मुंबई : शिवसेना नेता संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला पर दिया बयान वापस ले लिया है. राउत ने कहा, 'कांग्रेस के हमारे मित्रों को आहत होने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी जी की छवि को खराब हुई है या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने बयान को वापस लेता हूं.' दरअसल शिवसेना सांसद संजय राउत प्रायः अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. हाल में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के सहयोग से महाराष्ट्र में बनी शिवसेना की सरकार के बाद हालात में काफी बदलाव आए हैं. लगता है इसी गठबंधन की गांठ के कारण राउत को अपना बयान वापस लेना पड़ा है.
शिवसेना नेता ने कहा कि मुम्बई के इतिहास की समझ ना रखने वालों ने उनके बयान को 'तोड़-मरोड़' डाला. राउत के अनुसार, उनके कहने का आशय यह था कि करीम लाला पठान समुदाय के प्रतिनिधि थे और उनकी यही हैसियत उनसे पूर्व प्रधानमंत्री की मुलाकात की वजह थी.
राउत ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के लिए मेरे मन में हमेशा से सम्मान है. करीम लाला से कई नेताओं की मुलाकात होती थी. करीम लाला को अफगानिस्तान के पठानों का नेता मान अन्य नेता उनसे मुलाकात करते थे. करीम लाला के दफ्तर में कई नेताओं की तस्वीर थीं.
इंदिरा गांधी मिली थीं करीम लाला से
सांसद संजय राउत ने बुधवार को दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में पुराने डॉन करीम लाला से मिली थीं. राउत ने एक मीडिया समूह के पुरस्कार समारोह के दौरान एक साक्षात्कार में यह दावा किया था.
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
राउत के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और राउत से बयान वापस लेने को कहा था. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा था कि राउत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के खिलाफ दुष्प्रचार करेंगे तो उन्हें पछताना पड़ेगा. कल उन्होंने इंदिराजी के बारे में जो बयान दिया है वह वापस ले लें. वहीं मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने भी राउत से उनके गलत जानकारी वाले बयान को वापस लेने की मांग की.
60 के दशक के डॉन
करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार मुंबई के शीर्ष माफिया सरगनाओं में थे जो 1960 से लेकर अस्सी के दशक तक सक्रिय रहे.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा- गैंगस्टर करीम लाला से मिली थीं इंदिरा गांधी
हाजी मस्तान को देखने पूरा मंत्रालय नीचे आता था
राउत ने कहा था, 'अंडरवर्ल्ड डॉन तय करते थे कि मुंबई का पुलिस आयुक्त कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा.' उन्होंने दावा किया कि हाजी मस्तान के मंत्रालय में आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था. इंदिरा गांधी पाइधोनी (दक्षिण मुंबई में) में करीम लाला से मिलने आती थीं.