जूनागढ़: गुजरात के जूनागढ़ में शनिवार को विश्व शेर दिवस मनाया गया है. गिर के जंगल से लेकर अफ्रीका और विश्व के अन्य देशों में भी ये दिन मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के पीछे छुपा मकसद है कि लोग इस जीव को लेकर सजग हों. इनकी घटती आबादी सारे विश्व में एक बड़ी समस्या है.
शेर को बचाने के लिए और लोगों में शेरो के प्रति जागरुकता बढ़ाने के सिए गुजरात ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी विश्व शेर दिवस मनाया जाता है.
वर्तमान समय में गिर के जंगलो में शेरों की संख्या बढ़ रही है, जो कि एक अच्छी खबर है. गुजरात में विभिन्न इलाकों में कई ऐसे लोग हैं जो इस प्रजाति को बचाने के लिए कई अभियान चला रहे हैं.
इन लोगों में से एक हैं गुजरात के दिव में रहने वाले शिक्षक रमेशभाई रावल. रावल पिछले 30 सालों से शेर बचाओ अभियान चला रहे हैं. रमेश भाई गुजरात के कई जिलों में जाकर शेर के बारे में आम लोगों को जानकारी देते रहे हैं.
इस मौके पर राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी बच्चों ने विशाल रैली का आयोजन किया. वहीं आदिवासी समुदाय ने भी इस जागरुकता अभियान में सहयोग किया. आदिवासी समुदाय के लोगों ने नृत्य प्रस्तुति की. शेरों के प्रिंट वाली पोशाक को पहन कर किए जाने वाले नृत्य का नाम 'धमाल नृत्य' है.
विश्व शेर दिवस के दौरान वन विभाग के अधिकारियों ने भी आम लोगों को शेर के बारे में जानकारी दी.