भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखते हुए मांग की है कि, पूरे देश में सत्ता के लोभी जनप्रतिनिधियों द्वारा निजी स्वार्थ के लिए दल बदलकर लोकतंत्र को कुचलने का काम किया जा रहा है. हर हाल में सत्ता पाने के लिए किए जा रहे दल बदल ने भारतीय लोकतंत्र को दागदार बना दिया है. दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दल-बदल कानून में प्रभावी संशोधन करने की मांग की है, जिसको लेकर उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि, 'दलीय निष्ठा लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा का हिस्सा रही है, लेकिन कुछ सालों में राजनीतिक शुचिता खंड- खंड हो रही है. धन व कुर्सी के प्रलोभन में आकर विधायक, सांसद जिस तरह इस्तीफा देकर या दल के टुकड़े करते हुए दल बदल कर रहे हैं, यह स्वस्थ लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है. लोकतंत्र में जिस जनता के सर्वोच्च होने की दुहाई दी जाती है. दल-बदल से सबसे ज्यादा कष्ट उसी जनता को हो रहा है. जिस जनप्रतिनिधि को जनता जनार्दन विधानसभा या लोकसभा भेज रही है, वो स्वार्थों की पूर्ति के लिए दल बदल कर जनता के मत का निरादर कर रहा है'.
इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने कहा है कि, 'राजनीतिक स्वार्थों और सत्ता की भूख से ऊपर उठकर आज इस मामले में विचार किए जाने की जरूरत है. मध्य प्रदेश,कर्नाटक,उत्तराखंड,अरुणाचल प्रदेश और गोवा, दलबदल की आग से झुलसने वाले राज्य हैं. जो हमारे सामने दलबदल के सबसे ज्वलंत उदाहरण हैं.'
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि 'भारतीय लोकतंत्र को दल-बदल के दलदल से बचाए जाने की आवश्यकता है. दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति से गुहार लगाते हुए लिखा है कि 'भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए दल बदल विरोधी कानून में परिवर्तन के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की पहल की जानी चाहिए'.