि पार्टी बगैर अपराध सिद्ध हुए कोई कदम उठाती है तो उसका खामियाजा इन इलाकों में उसे उठाना पड़ सकता है. वहीं सूत्रों की माने तो सिंह के अभी भी समाजवादी पार्टी से अच्छे रिश्ते हैं, इससे पहले बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थाम चुके हैं. इन्हीं कारणों के पीछे जब बृजभूषण टाडा के तहत तिहाड़ जेल में बंद थे तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उनके आत्मविश्वास बढ़ाने को लेकर पत्र भी लिखा था,जो आगे चलकर सिंह के लिए अभयदान साबित हुआ था. बीजेपी को लगता है की बृजभूषण का महत्वपूर्ण योगदान पार्टी के लिए आवश्यक है. बृजभूषण शरण सिंह के प्रति जनसमर्थन बहुत मजबूत है, इसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने उनका समर्थन और उनकी निर्दोषता पर पूरी आधारिता बनाए रखने का फैसला किया है. हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह ने स्वयं इन आरोपों का खंडन किया है और खुद को निर्दोष को साबित करने के लिए वे सभी जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं.

सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं की खिलाड़ियों के धरने को पूरा विपक्ष साथ दे रहा और खाप ने तो पंचायत तक बुला ली. यही नहीं इस बीच कर्नाटक में बीजेपी को नुकसान तक उठाना पड़ा लेकिन पार्टी यूपी को ध्यान में रखते हुए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. यही वजह है कि बीजेपी और यूपी के मुख्यमंत्री ने आजतक बृजभूषण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उन्हें ये आभास है की छह बार के सांसद रहे बृजभूषण चार अलग-अलग जगहों से खड़े होकर भी जीतकर सदन में पहुंचे और यदि पार्टी कोई कदम उठाती है तो पहले से ही सपा के साथ अच्छे रिश्तों में रहे बृजभूषण समाजवादी पार्टी का दामन भी थाम सकते हैं जिसका खामियाजा पार्टी को इन जिलों में भुगतना पड़ सकता है. इसी वजह से बीजेपी धर्म संकट में फंसी है,क्योंकि बृजभूषण दागी नेता तो हैं मगर उन पर आरोप सिद्ध नही हो पाए हैं.

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बृजभूषण शरण सिंह के प्रभाव को समझते हुए पार्टी ने उन्हें चुनावी चुनौतियों में हमेशा जिम्मेदारी का काम सौंपा है. छह बार के सांसद रहे बृजभूषणशरण सिंह के समर्थकों की संख्या भी काफी ज्यादा है. वहीं जातीय समीकरण में भी वो हमेशा पार्टी के लिए लाभदायक रहे हैं और पार्टी चुनाव से पहले इसे नष्ट नहीं करना चाहती है. यही वजह है की इस नेता की लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी इतने दिन तक कोई कदम नहीं उठा रही है.

खिलाड़ियों के आरोप पर पॉक्सो एक्ट के तहत जांच की जा रही है - महिला पहलवानों के द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने और इस मामले में पॉस्को एक्ट के तहत जांच की जा रही है. इस बारे में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार खिलाड़ियों के साथ है और उनकी मांग के अनुसार जांच कमेटी गठित की गई है. इसके साथ ही इस मामले में पहलवानों ने पुलिस में शिकायत भी की है.

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बावजूद इसके बीजेपी जल्दबाजी में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, क्योंकि वे चाहते हैं कि इस मुद्दे को जड़ से खत्म किया जाए और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उठे किसी भी प्रकार के आरोपों का मौका विरोधियों को दोबारा न दिया जाए. पार्टी को ऐसा लगता है की बृजभूषण शरण सिंह इन चार इलाकों में काफी दबदबा रखते है और 2024 के चुनाव से पहले यदि पार्टी बगैर अपराध सिद्ध हुए कोई कदम उठाती है तो उसका खामियाजा इन इलाकों में उसे उठाना पड़ सकता है. वहीं सूत्रों की माने तो सिंह के अभी भी समाजवादी पार्टी से अच्छे रिश्ते हैं, इससे पहले बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थाम चुके हैं. इन्हीं कारणों के पीछे जब बृजभूषण टाडा के तहत तिहाड़ जेल में बंद थे तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उनके आत्मविश्वास बढ़ाने को लेकर पत्र भी लिखा था,जो आगे चलकर सिंह के लिए अभयदान साबित हुआ था. बीजेपी को लगता है की बृजभूषण का महत्वपूर्ण योगदान पार्टी के लिए आवश्यक है. बृजभूषण शरण सिंह के प्रति जनसमर्थन बहुत मजबूत है, इसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने उनका समर्थन और उनकी निर्दोषता पर पूरी आधारिता बनाए रखने का फैसला किया है. हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह ने स्वयं इन आरोपों का खंडन किया है और खुद को निर्दोष को साबित करने के लिए वे सभी जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं.

सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं की खिलाड़ियों के धरने को पूरा विपक्ष साथ दे रहा और खाप ने तो पंचायत तक बुला ली. यही नहीं इस बीच कर्नाटक में बीजेपी को नुकसान तक उठाना पड़ा लेकिन पार्टी यूपी को ध्यान में रखते हुए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. यही वजह है कि बीजेपी और यूपी के मुख्यमंत्री ने आजतक बृजभूषण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उन्हें ये आभास है की छह बार के सांसद रहे बृजभूषण चार अलग-अलग जगहों से खड़े होकर भी जीतकर सदन में पहुंचे और यदि पार्टी कोई कदम उठाती है तो पहले से ही सपा के साथ अच्छे रिश्तों में रहे बृजभूषण समाजवादी पार्टी का दामन भी थाम सकते हैं जिसका खामियाजा पार्टी को इन जिलों में भुगतना पड़ सकता है. इसी वजह से बीजेपी धर्म संकट में फंसी है,क्योंकि बृजभूषण दागी नेता तो हैं मगर उन पर आरोप सिद्ध नही हो पाए हैं.

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