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Bike Boat Scam : 4500 करोड़ के बाइक घोटाले की जांच खत्म करवाने के लिए सपा नेता ने लिए थे सात करोड़ रुपये - फर्जी फाइनेंस कंपनी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में 4500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में अहम सुराग मिले हैं. इस मामले में नोएडा का एक सपा नेता भी घेरे में है. आरोप है कि सपा नेता ने ईडी और सीबीआई जांच से राहत दिलाने के लिए सात करोड़ रुपये लिए थे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 15, 2023, 4:40 PM IST

लखनऊ : 4500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले के आरोपियों से नोएडा के एक सपा नेता ने यह कह कर सात करोड़ रुपए ले लिए कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कई वरिष्ठ अधिकारियों से उसकी पहचान है और वह उन्हें जांच से बचा सकता है. आरोपियों ने कई बार में सपा नेता को पैसे दे भी दिए. ईडी को जब इसकी सूचना मिली तो सपा नेता की जांच करवाई गई जिसमें आरोपियों व नेता के बीच हुए कई लेन देन सामने आए हैं. एजेंसी को यह भी सबूत मिला है कि घोटाले का मास्टरमाइंड संजय भाटी सपा नेता के सीधे संपर्क में था.

बाइक बोट स्कैम.
बाइक बोट स्कैम.

सूत्रों के मुताबिक नोएडा के सपा नेता दिनेश गुर्जर ने लाखों निवेशकों से 4500 करोड़ लूटने वाले आरोपियों को यह विश्वास दिलाया था कि वह उन्हें ईडी और सीबीआई जांच से राहत दिलवा सकता है. इसके लिए 10 करोड़ रुपये लगेंगे. हालांकि डील सात करोड़ में तय हो गई थी. ईडी ने को जब यह पता चला तो बीती जुलाई में एजेंसी ने दिनेश गुर्जर को गिरफ्तार किया था. उससे रिमांड में लेकर पूछताछ भी की गई थी. एजेंसी ने गुर्जर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसकी संपत्तियों का ब्यौरा जुटाना शुरू किया था. ईडी जल्द दिनेश गुर्जर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है.






वर्ष 2010 में संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी की शुरुआत की और 2018 में एक बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी. स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई. इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62 हजार 200 रुपये का निवेश कराया गया. उसके एवज में एक साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया था. लेकिन एक भी निवेशक को पैसा नहीं दिया गया. कंपनी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर व हरियाणा समेत कई राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों से 15 हजार करोड़ की ठगी कर संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए. इस मामले में यूपी एसटीएफ और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EoW) ने जांच शुरू की तो गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ. कंपनी के डायरेक्टर संजय भाटी व बीएन तिवारी समेत 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. तीन आरोपी दीप्ति बहल, भूदेव व बिजेंद्र सिंह हुड्डा फरार हैं, जिन पर शासन ने पांच-पांच लाख रुपये इनाम घोषित कर रखा है.

यह भी पढ़ें : फाइनेंस कंपनी बनाकर निवेशकों को लगाई थी लाखों की चपत, दो साल बाद गिरफ्तार

Ponzi Scam Case : ओडिशा ईओडब्ल्यू बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा से कर सकती है पूछताछ

लखनऊ : 4500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले के आरोपियों से नोएडा के एक सपा नेता ने यह कह कर सात करोड़ रुपए ले लिए कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कई वरिष्ठ अधिकारियों से उसकी पहचान है और वह उन्हें जांच से बचा सकता है. आरोपियों ने कई बार में सपा नेता को पैसे दे भी दिए. ईडी को जब इसकी सूचना मिली तो सपा नेता की जांच करवाई गई जिसमें आरोपियों व नेता के बीच हुए कई लेन देन सामने आए हैं. एजेंसी को यह भी सबूत मिला है कि घोटाले का मास्टरमाइंड संजय भाटी सपा नेता के सीधे संपर्क में था.

बाइक बोट स्कैम.
बाइक बोट स्कैम.

सूत्रों के मुताबिक नोएडा के सपा नेता दिनेश गुर्जर ने लाखों निवेशकों से 4500 करोड़ लूटने वाले आरोपियों को यह विश्वास दिलाया था कि वह उन्हें ईडी और सीबीआई जांच से राहत दिलवा सकता है. इसके लिए 10 करोड़ रुपये लगेंगे. हालांकि डील सात करोड़ में तय हो गई थी. ईडी ने को जब यह पता चला तो बीती जुलाई में एजेंसी ने दिनेश गुर्जर को गिरफ्तार किया था. उससे रिमांड में लेकर पूछताछ भी की गई थी. एजेंसी ने गुर्जर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसकी संपत्तियों का ब्यौरा जुटाना शुरू किया था. ईडी जल्द दिनेश गुर्जर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है.






वर्ष 2010 में संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी की शुरुआत की और 2018 में एक बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी. स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई. इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62 हजार 200 रुपये का निवेश कराया गया. उसके एवज में एक साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया था. लेकिन एक भी निवेशक को पैसा नहीं दिया गया. कंपनी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर व हरियाणा समेत कई राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों से 15 हजार करोड़ की ठगी कर संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए. इस मामले में यूपी एसटीएफ और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EoW) ने जांच शुरू की तो गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ. कंपनी के डायरेक्टर संजय भाटी व बीएन तिवारी समेत 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. तीन आरोपी दीप्ति बहल, भूदेव व बिजेंद्र सिंह हुड्डा फरार हैं, जिन पर शासन ने पांच-पांच लाख रुपये इनाम घोषित कर रखा है.

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