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भारत में एड्स : जागरुकता सबसे अहम बचाव, जानें राज्यों की स्थिति

विश्व एड्स दिवस पूरी दुनिया में हर साल एक दिसम्बर को लोगों को एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम (एड्स) के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है. आंकड़ों की बात करें तो महिलाओं से ज्यादा पुरुष इस बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं. भारत के राज्यों में एड्स से ग्रसित लोगों की दशा चिंताजनक है. जानें पूरा विवरण

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भारत में एड्स के आंकड़े
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Published : Dec 1, 2019, 11:01 AM IST

Updated : Dec 1, 2019, 4:37 PM IST

नई दिल्ली : हाल ही में जारी, भारत एचआईवी अनुमान 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में 15 से 49 वर्ष के व्यस्कों में 0.22% प्रतिशत मामले सामने आए हैं. 2017 में, वयस्क एचआईवी फैलने के 0.25% मामले होने का अनुमान लगाया गया.

आंकड़ों के मुताबिक, पुरूषों में 0. 25 प्रतिशत जबकि महिलाएं 0.19% एडस से ग्रस्त हैं. 2001 में यह आंकड़ा 0.38% था जबकि, 2007 में 0.34%, 2012 में 0.28% और 2015 में 0.26% और 2017 में 0.22% था.

1990 से 2017 के दौरान भारत में वयस्कों में एचआईवी
2017 में, राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में मिजोरम में सबसे अधिक 2.04%, एचआईवी ग्रस्त लोग थे. इसके बाद मणिपुर में 1.43%, नागालैंड में 1.15प्रतिशत, तेलंगाना में 0.70%, और आंध्र प्रदेश में 0.63% एचआईवी पीड़ित थे.

जानें एचआईवी से ग्रस्त राज्यों की स्थिति

इन राज्यों के अलावा, कर्नाटक में 0.47%, गोवा में 0.42%, महाराष्ट्र में 0.33%, और दिल्ली में 0.30%, इस संक्रमण से ग्रस्त हैं.

इसके अलावा तमिलनाडु में 0.22 प्रतिशत लोग एचआईवी पीड़ित है जबकि अन्य राज्यों और केंद्र शासित राज्यों मे यह तादाद 0.22 प्रतिशत से कम है.

2017 में राज्यवार वयस्क एचआईवी 2017 में भारत में HIV के साथ रहने वाले लोगों की कुल संख्या 21.40 लाख आंकी गई है. यह तादाद 15 साल से कम आयु के बच्चों में 0.61 लाख है जबकि 15 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं में यह संख्या 8.79 लाख है.

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सबसे बड़े सूबे का हाल
उत्तर प्रदेश में लगभग 1.34 लाख लोग एचआईवी ग्रस्त हैं. इस मामले पर यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसायटी की काउंसलर रितु भार्गव ने बताया कि जब कोई गर्भवती एचआईवी पॉजिटिव महिला हमारे पास आती है, तो हम उसकी काउंसलिंग करते हैं. वह महिलाओं को बताती हैं कि जब तक बच्चा पैदा नहीं होता है, तब तक आपको हमारे संपर्क में रहना पड़ेगा. जिस तरह से हम बताएंगे, उस तरह से आपको सावधानी बरतनी पड़ेगी.

रितु भार्गव ने बताया कि महिला को यह भी बताया जाता है कि उसे कब कौन सी जांच करानी है. साथ ही प्रसव भी प्रशिक्षित चिकित्सक से ही कराना है. यदि कोई दिक्कत आती है तो हमें बताएं. इसके साथ ही एआरटी से महिला की दवाई शुरू कर दी जाती है. बच्चा जब पैदा होता है तो उस बच्चे को दवा पिलाई जाती है. फिर 45 दिन, 6 महीने और 18 महीने बाद बच्चे की जांच की जाती है. बच्चा एचआईवी निगेटिव आता है तो कोई बात नहीं और यदि कोई बच्चा एचआईवी पॉजिटिव आता है तो फिर उसे एआरटी से जोड़ कर उसका उपचार शुरू कराया जाता है.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रामाशंकर ने बैच को लेकर किय जागरूक
पॉजिटिव वेलफेयर सोसायटी (आगरा) के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रामाशंकर ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो इसके लिए हमारी संस्था की ओर से उन्हें सिलाई और कढ़ाई का काम सिखाया जा रहा है. जिले की 50 एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बैच बनाया गया है, जिससे उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा.

पढ़ें : विश्व में लगभग साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग HIV से प्रभावित

राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में एड्स
2017 में, महाराष्ट्र में एचआईवी ग्रस्त लोगों की संख्या आंकी गई, जहा करीब 3.30 लाख लोग इस संक्रामण से लड़ रहे है. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 2.70 लाख, कर्नाटक में 2.47 लाख, तेलंगाना में 2.04 लाख, पश्चिम बंगाल 1.44 लाख, तमिलनाडु में 1.42 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.34 लाख, और बिहार में 1.15 लाख लोग इन आठ राज्यों में एड्स प्रभावित हैं, इन आठ राज्यों में देश के कुल एडस पीड़ितों के 75 प्रतिशत मौजूद हैं.

अन्य सभी राज्यों में एचआईवी से पीड़ित 1 लाख से कम लोग रहते हैं.

राज्य / संघ राज्य क्षेत्र का कुल प्रतिशत वितरण
भारत में 2017 में लगभग 87.58 हजार लोगों में नए एचआईवी संक्रमण होने का अनुमान है. भारत में 1995 के बाद से 85% तक नए एचआईवी संक्रमण में गिरावट आई और 2010-2017 के बीच 27% की वृद्धि हुई है.

2017 में हुए नए एचआईवी संक्रमण का 40 फीसदी महिलाओं के कारण हुआ.

अगर बात की जाए उत्तर-पूर्व क्षेत्र के तीन राज्यों- असम, मिजोरम और मेघालय की यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.

उत्तराखंड में भी एचआईवी संक्रमण के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि, नागालैंड, मणिपुर, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और जम्मू और कश्मीर में पिछले 7 वर्षों में की 10% की गिरावट आई है.

तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली. इन 10 राज्यों में कुल वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण का 71% हिस्सेदारी है.

नई दिल्ली : हाल ही में जारी, भारत एचआईवी अनुमान 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में 15 से 49 वर्ष के व्यस्कों में 0.22% प्रतिशत मामले सामने आए हैं. 2017 में, वयस्क एचआईवी फैलने के 0.25% मामले होने का अनुमान लगाया गया.

आंकड़ों के मुताबिक, पुरूषों में 0. 25 प्रतिशत जबकि महिलाएं 0.19% एडस से ग्रस्त हैं. 2001 में यह आंकड़ा 0.38% था जबकि, 2007 में 0.34%, 2012 में 0.28% और 2015 में 0.26% और 2017 में 0.22% था.

1990 से 2017 के दौरान भारत में वयस्कों में एचआईवी
2017 में, राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में मिजोरम में सबसे अधिक 2.04%, एचआईवी ग्रस्त लोग थे. इसके बाद मणिपुर में 1.43%, नागालैंड में 1.15प्रतिशत, तेलंगाना में 0.70%, और आंध्र प्रदेश में 0.63% एचआईवी पीड़ित थे.

जानें एचआईवी से ग्रस्त राज्यों की स्थिति

इन राज्यों के अलावा, कर्नाटक में 0.47%, गोवा में 0.42%, महाराष्ट्र में 0.33%, और दिल्ली में 0.30%, इस संक्रमण से ग्रस्त हैं.

इसके अलावा तमिलनाडु में 0.22 प्रतिशत लोग एचआईवी पीड़ित है जबकि अन्य राज्यों और केंद्र शासित राज्यों मे यह तादाद 0.22 प्रतिशत से कम है.

2017 में राज्यवार वयस्क एचआईवी 2017 में भारत में HIV के साथ रहने वाले लोगों की कुल संख्या 21.40 लाख आंकी गई है. यह तादाद 15 साल से कम आयु के बच्चों में 0.61 लाख है जबकि 15 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं में यह संख्या 8.79 लाख है.

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सबसे बड़े सूबे का हाल
उत्तर प्रदेश में लगभग 1.34 लाख लोग एचआईवी ग्रस्त हैं. इस मामले पर यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसायटी की काउंसलर रितु भार्गव ने बताया कि जब कोई गर्भवती एचआईवी पॉजिटिव महिला हमारे पास आती है, तो हम उसकी काउंसलिंग करते हैं. वह महिलाओं को बताती हैं कि जब तक बच्चा पैदा नहीं होता है, तब तक आपको हमारे संपर्क में रहना पड़ेगा. जिस तरह से हम बताएंगे, उस तरह से आपको सावधानी बरतनी पड़ेगी.

रितु भार्गव ने बताया कि महिला को यह भी बताया जाता है कि उसे कब कौन सी जांच करानी है. साथ ही प्रसव भी प्रशिक्षित चिकित्सक से ही कराना है. यदि कोई दिक्कत आती है तो हमें बताएं. इसके साथ ही एआरटी से महिला की दवाई शुरू कर दी जाती है. बच्चा जब पैदा होता है तो उस बच्चे को दवा पिलाई जाती है. फिर 45 दिन, 6 महीने और 18 महीने बाद बच्चे की जांच की जाती है. बच्चा एचआईवी निगेटिव आता है तो कोई बात नहीं और यदि कोई बच्चा एचआईवी पॉजिटिव आता है तो फिर उसे एआरटी से जोड़ कर उसका उपचार शुरू कराया जाता है.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रामाशंकर ने बैच को लेकर किय जागरूक
पॉजिटिव वेलफेयर सोसायटी (आगरा) के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रामाशंकर ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो इसके लिए हमारी संस्था की ओर से उन्हें सिलाई और कढ़ाई का काम सिखाया जा रहा है. जिले की 50 एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बैच बनाया गया है, जिससे उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा.

पढ़ें : विश्व में लगभग साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग HIV से प्रभावित

राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में एड्स
2017 में, महाराष्ट्र में एचआईवी ग्रस्त लोगों की संख्या आंकी गई, जहा करीब 3.30 लाख लोग इस संक्रामण से लड़ रहे है. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 2.70 लाख, कर्नाटक में 2.47 लाख, तेलंगाना में 2.04 लाख, पश्चिम बंगाल 1.44 लाख, तमिलनाडु में 1.42 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.34 लाख, और बिहार में 1.15 लाख लोग इन आठ राज्यों में एड्स प्रभावित हैं, इन आठ राज्यों में देश के कुल एडस पीड़ितों के 75 प्रतिशत मौजूद हैं.

अन्य सभी राज्यों में एचआईवी से पीड़ित 1 लाख से कम लोग रहते हैं.

राज्य / संघ राज्य क्षेत्र का कुल प्रतिशत वितरण
भारत में 2017 में लगभग 87.58 हजार लोगों में नए एचआईवी संक्रमण होने का अनुमान है. भारत में 1995 के बाद से 85% तक नए एचआईवी संक्रमण में गिरावट आई और 2010-2017 के बीच 27% की वृद्धि हुई है.

2017 में हुए नए एचआईवी संक्रमण का 40 फीसदी महिलाओं के कारण हुआ.

अगर बात की जाए उत्तर-पूर्व क्षेत्र के तीन राज्यों- असम, मिजोरम और मेघालय की यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.

उत्तराखंड में भी एचआईवी संक्रमण के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि, नागालैंड, मणिपुर, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और जम्मू और कश्मीर में पिछले 7 वर्षों में की 10% की गिरावट आई है.

तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली. इन 10 राज्यों में कुल वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण का 71% हिस्सेदारी है.

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भारत में एड्स के आंकड़े

हाल ही में जारी, भारत एचआईवी अनुमान 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में 15 से 49 वर्ष के व्यस्कों में 0.22% प्रतिशत मामले सामने आए हैं.

2017 में, वयस्क एचआईवी फैलने के 0.25% मामले होने का अनुमान है.

आंकड़ों के मुताबिक, पुरूषों में 0. 25 प्रतिशत जबकि महिलाएं 0.19% एडस से ग्रस्त हैं.

2001 में यह आंकड़ा 0.38% था जबकि, 2007 में 0.34%, 2012 में 0.28% और 2015 में 0.26% और 2017 में 0.22% था.

1990 से 2017 के दौरान भारत में वयस्कों में एचआईवी,

2017 में, राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में मिजोरम में सबसे अधिक 2.04%, एचआईवी ग्रस्त लोग थे. इसके बाद मणिपुर में 1.43%, नागालैंड में 1.15प्रतिशत, तेलंगाना में 0.70%, और आंध्र प्रदेश में 0.63% एचआईवी पीड़ित थे.

इन राज्यों के अलावा, कर्नाटक में 0.47%, गोवा में 0.42%, महाराष्ट्र में 0.33%, और दिल्ली में 0.30%, इस संक्रमण से ग्रस्त हैं.



इसके अलावा तमिलनाडु में 0.22प्रतिशत लोग एचआईवी पीड़ित है जबकि अन्य राज्यों और केंद्र शासित राज्यों मे यह तादाद 0.22प्रतिशत से कम है.

2017 में राज्यवार वयस्क एचआईवी 2017 में भारत में HIV के साथ रहने वाले लोगों की कुल संख्या 21.40 लाख आंकी गई है. यह तादाद 15 साल से कम आयु के बच्चों में 0.61 लाख है जबकि 15 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं में यह संख्या 8.79 लाख है.

राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में एड्स

2017 में, महाराष्ट्र में एचआईवी ग्रस्त लोगों की संख्या आंकी गई, जहा करीब 3.30 लाख लोग इस संक्रामण से लड़ रहे है. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 2.70 लाख, कर्नाटक में 2.47 लाख, तेलंगाना में 2.04 लाख, पश्चिम बंगाल 1.44 लाख, तमिलनाडु में 1.42 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.34 लाख, और बिहार में 1.15 लाख लोग इन आठ राज्यों में एड्स प्रभावित हैं, इन आठ राज्यों में देश के कुल एडस पीड़ितों के 75 प्रतिशत मौजूद हैं.

अन्य सभी राज्यों में एचआईवी से पीड़ित 1 लाख से कम लोग रहते हैं.

राज्य / संघ राज्य क्षेत्र का कुल प्रतिशत वितरण

भारत में 2017 में लगभग 87.58 हजार लोगों में नए एचआईवी संक्रमण होने का अनुमान है. भारत में 1995 के बाद से 85% तक नए एचआईवी संक्रमण में गिरावट आई और 2010-2017 के बीच 27% की वृद्धि हुई है.

2017 में महिलाओं में एचआईवी के 40% मामलों देखने को मिले हैं.

अगर बात की जाए उत्तर-पूर्व क्षेत्र के तीन राज्यों- असम, मिजोरम और मेघालय की यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. उत्तराखंड में भी वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण बढ़ रहे हैं, जबकि उत्तराखंड में भी एचआईवी संक्रमण के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि, नागालैंड, मणिपुर, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और जम्मू और कश्मीर में पिछले 7 वर्षों में की 10% की गिरावट आई है.

तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली. इन दस राज्यों में कुल वार्षिक नए एचआईवी संक्रमण का 71% हिस्सेदारी है.


Conclusion:
Last Updated : Dec 1, 2019, 4:37 PM IST
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