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कोरोना संकट : आरबीआई ने राज्यों को दी राहत, छह महीने बढ़ाई यह सुविधा - Covid-19 global pandemic

कोरोना संकट को देखते हुए आरबीआई ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ओवरड्राफ्ट के साथ ही डब्ल्यूएमए सुविधा की अवधि को छह महीने के लिए बढ़ाने की घोषणा की है. इसके तहत राज्य 31 मार्च 2021 तक इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे. पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट.

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Published : Sep 29, 2020, 9:41 PM IST

हैदराबाद : भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को ओवरड्राफ्ट सुविधा की छूट की समय सीमा बढ़ा दी है. इसके साथ ही राज्यों को उधार लेने के लिए वेज एंड मीन्स एडवांस (डब्ल्यूएमए) छूट अवधि में भी अगले छह माह का विस्तार किया है.

अच्छी तरह से तय किए गए मानदंडों के अनुसार, राज्य अपने कर्ज प्रवाह में किसी भी तरह का तालमेल गड़बड़ाने की स्थिति में कामकाज जारी रखने के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज, अग्रिम (वेज एंड मीन्स एडवांस) और ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ उठाते हैं. यह एक विशेष तौर पर उपयोगी साधन है, जो राज्यों को वेतन और मजदूरी का समय पर भुगतान करने और अन्य अनिवार्य कामों पूरा करने में मदद करता है.

रिजर्व बैंक की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वेज एंड मीन्स एडवांस (डब्ल्यूएमए ) एवं ओवर ड्राफ्ट की छूट की समय सीमा 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसे छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया, क्योंकि महामारी के समाप्त होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है.

रिजर्व बैंक की ओर से एक बयान में कहा गया कि एक समीक्षा के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओवरड्राफ्ट और डब्ल्यूएमए की सीमा में वृद्धि के संबंध में सात अप्रैल 2020 और 17 अप्रैल 2020 को घोषित उपर्युक्त उपायों को और छह महीने के लिए, यानी 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. आरबीआई ने कहा कि अन्य सभी शर्तें पहले वाली ही रहेंगी.

आरबीआई देता है उधार

कोविड -19 वायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए इस वर्ष मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद रिजर्व बैंक ने राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट के मानदंड में ढील दी, क्योंकि राज्य वैश्विक महामारी कोविड -19 के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव के कारण नकदी संकट का सामना कर रहे हैं. कोविड के कारण राज्यों को स्वास्थ्य सेवा और अन्य राहत उपायों पर अधिक खर्च करने की जरूरत है.

सात अप्रैल से रिजर्व बैंक ने ओवर ड्राफ्ट के लिए दिनों की संख्या बढ़ाकर 14 से 21 दिन कर दी, जिससे कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश आरबीआई की ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठा सकता है. इसने तीन-महीने की अवधि में कार्यदिवस की संख्या भी बढ़ाकर 36 से 50 कर दी, जब राज्य ओवरड्राफ्ट पर रह सकते हैं.

17 अप्रैल को रिजर्व बैंक ने वेज एंड मीन्स एडवांस (डब्ल्यूएमए) की सीमा इस साल 31 मार्च को राज्यों के लिए निर्धारित सीमा से 60 फीसद तक बढ़ा दी.

आरबीआई ने कहा कि ये उपाय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अधिक सुविधा देने के मकसद से किए गए हैं, क्योंकि वे वैश्विक महामारी कोविड -19 से लड़ते हैं. अत्यधिक संक्रामक सार्स-कोव-2 वायरस ने देश में 96 हजार से अधिक और दुनिया भर में दस लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है.

हैदराबाद : भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को ओवरड्राफ्ट सुविधा की छूट की समय सीमा बढ़ा दी है. इसके साथ ही राज्यों को उधार लेने के लिए वेज एंड मीन्स एडवांस (डब्ल्यूएमए) छूट अवधि में भी अगले छह माह का विस्तार किया है.

अच्छी तरह से तय किए गए मानदंडों के अनुसार, राज्य अपने कर्ज प्रवाह में किसी भी तरह का तालमेल गड़बड़ाने की स्थिति में कामकाज जारी रखने के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज, अग्रिम (वेज एंड मीन्स एडवांस) और ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ उठाते हैं. यह एक विशेष तौर पर उपयोगी साधन है, जो राज्यों को वेतन और मजदूरी का समय पर भुगतान करने और अन्य अनिवार्य कामों पूरा करने में मदद करता है.

रिजर्व बैंक की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वेज एंड मीन्स एडवांस (डब्ल्यूएमए ) एवं ओवर ड्राफ्ट की छूट की समय सीमा 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसे छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया, क्योंकि महामारी के समाप्त होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है.

रिजर्व बैंक की ओर से एक बयान में कहा गया कि एक समीक्षा के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओवरड्राफ्ट और डब्ल्यूएमए की सीमा में वृद्धि के संबंध में सात अप्रैल 2020 और 17 अप्रैल 2020 को घोषित उपर्युक्त उपायों को और छह महीने के लिए, यानी 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. आरबीआई ने कहा कि अन्य सभी शर्तें पहले वाली ही रहेंगी.

आरबीआई देता है उधार

कोविड -19 वायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए इस वर्ष मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद रिजर्व बैंक ने राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट के मानदंड में ढील दी, क्योंकि राज्य वैश्विक महामारी कोविड -19 के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव के कारण नकदी संकट का सामना कर रहे हैं. कोविड के कारण राज्यों को स्वास्थ्य सेवा और अन्य राहत उपायों पर अधिक खर्च करने की जरूरत है.

सात अप्रैल से रिजर्व बैंक ने ओवर ड्राफ्ट के लिए दिनों की संख्या बढ़ाकर 14 से 21 दिन कर दी, जिससे कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश आरबीआई की ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठा सकता है. इसने तीन-महीने की अवधि में कार्यदिवस की संख्या भी बढ़ाकर 36 से 50 कर दी, जब राज्य ओवरड्राफ्ट पर रह सकते हैं.

17 अप्रैल को रिजर्व बैंक ने वेज एंड मीन्स एडवांस (डब्ल्यूएमए) की सीमा इस साल 31 मार्च को राज्यों के लिए निर्धारित सीमा से 60 फीसद तक बढ़ा दी.

आरबीआई ने कहा कि ये उपाय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अधिक सुविधा देने के मकसद से किए गए हैं, क्योंकि वे वैश्विक महामारी कोविड -19 से लड़ते हैं. अत्यधिक संक्रामक सार्स-कोव-2 वायरस ने देश में 96 हजार से अधिक और दुनिया भर में दस लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है.

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