मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने कहा है कि केंद्र सरकार को लॉकडाउन से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में होने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि पूजन को लेकर सरकार पर कटाक्ष भी किया.
पवार ने कहा, 'कुछ लोगों को लगता है कि राम मंदिर बनाने से कोरोना खत्म होगा. उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना को खत्म करने के लिए काम होना चाहिए.'
रविवार को शरद पवार ने कहा, हम सोच रहे हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाए, जबकि कुछ लोगों को लगता है कि कोरोना मंदिर बनाकर जाएगा.'
पवार ने कहा कि मंदिर निर्माण के पीछे भी कोई कारण हो सकता है, लेकिन हमारी प्राथमिकता यह देखना है कि लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को कैसे सुधारा जाए.
बता दें कि पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन के अनुष्ठान में शामिल होंगे. इस बात से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टियों में उत्साह है. श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर संतों की मांग के अनुरूप बनेगा.
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प्रधानमंत्री मोदी ने पांच फरवरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी. राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के प्रवक्ता महंत कमल नयन दास ने कहा था, 'हमने ग्रह नक्षत्रों की गणना के आधार पर प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए दो शुभ तिथियों - तीन और पांच अगस्त का सुझाव दिया था.'
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि बैठक में राम मंदिर की ऊंचाई के मुद्दे पर चर्चा की गई. मंदिर की ऊंचाई 161 फुट होगी और इसमें पांच गुंबद होंगे.