नई दिल्ली : आज सावन का तीसरा सोमवार है. भोलेनाथ के भक्त शिवजी को प्रसन्न करने के लिए देश के अलग-अलग मंदिरों में जल चढ़ा रहे हैं. सावन के तीसरे सोमवार के साथ आज सोमवती अमावस्या का भी संयोग बना हुआ है, जिसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंच रहे हैं.
वहीं बाबा महाकाल के दरबार में अब दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, सिर्फ मध्यप्रदेश के लोगों को ही मंदिर में पूजा-पाठ की अनुमति दी गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महाकाल मंदिर प्रबंधन ने आने वाले कुछ दिनों के लिए ये निर्णय लिया है.
महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण के तीसरे सोमवार को सुबह 2:30 बजे बाबा महाकाल मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद बाबा का जलाभिषेक कर पंचामृत अभिषेक किया गया. जिसमें दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बाबा का अभिषेक किया गया और भस्म आरती भी की गई.
भांग का विशेष श्रंगार कर बाबा महाकाल की आरती की गई. आज के दिन विशेष संयोग के चलते मान्यता है कि बाबा महाकाल के दर्शन करने से मन की इच्छा और कामनाएं पूरी होती हैं. आज शाम 4 बजे भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे.
अष्टमुखी के दरबार पहुंच रहे भक्त
छत्तीसगढ़ में भी सावन के इस पवित्र महीने में ईटीवी भारत जगह-जगह के शिव धाम के दर्शन भक्तों को करा रहा है. शिवजी के दर्शन के इसी सफर में बिलासपुर के प्रसिद्ध अष्टमुखी शिव मंदिर के दर्शन कर भक्त पुण्य लाभ कमा सकते हैं.
यहां की शिव प्रतिमा अपनी विशेष कलाकृति के कारण मशहूर है. जिसके दर्शन करने दूर-दूर से लोग बिलासपुर पहुंचते हैं. बताया जा रहा है कि ये मंदिर 200 साल पुराना है और इस मंदिर में स्थापित अष्टमुखी शिव करीब 40 साल पहले यहां बैलगाड़ी पर लाए गए थे. इनके यहां पहुंचने की कहानी भी काफी रोचक है.
सावन में अष्टमुखी के दरबार पहुंच रहे भक्त
कोरोना संकट के बीच भी भक्त भगवान शिव की आराधना करने पहुंच रहे हैं. भक्तों का कहना है कि उन्होंने कोरोना संकट दूर करने के लिए भगवान भोलेनाथ के दरबार में अर्जी लगाई है और उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि देश और दुनिया जल्द इस संकट से बाहर आ जाएगा.