नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निबटने की साझा रणनीति तय करने के लिए आज सार्क के सदस्य देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में भारत का नेतृत्व किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस समय हम सभी को एक साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है.
बिंदुवार पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- हम परीक्षण किट और अन्य उपकरणों के साथ भारत में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक रैपिड रिस्पांस टीम तैयार कर रहे हैं.
- हम इस बीमारी से लड़ने के लिए एक निगरीनी करने वाला सोफटवेयर तैयार करना चाहिए, जो इससे संक्रमित लोगों को जांच सके.
- ये सोफटवेयर हम अपने सार्क देशों के साथ भी साझा करेंगे.
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद इस महामारी से लड़ने में हमारी मदद करेगा.
- हम परीक्षण किट और अन्य उपकरणों के साथ भारत में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक रैपिड रिस्पांस टीम तैयार कर रहे हैं.
- भारत कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आपातकालीन निधि बनाने का प्रस्ताव पेश करता है. यह हम सभी के स्वैच्छिक योगदान पर आधारित हो सकता है.
- भारत इस फंड के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 73 करोड़) की शुरुआती राशि के साथ इसकी शुरुआत कर सकता है.
- हमने विदेशों से 1400 भारतीयों को बाहर निकाला है. साथ ही अपने पड़ोसी देशों के भी कुछ नागरिकों की मदद की.
- कोरोना वायरस से बचकर रहने की जरूरत.
- भारत में कोरोना पर चलाया जा रहा है जागरुकता अभियान.
- कोरोना को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित किया.
- सार्क देशों को सावधानी बरतने की सख्त जरूरत.
- कोरोना वायरस से किसी को भी लड़ने की जरूरत नहीं है.
पाकिस्तान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- 155,000 से अधिक संक्रमणों, 5833 मौतों और 138 देशों में कोरोना वायरस फैलने के बाद कोई भी देश इसके प्रति गैर-जिम्मेदार नहीं हो सकता है.
- कोरोना वायरस के खतरे पर पाकिस्तान अपनी चिंता व्यक्त करता है.
- सार्क के लगभग सभी देशों में कोरोना वायरस के मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
- हमें बहतर की उम्मीद करते हर बुरे हालातों के लिए भी तैयार रहना होगा.
- कोरोना के खतरे को देखते हुए हमने तीन हफ्तों के लिए अपने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है.
- सभी अंतरराष्ट्रीय सीमओं को दो हफ्तों के लिए बंद कर दिया गया है.
- तीन हवाई अड्डों पर सभी अंतरराष्ट्रीय विमानो
- लोगों के बड़ी संख्या में जमा होने वाले सभी समारोह पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय त्शेरिंग की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- मैं पीएम मोदी को हम सभी को एक साथ लाने के लिए धन्यवाद देना चाहते हूं.
- यह समय हम सभी के एकजुट होने का है.
- जब दुनिया एक आम बीमारी से लड़ रही है, तो यह हमारे मतभेदों को पीछे छोड़कर एक साथ होने का समय है.
नेपाल के प्रधानमंत्री शर्मा ओली की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- मैं पीएम मोदी को इस पहल के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.
- हमारे सामूहिक प्रयास ही हमें इस वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करने में मदद करेंगे.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने यह पहल की.
- मैं भारतीय छात्रों के साथ वुहान (चीन) से हमारे 23 छात्रों को लाने और उनकी मेजबानी करने के लिए भी भारत को धन्यवाद देती हूं.
- तकनीकी स्तर पर इस वार्ता को जारी रखने के लिए, हमारे स्वास्थ्य मंत्रियों, स्वास्थ्य सचिवों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी चर्चा करनी चाहिए.
- इसके लिए इस प्रकार के वीडियो सम्मेलन आयोजित होने चाहिए.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- इस महामारी से हमारी अर्थव्यवस्था को गहरा झटका पड़ा है. खास तौर पर पिछले वर्ष हुए आतंकी हमले के बाद से जिससे हम उभर रहे थे, उसे गहरी चोट पहुंची है.
- मैं सार्क देशों को हमारी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए तंत्र तैयार करने की सलाह देता हूं.
- मैं अपने अनुभवों, विचारों को साझा करने, चुनौतियों को समझने और उपायों पर चर्चा करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं.
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- मैं प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावों का स्वागत करता हूं.
- विशेष रूप से लंबी अवधि में आर्थिक सुधार और कोरोना को आपातकालीन निधि बनाने के लिए प्रस्ताव का स्वागत करता हूं.
- मैं कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं.
- कोई भी देश अकेले इस वायरस का मुकाबला नहीं कर सकता.
- भारत से सहायता प्राप्त करने के लिए मालदीव भाग्यशाली है.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु :-
- भारत सार्क और शंघाई सहयोग दोनों का एक अहम हिस्सा है.
- सार्क और शंघाई सहयोग के बीच समन्वय बनाकर भारत कोरोना से लड़ने में सबकी मदद कर सकता है.
- चीन का अनुभव हमारी स्थिति के लिए कितना अनुकूल है और हम उनके अनुभव से कैसे सीख सकते हैं, ये भारत हमें बता सकता है.
- हमें कोरोना से लड़ने के लिए एक सामान्य ढांचा तैयार करना चाहिए.
- सीमाओं के बंद होने से भोजन, दवाओं और बुनियादी वस्तुओं की उपलब्धता की महत्वपूर्ण समस्या हो जाएगी.
- चीन, अमेरिका, ईरान आदि की कोई भी वस्तु हमारे लिए उपयुक्त नहीं है.
विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि 15 मार्च शाम को पांच बजे पीएम सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंस में भारत का नेतृत्व करेंगे.
आपको बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोली, भूटान के प्रधानमंत्री, नेपाल के प्रधानमंत्री शामिल होंगे. वहीं, पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री इमरान खान के सहायक डॉ. जफर मिर्जा वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे.
गौरतलब है कि मोदी ने शनिवार को कहा था कि दक्षेस नेताओं के साथ आने से प्रभावकारी नतीजे आएंगे और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों को फायदा होगा.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एक स्वस्थ ग्रह के लिए समय पर की जाने वाली कार्रवाई है.
इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा की थी कि क्षेत्र में कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत साझा रणनीति का खाका खींचने के वास्ते सभी दक्षेस सदस्य देशों की वीडियो कांफ्रेंस में भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी करेंगे.
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर सभी सार्क देशों को इस वायरस के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का आह्वान किया था. जिसके बाद अब कई देशों ने भारतीय प्रधानमंत्री की मुहिम का समर्थन किया.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे ने ट्वीट कर लिखा कि कोरोना वायरस के मसले पर श्रीलंका बात करने को तैयार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे वक्त पर शानदार मुहिम की शुरुआत की है.