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आरे जंगल मामला : सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, सुनवाई कल

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे जंगल में हो रही पेड़ो की कटाई मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत सोमवार, 7 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी. जानें पूरा विवरण

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 6, 2019, 8:39 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 8:46 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे के जंगल में पेड़ों की कटाई के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत सोमवार, सात अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी. दो जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

उत्तरी मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. आम लोग से लेकर कई नेताओं ने पेड़ कटाई का विरोध किया है. हालांकि, मुंबई हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.

दरअसल, मुंबई में आरे के जंगलों को शहर का फेफड़ा कहा जाता है. महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई मेट्रो के लिए इन जंगलों को काटा जा रहा है.

मेट्रो-3 के लिए कार-शेड बनाने के लिए रास्ता साफ करने को लेकर आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने का विरोध किए जाने के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और 75 से अधिक पर्यावरण कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए गए लोगों में शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं, जबकि आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार देर रात से हो रही पेड़ों की कटाई की निंदा की.

पढ़ें-आरे जंगल मामला: जावड़ेकर बोले- दिल्ली मेट्रो के लिए भी काटे थे पेड़

बता दें कि बंबई उच्च न्यायलय ने उत्तरी मुंबई हरित क्षेत्र में पार्किंग बनाने के लिये पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जिन 2600 से अधिक पेड़ों को काटा जाना है, उनमें से 200 पेड़ शुक्रवार को काट डाले गये.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे के जंगल में पेड़ों की कटाई के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत सोमवार, सात अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी. दो जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

उत्तरी मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. आम लोग से लेकर कई नेताओं ने पेड़ कटाई का विरोध किया है. हालांकि, मुंबई हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.

दरअसल, मुंबई में आरे के जंगलों को शहर का फेफड़ा कहा जाता है. महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई मेट्रो के लिए इन जंगलों को काटा जा रहा है.

मेट्रो-3 के लिए कार-शेड बनाने के लिए रास्ता साफ करने को लेकर आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने का विरोध किए जाने के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और 75 से अधिक पर्यावरण कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए गए लोगों में शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं, जबकि आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार देर रात से हो रही पेड़ों की कटाई की निंदा की.

पढ़ें-आरे जंगल मामला: जावड़ेकर बोले- दिल्ली मेट्रो के लिए भी काटे थे पेड़

बता दें कि बंबई उच्च न्यायलय ने उत्तरी मुंबई हरित क्षेत्र में पार्किंग बनाने के लिये पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जिन 2600 से अधिक पेड़ों को काटा जाना है, उनमें से 200 पेड़ शुक्रवार को काट डाले गये.

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PRI GEN NAT
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JK-NC-DELEGATION
15-member NC delegation meets Farooq, Omar Abdullah
         Srinagar, Oct 6 (PTI) In the first major political development post withdrawal of special status to Jammu and Kashmir, a 15-member National Conference delegation on Sunday met detained party leaders Farooq Abdullah and Omar Abdullah here.
         The delegation discussed developments in the state and upcoming local body polls during the separate meetings with the two leaders. The Jammu and Kashmir government had given permission to the delegation to meet the leaders.
         The delegation led by Jammu's provincial chief of the party Davinder Singh Rana met former chief Minister Omar Abdullah at Hari Nivas for little over 30 minutes.
          This was the first meeting of Omar with a party delegation after he was detained on August 5, a day when the Centre announced abrogation of special status to the state under Article 370.
         Omar, who was sporting a beard, was seen clicking a selfie with party leaders.
         The delegation then drove to Farooq Abdullah's residence.
         Emerging after the meeting, Rana told reporters that for any political process to begin, the leaders of the party need to be released.
         There is "anguish about developments particularly about lockdown of the people and we, as a party, appeal that the political process to start and democracy to revive in Jammu and Kashmir political detenues anywhere and everywhere, whether from mainstream political parties or otherwise who have no criminal record, may be released to initiate the process and the hearts and minds of the people of Jammu and Kashmir are won," he said.
          He said the party, which has a legacy, history and a chequered track record, was of unanimous view that it would continue to strive for the welfare of the people and shall continue to work for communal harmony, brotherhood, togetherness and keep the secular fabric of the state shining.
         On a question about the party's participation in block development committee elections, he said, "See there is a complete lockdown. If the political process has to start then these members have to be released.
         Rana said,"After restrictions on political leaders in Jammu were removed, we held a meeting in which it was decided that we will approach governor (S P Malik) to seek his permission to have an audience with the president and the vice president of the party".
         We are happy they are both well and in high spirits. Of course, they are pained and anguished about developments, particularly lockdown of the people," he said.
         Asked about the party's stand on the upcoming Block Development Council (BDC) elections, Rana said for any political process to start in the state, the mainstream political leaders should be released first.
         In case of NC, even if we want to contest the BDC elections, the 380 panchayats that exist, the mandate has to be signed by the party president who has been unfortunately detained under the PSA, he said.
         The NC leader said the party's working committee would decide on the future course of action whenever the party leaders including the NC president and vice-president would be released.
         Let them be released, then the working committee of the party will meet and discuss and then we will formulate a strategy for the future, Rana said when questioned about the party's future strategy. PTI SKL SSB
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Last Updated : Oct 6, 2019, 8:46 PM IST
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