नई दिल्ली: राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के बाद आज इसे लोकसभा में पेश किया गया है और इस पर बहस जारी है. इस बिल पर कई विपक्षी दल समर्थन कर रहे हैं तो कई इस पर आपत्ति जाहिर कर रहे हैं. ऐसे में एनसीपी नेता माजिद मेनन ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
माजिद मेनन ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर में युवाओं को रोजगार मिलेगा, अच्छी शिक्षा मिलेगी, शिक्षण संस्थान खुलेंगे, तेजी से विकास होगा, इन पर हमारी नजर होगी कि आने वाले दिनों में ऐसा होता है या नहीं.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कोई सरकार रहती और उनसे बातचीत करके तब केंद्र सरकार यह फैसला लेती तो ज्यादा अच्छा लगता है, लेकिन वहां कोई सरकार नहीं है और केंद्र सरकार ने चुपचाप अपना फैसला ले लिया है.
माजिद मेनन ने कहा की उम्मीद है कि इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में कोई खून खराबा नहीं होगा, कोई आतंकवाद नहीं होगा, अगर किसी को विरोध करना भी है तो कानूनी तरीके से विरोध करे. केंद्र सरकार भी अपने तरफ से बड़े कदम उठा रही है, ताकि वहां पर कोई घटना ना घटे, इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है.
बिल पर वोटिंग के दौरान विपक्षी एकता न दिखने की बात पर उन्होंने कहा कि हम छोटे दल हैं, लेकिन कांग्रेस विपक्ष में सबसे बड़ा दल है उसको सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया.
वहीं केन्द्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस खुद दो फाड़ दिख रही है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, दीपेंद्र हुड्डा सहित कुछ नेता केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, इस पर माजिद मेनन ने कहा कि सरकार ने जो फैसला लिया है उसके कुछ प्लस पॉइंट भी हैं तो कुछ माइनस पॉइंट, प्लस प्वाइंट देखकर कांग्रेस के कुछ नेता समर्थन कर रहे हैं.
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केंद्र सरकार ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़ अन्य सभी खंडों को खत्म करने का प्रस्ताव आज लोकसभा में पेश किया है. इस प्रस्ताव को कल राज्यसभा में मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित राज्य बनाने का फैसला लिया है.