नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे के जंगल में पेड़ों की कटाई के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत सोमवार, सात अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी. दो जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
उत्तरी मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. आम लोग से लेकर कई नेताओं ने पेड़ कटाई का विरोध किया है. हालांकि, मुंबई हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.
दरअसल, मुंबई में आरे के जंगलों को शहर का फेफड़ा कहा जाता है. महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई मेट्रो के लिए इन जंगलों को काटा जा रहा है.
मेट्रो-3 के लिए कार-शेड बनाने के लिए रास्ता साफ करने को लेकर आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने का विरोध किए जाने के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और 75 से अधिक पर्यावरण कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए गए लोगों में शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं, जबकि आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार देर रात से हो रही पेड़ों की कटाई की निंदा की.
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बता दें कि बंबई उच्च न्यायलय ने उत्तरी मुंबई हरित क्षेत्र में पार्किंग बनाने के लिये पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जिन 2600 से अधिक पेड़ों को काटा जाना है, उनमें से 200 पेड़ शुक्रवार को काट डाले गये.