नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज अन्य कांग्रेस सांसदों के साथ हाथरस मामले में पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने की कोशिश करेंगे. दो दिन पहले भी राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस जाने के लिए निकले थे लेकिन यूपी पुलिस ने उनके काफिले को रास्ते में रोक लिया और उन्हें हिरासत में ले लिया था. इस संदर्भ में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें इस दुखी परिवार से मिलने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती.
उन्होंने ट्वीट किया, 'दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती.' कांग्रेस नेता ने कहा, 'इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं. किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए.' पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के कई सांसद हाथरस जाएंगे और शोकाकुल परिवार से मुलाकात करेंगे.
वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल परिवार से मुलाकात कर उनकी चिंताएं सुनेगा और पीड़िता एवं परिवार के लिए न्याय की मांग करेगा.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस की पीड़िता के परिवार को नार्को टेस्ट की धमकी दिए जाने का आरोप लगाया और कहा कि इस परिवार को धमकाना बंद कीजिए.
उन्होंने ट्वीट किया, 'उप्र सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है. पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है - अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं.'
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, 'पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए
इससे पहले, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने गुरुवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने से रोककर हिरासत में ले लिया था. दूसरी तरफ, कांग्रेस ने दावा किया कि राहुल और प्रियंका को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था और मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार की रात को उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया. बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि 'परिवार की इच्छा के मुताबिक' अंतिम संस्कार किया गया.
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