नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को गोवा स्थानांतरित कर दिया है. वे अपने बाकी कार्यकाल के लिए गोवा में ही रहेंगे. मलिक मृदुला सिन्हा की जगह लेंगे. अगस्त में कार्यकाल पूरा होने के बाद वे सेवा विस्तार पर थीं.
मलिक के तबादले के बाद गिरिश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर का पहला उप-राज्यपाल नियुक्त किया गया है. 31 अक्टूबर को उन्हें शपथ दिलाई जाएगी. गौरतलब है कि 59 साल के गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसर हैं और वह गुजरात कैडर के अधिकारी हैं. मुर्म वर्तमान में केंद्र के लागत (expenditure) सचिव हैं. आगामी 30 नवंबर को उन्हें सेवानिवृत्त होना था.
माना जा रहा है कि मुर्मु की नियुक्ति के बाद सत्यपाल मलिक के तीन सलाहकारों का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा, क्योंकि के विजय कुमार, खुर्शीद गनाई, के सिकंदन और केके शर्मा ये सभी नए उपराज्यपाल से सेवा में वरिष्ठ हैं.
राधाकृष्ण माथुर लद्दाख के पहले उप-राज्यपाल होंगे. वे पूर्व रक्षा सचिव रह चुके हैं. उन्हें लेह में 31 अक्टूबर को शपथ दिलाई जाएगी. राधाकृष्ण माथुर 1977 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. 65 वर्षीय माथुर पिछले वर्ष मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे.
मिजोरम के राज्यपाल के रुप में पी श्रीधरन पिल्लई कार्यभार संभालेंगे. श्रीधरन बीजेपी की केरल इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पहले असम के राज्यपाल जगदीश मुखी के पास मिजोरम का अतिरिक्त प्रभार था.
एक अन्य आदेश में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के पूर्व प्रमुख और केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में नियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को लक्षद्वीप का प्रशासक नियुक्त किया गया है. इसका आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया गया.
बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर पिछले वर्ष अगस्त में शपथ लिए थे. इससे पहले उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार का राज्यपाल बनाया था.
बिहार में उनका कार्यकाल 30 सितंबर, 2017 से शुरू हुआ था और अगस्त 2018 तक रहा था, जिसके बाद वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर सेवाएं दे रहे थे.
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बता दें कि 31 अक्टूबर, 2019 से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जाने जाएंगे. उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया.