नई दिल्ली : लद्दाख सीमा विवाद में एक या मोड़ आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और चीन की सेनाएं एलएसी से पीछे हटने पर सहमत हो गई हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि चीनी सेना ने उन स्थानों से 1-2 किलोमीटर पीछे हट गई है, जहां दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने और अलग होने (disengagement) की सहमति बनी थी.
एजेंसी के मुताबिक यह कोर कमांडर स्तर की वार्ता में तय किया गया था. सैन्य सूत्रों के मुताबिक चीनी पक्ष ने टेंट, वाहन और सैनिकों को हटा दिया है.
सैन्य सूत्रों के मुताबिक चीन के भारी बख्तरबंद वाहन गलवान नदी के वाले क्षेत्र में अभी भी मौजूद हैं. भारतीय सेना सतर्कता के साथ स्थिति की निगरानी कर रही है.
पूर्वी लद्दाख का भूगोल
लद्दाख को ऊंचाई पर स्थित 'रेगिस्तान' कहा जाता है और पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र तिब्बती पठार से सटे हुए हैं. पैंगोंग त्सो झील और गैलवान नदी घाटी 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, और हॉट स्प्रिंग का क्षेत्र लगभग 15,500 फीट है. वर्तमान में इन्हीं तीन क्षेत्रों में चीन के साथ तनाव की स्थिति बनी हुई है.
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. देर रात सैन्य सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया था कि चीनी पक्ष में 43 लोग हताहत हुए हैं.
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अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से सामने आई खबरों के मुताबिक गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर समेत 35 लोग भी मारे गए थे.
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