नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ पिछले करीब चार महीने से गतिरोध जारी है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मास्को में अपने चीनी समकक्ष जनरल वी फेंगे से मुलाकात की. मॉस्को में हुई बातचीत में राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि चीन ने लद्दाख में यथा स्थिति बदलने की कोशिश की, जो द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है.
चीन के रक्षा मंत्री के साथ बातचीत में राजनाथ सिंह ने चीन की जन मुक्ति सेना (पीएलए) के आक्रामक व्यवहार और सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई.
राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से कहा कि दोनों पक्षों को मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करना चाहिए और यथास्थिति में बदलाव के एकतरफा प्रयास नहीं करने चाहिए.
राजनाथ ने चीन के रक्षा मंत्री से कहा कि दोनों पक्षों को वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से वर्तमान स्थिति और लंबित मुद्दों को सुलझाना चाहिए. चीन को गतिरोध के सभी बिन्दुओं से सेना को पूरी तरह वापस बुलाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए और ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे हालात और बिगड़ें.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा को लेकर भारत की प्रतिबद्धता के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
रूस की राजधानी मास्को में एक प्रमुख होटल में रात करीब साढ़े नौ बजे (भारतीय समयानुसार) वार्ता शुरू हुई. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है.