नई दिल्ली : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. सात सितंबर की रात चीनी पक्ष की ओर से की गई हवाई फायरिंग पर भारतीय सेना ने कहा है कि भारत तनाव कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन चीन की ओर से उकसावे वाली गतिविधियां जारी हैं.
सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि एलएसी पर विघटन के लिए भारत प्रतिबद्ध है. किसी भी चरण में भारतीय सेना के जवानों ने एलएसी पार नहीं की है, न ही फायरिंग जैसे किसी भी आक्रामक विकल्प का सहारा लिया गया है.
7 सितंबर की घटना पर सेना ने कहा, चीनी सेना- पीएलए एलएसी के पास हमारे अग्रिम मोर्चे के करीब आने की ताक में थे. भारतीय सैनिकों ने पीएलए की इस कोशिश को नाकाम कर दिया. इसके बाद पीएलए के सैनिकों ने डराने-धमकाने के लिए हवा में कुछ राउंड फायर किए.
सेना ने कहा, 'राजनयिक, राजनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत करने का सिलसिला चल रहा है, लेकिन पीएलए समझौतों का उल्लंघन कर, आक्रामक रूप से पेश आ रहा है.'
पीएलए के खिलाफ कार्रवाई पर भारतीय सेना ने कहा, 'गंभीर उकसावे के बावजूद, सैनिकों ने बड़े संयम से काम लिया. परिपक्व और जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया. हम शांति और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हर कीमत पर राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी दृढ़ हैं.'
सेना ने पीएलए के 'वेस्टर्न थियेटर कमांड' के बयान को उनके अपने लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करार दी.
सेना ने कहा, 'भारतीय सेना शांति एवं सौहार्द्र बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं बहरहाल, वह राष्ट्रीय संप्रभुता एवं अखंडता की हर कीमत पर सुरक्षा के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं.'
पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से एलएसी पार की और बात करने के इच्छुक चीनी सीमा पर गश्त रहे सैनिकों पर खराब ढंग से चेतावनी देने के लहजे में गोलियां चलाईं.
उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी दिए बिना कहा कि चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए मजबूरन जवाबी कदम उठाने पड़े.
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे के पार शेनपाओ पर्वतीय क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी भाग पर एलएसी पार की.