नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने सामाजिक कार्यकर्ता रमन कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. याचिका में उत्तराखंड राज्य के अलगाव के दौरान हुए अपराधों से निबटने में उत्तराखंड सरकार के उदासीन रवैये का उल्लेख किया गया है.
याचिकाकर्ता ने सीबीआई द्वारा पुलिस के खिलाफ दायर एफआईआर और चार्जशीट का हवाला दिया है. चार्जशीट के अनुसार अलग के लिए हुए संघर्ष के दौरान पुलिसकर्मियों ने 5 हत्याओं के अलावा 28 आंदोलनकारियों को मौत के घाट उतारा. इसके साथ ही उन्होंने छेड़छाड़ की 17 व सामूहिक बलात्कार की सात घटनाओं को अंजाम दिया था.
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न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह शीर्ष अदालत के समक्ष संबद्ध कार्यवाही में एक वकील के रूप में ऑन रिकॉर्ड उपस्थित हुए थे. उन्होंने बताया कि एक अन्य पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.