चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा में किसानों ने रविवार को विभिन्न संगठनों के आह्वान पर प्रदर्शन किया. इन संगठनों ने केंद्र सरकार की ओर से संसद में पेश 'किसान-विरोधी' बिलों के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. हालांकि दोनों राज्यों में कहीं से भी हिंसा की रिपोर्ट नहीं आई है.
धरना-प्रदर्शन की रिपोर्ट पंजाब में फरीदकोट, मोगा, लुधियाना, फिरोजपुर, संगरूर, होशियारपुर व अन्य जगहों और हरियाणा में भी कई जगहों से मिली है.
कृषि अध्यादेशों को लेकर किसानों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियां भी विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इसी कड़ी में रविवार को यूथ कांग्रेस ने अंबाला में रोड जाम किया और सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर में आगजनी भी की. वहीं पुलिस प्रशासन ने यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सड़क जाम ना करने की अपील की.
जब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़क से नहीं हटे, तो पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस दौरान पुलिस को काफी प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने में कामयाबी मिली.
फिलहाल, अंबाला में स्थिति पहले से बेहतर है और पुलिस ने बिगड़ती व्यवस्था को काबू कर लिया है. बता दें कि अगर पुलिस बल वहीं मौजूद ना होता तो प्रदर्शन उग्र हो सकता था. पुलिस की मुस्तैदी से अब स्थिति नियंत्रण में है.
हरियाणा के रोहतक में किसानों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है. इस बार किसान सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. जिसको लेकर लगातार तैयारियों में जुटे हुए हैं. आज किसान दोपहर 12 से 3 बजे तक सांकेतिक धरना देकर सरकार को आगाह करेंगे. अगर सरकार ने फिर भी ध्यान नहीं दिया तो आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा.
3 घंटे का सांकेतिक धरना
रोहतक में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार की ओर से लाए गए विधेयकों को राष्ट्र विरोधी बताते हुए कहा कि रविवार को किसान नेशनल हाईवे नंबर-1 (दिल्ली से चंडीगढ़) को छोड़कर पूरे प्रदेश की सड़कें जाम करेंगे, अगर सरकार नहीं मानी तो 25 सितंबर को भारत बंद होगा. इस बार आंदोलन की रूपरेखा कैसी रहेगी? इसको लेकर रोहतक की अनाज मंडी में चढूनी ने किसान और आढ़तियों ने बैठक कर रणनीति बनाई.
गुरनाम सिंह चढूनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये तीनों विधेयक किसान ही नहीं राष्ट्र विरोधी भी हैं. इन विधेयकों से सिर्फ उद्योग जगह को फायदा होगा. इसलिए 17 संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. यही नहीं किसान मजदूर और बहुत से कृषि से संबंधित से जुड़े लोग इसके विरोध में खड़े हुए हैं, लेकिन भाजपा सरकार इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगा रही है.
एमएसपी गारंटी कानून लाए सरकार
उन्होंने कहा कि इस पर भाजपा के पास किसानों को देने के लिए कोई जवाब नहीं बता तो वो इस प्रकार का आरोप लगा रही है. साथ ही चढूनी ने सरकार की ओर से एमएसपी को लेकर दिए जा रहे आश्वासनों पर कहा कि सरकार को इस पर गारंटी कानून बनाना चाहिए, तभी किसानों का आंदोलन वापस हो सकता है.
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केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे को लेकर चढूनी ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन ये हरसिमरत कौर का सही कदम है. उन्होंने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि दुष्यंत चौटाला को शर्म आनी चाहिए. क्योंकि उन्होंने प्रदेश में किसानों के नाम पर वोट लिए थे, लेकिन वो सारे वोट दुष्यंत ने बीजेपी को बेच दिए. अगर दुष्यंत चौटाला वास्तव में किसान हितैषी हैं तो अभी तक उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.