ETV Bharat / bharat

विशेष : कोरोना संकट के दौर में बच्चों का रखें विशेष ख्याल

तीन साल के बाद अगले तीन साल तक बच्चों का दिमाग बहुत तेजी से विकसित होता है. यूनिसेफ ने कोरोना महामारी के इस दौर में माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पोषण पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है.

insecurity-in-children-and-parents-because-of-coronainsecurity-in-children-and-parents-because-of-corona
बच्चों और माता-पिता में असुरक्षा
author img

By

Published : Jun 9, 2020, 1:16 PM IST

हैदराबाद : यूनिसेफ ने कोरोना महामारी के इस दौर में माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पोषण पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है. खासकर के छह साल से कम उम्र के बच्चों पर. यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि छह वर्षीय बच्चे का दिमाग बहुत तेजी से विकसित होता है और विशेष रूप से शुरुआती तीन वर्षों के पूरा होने के बाद.

माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे इस तरह के तनावपूर्ण समय के दौरान बच्चों के समग्र विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करें. कोरोना महामारी के चलते माता-पिता अत्यधिक दबाव में हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. हालांकि माता-पिता को खुद भी आत्म-सुरक्षा के लिए विभिन्न उपायों का पालन करना पड़ता है और इसके साथ-साथ अपने परिजनों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होता है ताकि वह इस विनाशकारी समय से बाहर आ सकें.

यूनिसेफ ने अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट इन द कंट्री के नाम से एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें उन्होंने छह साल से कम उम्र के बच्चों की देखभाल करने वाले माता-पिता और बड़ोंं की सेहत, और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया. जिससे पता चला कि कोरोना महामारी माता-पिता और बच्चों के लिए नई चुनौतियां लेकर आई है. इस वायरस के प्रभाव से छोटे बच्चे काफी चिंतित हैं. साथ ही स्कूलों के बंद होने से उनके दैनिक जीवन में काफी बदलाव आया है.

इस समय बच्चों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण मनोवैज्ञानिक समस्याओं को हल कर सकता है. यूनिसेफ की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इस समय माता-पिता को बच्चों को कोरोना वायरस को लेकर सारी जानकारी देनी चाहिए कि उन्हें इस बीमारी को लेकर कैसे तैयारी करनी चाहिए. अकेलेपन से बचने के लिए माता-पिता को बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताना चाहिए. जिससे उनको एक सही मार्गदर्शन मिल जाए.

रिपोर्ट में बताई गई जानकारी
स्वास्थ्य

बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और साथ ही स्वच्छता बनाए रखें और संक्रमण से ग्रस्त होने से बच्चों को बचाएं. बीमार होने पर तुरंत उचित उपचार दिया जाना चाहिए.

पोषण

गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बच्चों को उचित पोषण दिया जाना चाहिए. क्योंकि गर्भवती महिलाओं के पोषण का सेवन बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित कर सकता है.

सुरक्षा

प्रतिकूल अनुभव से बच्चों में भय और चिंता बढ़ सकती है तो यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे गलत चीजों से दूर रहें.

सामाजिक संबंध

सामाजिक संबंध में तभी विकास होता है जब बच्चों को अपनी मर्जी से बड़े होने की छूट दी जाए. बच्चों को बोलने का मौका देना चाहिए.

विकास

देखभाल करने वालों के साथ लगातार जुड़ाव और एक सकारात्मक वातावरण बच्चों को तेजी से और बेहतर तरीके से सीखने में मदद कर सकता है. जब बच्चा दूसरों के साथ बोलने, गाने, अभिनय करने लगता है तो यह बच्चे के विकास में मददगार साबित होता है. इसिलिए माता-पिता को बच्चों के साथ समय बिताने की जरूरत है.

हैदराबाद : यूनिसेफ ने कोरोना महामारी के इस दौर में माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पोषण पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है. खासकर के छह साल से कम उम्र के बच्चों पर. यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि छह वर्षीय बच्चे का दिमाग बहुत तेजी से विकसित होता है और विशेष रूप से शुरुआती तीन वर्षों के पूरा होने के बाद.

माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे इस तरह के तनावपूर्ण समय के दौरान बच्चों के समग्र विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करें. कोरोना महामारी के चलते माता-पिता अत्यधिक दबाव में हैं और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. हालांकि माता-पिता को खुद भी आत्म-सुरक्षा के लिए विभिन्न उपायों का पालन करना पड़ता है और इसके साथ-साथ अपने परिजनों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होता है ताकि वह इस विनाशकारी समय से बाहर आ सकें.

यूनिसेफ ने अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट इन द कंट्री के नाम से एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें उन्होंने छह साल से कम उम्र के बच्चों की देखभाल करने वाले माता-पिता और बड़ोंं की सेहत, और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया. जिससे पता चला कि कोरोना महामारी माता-पिता और बच्चों के लिए नई चुनौतियां लेकर आई है. इस वायरस के प्रभाव से छोटे बच्चे काफी चिंतित हैं. साथ ही स्कूलों के बंद होने से उनके दैनिक जीवन में काफी बदलाव आया है.

इस समय बच्चों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण मनोवैज्ञानिक समस्याओं को हल कर सकता है. यूनिसेफ की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इस समय माता-पिता को बच्चों को कोरोना वायरस को लेकर सारी जानकारी देनी चाहिए कि उन्हें इस बीमारी को लेकर कैसे तैयारी करनी चाहिए. अकेलेपन से बचने के लिए माता-पिता को बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताना चाहिए. जिससे उनको एक सही मार्गदर्शन मिल जाए.

रिपोर्ट में बताई गई जानकारी
स्वास्थ्य

बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और साथ ही स्वच्छता बनाए रखें और संक्रमण से ग्रस्त होने से बच्चों को बचाएं. बीमार होने पर तुरंत उचित उपचार दिया जाना चाहिए.

पोषण

गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बच्चों को उचित पोषण दिया जाना चाहिए. क्योंकि गर्भवती महिलाओं के पोषण का सेवन बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित कर सकता है.

सुरक्षा

प्रतिकूल अनुभव से बच्चों में भय और चिंता बढ़ सकती है तो यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे गलत चीजों से दूर रहें.

सामाजिक संबंध

सामाजिक संबंध में तभी विकास होता है जब बच्चों को अपनी मर्जी से बड़े होने की छूट दी जाए. बच्चों को बोलने का मौका देना चाहिए.

विकास

देखभाल करने वालों के साथ लगातार जुड़ाव और एक सकारात्मक वातावरण बच्चों को तेजी से और बेहतर तरीके से सीखने में मदद कर सकता है. जब बच्चा दूसरों के साथ बोलने, गाने, अभिनय करने लगता है तो यह बच्चे के विकास में मददगार साबित होता है. इसिलिए माता-पिता को बच्चों के साथ समय बिताने की जरूरत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.