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आईआईटी हैदराबाद ने बनाई कोरोना जांच किट, 20 मिनट में मिलेंगे नतीजे - जांच किट को आईसीएमआर से मंजूरी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसी कोरोना टेस्टिंग किट विकसित की है जो सस्ती है और उससे 20 मिनट में कोरोना जांच के नतीजे सामने आएंगे. पढ़े विस्तार से...

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Published : Jun 7, 2020, 12:54 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने कोविड-19 की जांच के लिए किट विकसित की है, जिससे महज 20 मिनट में कोरोना के नतीजे आ जाएंगे.

शोधकर्ताओं ने दावा किया कि उनके द्वारा विकसित कोविड-19 जांच किट मौजूदा समय में इस्तेमाल किए जा रहे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) पर आधारित नहीं है.

उन्होंने कहा कि किट 550 रुपये की कीमत पर विकसित की गई है और बड़े पैमाने पर उत्पादन होने पर इसकी कीमत 350 रुपये तक हो सकती है.

शोधकर्ताओं ने जांच किट के पेटेंट के लिए आवेदन किया है और हैदराबाद स्थित ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में नैदानिक परीक्षण चल रहा है है एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से मंजूरी मांगी गई है.

आईआईटी हैदराबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर शिव गोविंद सिंह ने बताया कि हमने कोविड-19 जांच किट विकसित किया है, जिससे 20 मिनट के अंदर लक्षण और गैर लक्षण वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी. इसकी विशेषता यह है कि यह आरटी-पीसीआर की तरह काम करता है.

सिंह ने कहा कि कम मूल्य की यह जांच किट आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जा सकती है और मरीज के घर में ही जांच की जा सकती है. इस जांच किट को मौजूदा जांच प्रणाली के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. हमने कोविड-19 जीनोम के संरक्षित क्षेत्रों के एक विशेष अनुक्रम की पहचान की है.

आईआईटी हैदराबाद देश का दूसरा शिक्षण संस्थान है जिसने कोरोना वायरस की जांच किट विकसित की है.

पढ़ें : स्वास्थ्यकर्मियों का अमानवीय व्यवहार, कोरोना पॉजिटिव का शव गढ्ढे में फेंका

आईआईटी दिल्ली पहला शिक्षण संस्थान है जिसके द्वारा विकसित वास्तविक समय पीसीआर जांच किट को आईसीएमआर से मंजूरी मिली है.

शोधकर्ताओं ने दावा मौजूदा जांच पद्धति 'अनुसंधान आधारित' है जबकि उनके छात्रों द्वारा विकसित किट 'अनुसंधान मुक्त' पद्धति पर आधारित है, जिससे गुणवत्ता से समझौता किए बिना जांच की लागत में कमी आती है.

उल्लेखनीय है कि भारत इटली को पीछे छोड़कर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित दुनिया का छठा देश बन गया है. देश में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 9,887 नए मरीज सामने आने के साथ ही कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,36,657 हो गए हैं.

भारत में शनिवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के कारण 294 मरीजों ने दम तोड़ दिया जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 6,642 हो गई है.

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने कोविड-19 की जांच के लिए किट विकसित की है, जिससे महज 20 मिनट में कोरोना के नतीजे आ जाएंगे.

शोधकर्ताओं ने दावा किया कि उनके द्वारा विकसित कोविड-19 जांच किट मौजूदा समय में इस्तेमाल किए जा रहे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) पर आधारित नहीं है.

उन्होंने कहा कि किट 550 रुपये की कीमत पर विकसित की गई है और बड़े पैमाने पर उत्पादन होने पर इसकी कीमत 350 रुपये तक हो सकती है.

शोधकर्ताओं ने जांच किट के पेटेंट के लिए आवेदन किया है और हैदराबाद स्थित ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में नैदानिक परीक्षण चल रहा है है एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से मंजूरी मांगी गई है.

आईआईटी हैदराबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर शिव गोविंद सिंह ने बताया कि हमने कोविड-19 जांच किट विकसित किया है, जिससे 20 मिनट के अंदर लक्षण और गैर लक्षण वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी. इसकी विशेषता यह है कि यह आरटी-पीसीआर की तरह काम करता है.

सिंह ने कहा कि कम मूल्य की यह जांच किट आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जा सकती है और मरीज के घर में ही जांच की जा सकती है. इस जांच किट को मौजूदा जांच प्रणाली के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. हमने कोविड-19 जीनोम के संरक्षित क्षेत्रों के एक विशेष अनुक्रम की पहचान की है.

आईआईटी हैदराबाद देश का दूसरा शिक्षण संस्थान है जिसने कोरोना वायरस की जांच किट विकसित की है.

पढ़ें : स्वास्थ्यकर्मियों का अमानवीय व्यवहार, कोरोना पॉजिटिव का शव गढ्ढे में फेंका

आईआईटी दिल्ली पहला शिक्षण संस्थान है जिसके द्वारा विकसित वास्तविक समय पीसीआर जांच किट को आईसीएमआर से मंजूरी मिली है.

शोधकर्ताओं ने दावा मौजूदा जांच पद्धति 'अनुसंधान आधारित' है जबकि उनके छात्रों द्वारा विकसित किट 'अनुसंधान मुक्त' पद्धति पर आधारित है, जिससे गुणवत्ता से समझौता किए बिना जांच की लागत में कमी आती है.

उल्लेखनीय है कि भारत इटली को पीछे छोड़कर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित दुनिया का छठा देश बन गया है. देश में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 9,887 नए मरीज सामने आने के साथ ही कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,36,657 हो गए हैं.

भारत में शनिवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के कारण 294 मरीजों ने दम तोड़ दिया जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 6,642 हो गई है.

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