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राजकीय सम्मान के साथ किया गया पंडित जसराज का अंतिम संस्कार

संगीत मार्तंड पंडित जसराज मुंबई के विले पार्ले श्मशान घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायक पंडित जसराज का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. संगीत जगत से जुड़े लोगों ने पंडित जसराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए.

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Published : Aug 20, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 7:20 PM IST

पंडित जसराज
पंडित जसराज

मुंबई : प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायक पंडित जसराज का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. पंडित जसराज का शव बुधवार को अमेरिका के न्यूजर्सी से मुंबई लाया गया था. अंतिम संस्कार में संगीत से जुड़े कई दिग्गज जुटे. अंतिम संस्कार से पहले उनके चाहने वाले लोगों ने पंडित जसराज के आवास पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार.

संगीत के मेवाती घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित जसराज का निधन सोमवार को 90 वर्ष की उम्र में हृदय गति रुक जाने से अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित उनके आवास पर हो गया था.

कोरोना वायरस महामारी की वजह से जब भारत में लॉकडाउन की घोषणा की गई तब वह अमेरिका में थे. गौरतलब है कि पंडित जसराज ने अपने आठ दशक की संगीत विरासत में कई जटिल रागों को जीवंत किया. पंडित जसराज के परिवार में पत्नी मधुरा, बेटा शारंग देव पंडित और बेटी दुर्गा जसराज हैं और दोनों संगीतकार हैं.

पढ़ेंः प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का निधन, शोक में डूबा संगीत जगत

संगीत मार्तंड पंडित की बेटी दुर्गा जसराज ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि बापूजी का दिल एक बच्चे की तरह था. वह लगातार सीखते रहने में विश्वास रखते थे. दुर्गा जसराज ने बताया, 'मैं, मेरे भाई (संगीतकार शारंग देव) बापूजी को अपने पिता के रूप में पाकर धन्य और भाग्यशाली महसूस करती हूं, क्योंकि हम सभी भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में उनके योगदान के बारे में जानते हैं. लेकिन उन्होंने जिस तरह अपना जीवन व्यतीत किया उससे हमें उनके नक्शेकदम पर चलने की प्रेरणा मिली.'

संगीत से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया.

उन्होंने आगे कहा, 'हम एक ऐसे घर में पले-बढ़े हैं, जहां उनके कम से कम सात से 10 छात्र हमारे साथ रहते थे, क्योंकि वे गुरु-शिष्य परंपरा में विश्वास करते थे. उन्होंने कभी उनसे पैसे नहीं लिए, क्योंकि उनके लिए यह 'विद्या दान' था. जब हम बड़े हो रहे थे, तब तक बापूजी एक सुपरस्टार बन चुके थे, लेकिन तब भी उनके पास हम सभी के लिए समय होता था.'

पढ़ेंः जब पं. जसराज ने सरकार को दिए थे सुझाव, जताई थी नाराजगी

संगीत में विभिन्न प्रयोगों के लिए मशहूर पंडित जसराज को लेकर उनकी बेटी कहती हैं, 'बापूजी बहुत खुले विचारों वाले थे और हमेशा हमें प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते थे. लेकिन बापूजी कुछ चीजों को लेकर बहुत सख्त थे. अनुशासन और शारीरिक फिटनेस को लेकर वो बहुत सख्ती बरतते थे. उन्होंने हमेशा कहा कि यदि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं तो आप किसी भी चीज में उत्कृष्टता प्राप्त नहीं कर सकते.'

कैलाश खेर का बयान.

उन्होंने बताया, 'बापूजी का दिल बच्चे की तरह था. वह हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहते थे. लॉकडाउन के दौरान दुनिया भर में फैले स्टूडेंट्स को संगीत सिखाने के लिए उन्होंने टेक्नॉलॉजी का उपयोग करना सीखा.'

पढ़ेंः संगीत मार्तंड पंडित जसराज का निधन अपूरणीय क्षति, देखें स्मृतियां

दुर्गा कहती हैं बापूजी हमारे लिए एक आशीर्वाद की तरह थे, उन्होंने हमें सब कुछ दिया.

गौरतलब है कि प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज (90) का पार्थिव शरीर बुधवार को अमेरिका के न्यू जर्सी से मुंबई पहुंचा. पं. जसराज का पार्थिव शरीर एयर इंडिया के विमान एआई-144 से लाया गया था. इसके बाद पार्थिक शरीर को अंधेरी पश्चिम के वासोर्वा में परिवार के आवास पर ले जाया गया.

पारिवारिक प्रवक्ता प्रीतम शर्मा ने कहा कि पंडित जसराज की पत्नी मधुरा, बेटी दुर्गा, बेटे सारंग और पोते ने उनका पार्थिव शरीर प्राप्त किया.

उनके निधन पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य कई केंद्रीय मंत्रियों ने दुख जताया है. साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सत्तारूढ़ शिवसेना के नेताओं के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व शीर्ष बॉलीवुड हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

पढ़ेंः हरियाणा : शोहरत मिलने पर भी जमीन से जुड़े रहे पंडित जसराज

मुंबई : प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायक पंडित जसराज का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. पंडित जसराज का शव बुधवार को अमेरिका के न्यूजर्सी से मुंबई लाया गया था. अंतिम संस्कार में संगीत से जुड़े कई दिग्गज जुटे. अंतिम संस्कार से पहले उनके चाहने वाले लोगों ने पंडित जसराज के आवास पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार.

संगीत के मेवाती घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित जसराज का निधन सोमवार को 90 वर्ष की उम्र में हृदय गति रुक जाने से अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित उनके आवास पर हो गया था.

कोरोना वायरस महामारी की वजह से जब भारत में लॉकडाउन की घोषणा की गई तब वह अमेरिका में थे. गौरतलब है कि पंडित जसराज ने अपने आठ दशक की संगीत विरासत में कई जटिल रागों को जीवंत किया. पंडित जसराज के परिवार में पत्नी मधुरा, बेटा शारंग देव पंडित और बेटी दुर्गा जसराज हैं और दोनों संगीतकार हैं.

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संगीत मार्तंड पंडित की बेटी दुर्गा जसराज ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि बापूजी का दिल एक बच्चे की तरह था. वह लगातार सीखते रहने में विश्वास रखते थे. दुर्गा जसराज ने बताया, 'मैं, मेरे भाई (संगीतकार शारंग देव) बापूजी को अपने पिता के रूप में पाकर धन्य और भाग्यशाली महसूस करती हूं, क्योंकि हम सभी भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में उनके योगदान के बारे में जानते हैं. लेकिन उन्होंने जिस तरह अपना जीवन व्यतीत किया उससे हमें उनके नक्शेकदम पर चलने की प्रेरणा मिली.'

संगीत से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया.

उन्होंने आगे कहा, 'हम एक ऐसे घर में पले-बढ़े हैं, जहां उनके कम से कम सात से 10 छात्र हमारे साथ रहते थे, क्योंकि वे गुरु-शिष्य परंपरा में विश्वास करते थे. उन्होंने कभी उनसे पैसे नहीं लिए, क्योंकि उनके लिए यह 'विद्या दान' था. जब हम बड़े हो रहे थे, तब तक बापूजी एक सुपरस्टार बन चुके थे, लेकिन तब भी उनके पास हम सभी के लिए समय होता था.'

पढ़ेंः जब पं. जसराज ने सरकार को दिए थे सुझाव, जताई थी नाराजगी

संगीत में विभिन्न प्रयोगों के लिए मशहूर पंडित जसराज को लेकर उनकी बेटी कहती हैं, 'बापूजी बहुत खुले विचारों वाले थे और हमेशा हमें प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते थे. लेकिन बापूजी कुछ चीजों को लेकर बहुत सख्त थे. अनुशासन और शारीरिक फिटनेस को लेकर वो बहुत सख्ती बरतते थे. उन्होंने हमेशा कहा कि यदि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं तो आप किसी भी चीज में उत्कृष्टता प्राप्त नहीं कर सकते.'

कैलाश खेर का बयान.

उन्होंने बताया, 'बापूजी का दिल बच्चे की तरह था. वह हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहते थे. लॉकडाउन के दौरान दुनिया भर में फैले स्टूडेंट्स को संगीत सिखाने के लिए उन्होंने टेक्नॉलॉजी का उपयोग करना सीखा.'

पढ़ेंः संगीत मार्तंड पंडित जसराज का निधन अपूरणीय क्षति, देखें स्मृतियां

दुर्गा कहती हैं बापूजी हमारे लिए एक आशीर्वाद की तरह थे, उन्होंने हमें सब कुछ दिया.

गौरतलब है कि प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज (90) का पार्थिव शरीर बुधवार को अमेरिका के न्यू जर्सी से मुंबई पहुंचा. पं. जसराज का पार्थिव शरीर एयर इंडिया के विमान एआई-144 से लाया गया था. इसके बाद पार्थिक शरीर को अंधेरी पश्चिम के वासोर्वा में परिवार के आवास पर ले जाया गया.

पारिवारिक प्रवक्ता प्रीतम शर्मा ने कहा कि पंडित जसराज की पत्नी मधुरा, बेटी दुर्गा, बेटे सारंग और पोते ने उनका पार्थिव शरीर प्राप्त किया.

उनके निधन पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य कई केंद्रीय मंत्रियों ने दुख जताया है. साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सत्तारूढ़ शिवसेना के नेताओं के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व शीर्ष बॉलीवुड हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

पढ़ेंः हरियाणा : शोहरत मिलने पर भी जमीन से जुड़े रहे पंडित जसराज

Last Updated : Aug 20, 2020, 7:20 PM IST
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