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49 हस्तियों के खिलाफ FIR, विपक्ष बोला- 'क्या मोदी का विरोध करना अपराध है ? - mob lynching letter FIr

बिहार में एक अदालत के आदेश पर 49 बड़ी हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. इन लोगों ने मॉब लिंचिंग के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा था. दूसरी ओर बुधवार को उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में उस आरोपी को जमानत मिल गई, जिस पर पुलिस अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. जानें, विस्तार से क्या है खबर.

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Published : Oct 5, 2019, 12:07 AM IST

Updated : Oct 5, 2019, 12:01 PM IST

नई दिल्लीः देश में बढ़ रही मॉब लींचिंग की घटना पर चिंता जताते हुए जिन 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था, उन पर एफआईआर दर्ज हो गई है. एफआईआर बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के एक वकील सुधीर कुमार ओझा की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद दर्ज की गई है.

इस घटना पर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के अलावा कानून के जानकारों ने चिंता जताई है. उनका कहना है कि मोदी का विरोध करने पर कार्रवाई हो जाती है, लेकिन उनकी नीतियो का समर्थन करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, बल्कि उन्हें जमानत तक मिल जाती है.

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में उन लोगों की आवाज दबाने की कोशिश है, जो मोदी का विरोध करते हैं.

वहीं कानून के जानकार बताते हैं कि एफआईआर तो किसी के खिलाफ दर्ज करवाई जा सकती है. इस मामले की अब जांच होगी. उसके बाद ही पता चल सकेगा कि जिन 49 प्रबुद्ध हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उन पर किस तरह की कार्रवाई बनती है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट.

जिन हस्तियों के इनमें नाम शामिल हैं, उनमें राम चन्द्र गुहा, मणि रत्नम, अपर्णा सेन, अनुराग कश्यप सरीखे कुल 49 लोग शामिल हैं. इन लोगों ने 22 जुलाई को लिखे गए एक पत्र में देश मे मॉब लींचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई थी. उन्होंने कुछ सुझाव भी सामने रखे थे. तब ये मामला चर्चा का विषय बना था, जिसके बाद अगस्त में मुजफ्फरपुर के स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. अब एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बार फिर ये मामला सुर्खियों में आया है.

पढ़ें-राहुल का मोदी पर तंज, कहा PM के खिलाफ बोलने पर जेल में डाला जाता है

सीपीआई एम के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसकी निंदा की है. येचुरी ने कहा है कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है. ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है , यहां सबको अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है.

मॉब लींचिंग पर चिंता व्यक्त करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का ये मामला ऐसे समय में आया है जब बीते बुधवार को बुलंदशहर में पुलिस अधिकारी की ऐसी ही एक घटना में हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.

गौरतलब है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या दिसंबर 2018 में एक हिंसक भीड़ के हमले के दौरान हुई थी.

एक तरफ मॉब लींचिंग की आड़ में हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी को जमानत और दूसरी तरफ इस तरह की बर्बर घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त कर प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखने वाले हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इंतजार सरकार की प्रतिक्रिया का है.

नई दिल्लीः देश में बढ़ रही मॉब लींचिंग की घटना पर चिंता जताते हुए जिन 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था, उन पर एफआईआर दर्ज हो गई है. एफआईआर बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के एक वकील सुधीर कुमार ओझा की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद दर्ज की गई है.

इस घटना पर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के अलावा कानून के जानकारों ने चिंता जताई है. उनका कहना है कि मोदी का विरोध करने पर कार्रवाई हो जाती है, लेकिन उनकी नीतियो का समर्थन करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, बल्कि उन्हें जमानत तक मिल जाती है.

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में उन लोगों की आवाज दबाने की कोशिश है, जो मोदी का विरोध करते हैं.

वहीं कानून के जानकार बताते हैं कि एफआईआर तो किसी के खिलाफ दर्ज करवाई जा सकती है. इस मामले की अब जांच होगी. उसके बाद ही पता चल सकेगा कि जिन 49 प्रबुद्ध हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उन पर किस तरह की कार्रवाई बनती है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट.

जिन हस्तियों के इनमें नाम शामिल हैं, उनमें राम चन्द्र गुहा, मणि रत्नम, अपर्णा सेन, अनुराग कश्यप सरीखे कुल 49 लोग शामिल हैं. इन लोगों ने 22 जुलाई को लिखे गए एक पत्र में देश मे मॉब लींचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई थी. उन्होंने कुछ सुझाव भी सामने रखे थे. तब ये मामला चर्चा का विषय बना था, जिसके बाद अगस्त में मुजफ्फरपुर के स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. अब एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बार फिर ये मामला सुर्खियों में आया है.

पढ़ें-राहुल का मोदी पर तंज, कहा PM के खिलाफ बोलने पर जेल में डाला जाता है

सीपीआई एम के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसकी निंदा की है. येचुरी ने कहा है कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है. ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है , यहां सबको अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है.

मॉब लींचिंग पर चिंता व्यक्त करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का ये मामला ऐसे समय में आया है जब बीते बुधवार को बुलंदशहर में पुलिस अधिकारी की ऐसी ही एक घटना में हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.

गौरतलब है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या दिसंबर 2018 में एक हिंसक भीड़ के हमले के दौरान हुई थी.

एक तरफ मॉब लींचिंग की आड़ में हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी को जमानत और दूसरी तरफ इस तरह की बर्बर घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त कर प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखने वाले हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इंतजार सरकार की प्रतिक्रिया का है.

Intro:मॉब लींचिंग पर चिंता जताते हुए जिन 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था उन पर एफआईआर दर्ज हो गई है । ये एफआईआर बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के एक वकील सुधीर कुमार ओझा की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट के आदेश के बाद दर्ज की गई है ।
एफआईआर दर्ज होने के बाद विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के अलावा कानून विद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है ।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये देश में उन लोगों की आवाज दबाने की कोशिश है ।
बाइट - मनीष तिवारी , कांग्रेस नेता ( Sent by Manish Thakur )
वहीं कानून विद मानते हैं की इस तरह की एफआईआर कोई भी किसी के खिलाफ दर्ज करवा सकता है और इस मामले पर अब जांच चलेगी और उसके बाद ही पता चल सकेगा कि जिन 49 प्रबुद्ध हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उन पर किस तरह की कार्रवाई बनती है ।

बाइट - अधिवक्ता (byte sent by Maitri)

राम चन्द्र गूहा, मणि रत्नम, अपर्णा सेन, अनुराग कश्यप सरीखे कुल 49 हस्तियों को एफआईआर में नामजद किया गया है । 22 जुलाई को लिखे गए पत्र में इन हस्तियों ने देश मे मॉब लींचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई थी और कुछ सुझाव भी सामने रखे थे । तब ये मामला चर्चा का विषय बना था जिसके बाद अगस्त में मुजफ्फरपुर के स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने न्यायालय में एक याचिका दायर की थी ।
अब एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बार फिर ये मामला सुर्खियों में आया है ।



Body:सीपीआई एम के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसकी निंदा की है ।
येचुरी ने कहा है कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसे देश द्रोही करार दे दिया जाता है । ये लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं है , यहां सबको अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है ।

बाइट - सीताराम येचुरी, वरिष्ठ नेता सीपीआई एम

मॉब लींचिंग पर चिंता व्यक्त करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का ये मामला ऐसे समय में आया है जब बीते बुधवार को बुलंदशहर में पुलिस अधिकारी की ऐसे ही एक घटना में हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है ।
गौरतलब है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या दिसंबर 2018 में एक हिंसक भीड़ के हमले के दौरान हुई थी ।

एक तरफ मॉब लींचिंग की आड़ में हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी को जमानत और दूसरी तरफ इस तरह की बर्बर घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त कर प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखने वाले हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर सवाल उठने लाज़मी हैं कि आखिर देश की कानून व्यवस्था और उसके लिये जिम्मेदार सत्तासीन मोदी सरकार का रुख इस पूरे प्रकरण पर क्या है ?


Conclusion:Please pick other two bytes from Maitrie Jha and Manish Thakur's CMS.
Byte from BJP was also expected.. plz check if it has been sent.
Last Updated : Oct 5, 2019, 12:01 PM IST
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